मूंबई सेंट्रल रेलवे उपनगरीय डिवीज़न में काम करने वाले सभी मोटरमैनों ने ओवरटाईम काम करने से इनकार करते हुए, 10 फरवरी को एक आंदोलन शुरू किया। इसके पहले मध्य रेलवे की मुंबई उपनगरीय सेवा के एक मोटरमैन ने लोकल ट्रेन के सामने कूदकर अपनी जान दे दी थी। रेल प्रशासन ने इस मोटरमैन की मौत को एक दुर्घटना करार दिया। मध्य रेलवे की उपनगरीय सेवा के नाराज़ मोटरमैनों ने रेल प्रशासन के इस दावे को ख़ारिज़ कर दिया है।
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रेलवे के सिग्नल और टेलीकॉम मज़दूरों ने काम की सुरक्षित परिस्थितियों की मांग की
भारतीय रेल के सिग्नल और टेलीकॉम विभाग के कर्मचारियों ने घोषणा की है कि वे 14 मार्च, 2024 को ड्यूटी के दौरान अनशन करेंगे और अपनी कमीज की दाहिनी बाजू पर काली पट्टी बांधकर काम करेंगे और पूर्ण मौन रखेंगे। यह उनके विरोध को प्रकट करेगा कि उनकी मांगों को नज़र अंदाज़ किया जा रहा है।
आगे पढ़ेंहम कॉमरेड एम.एन. प्रसाद के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हैं
ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन (ए.आई.एल.आर.एस.ए.) के महासचिव कॉमरेड एम.एन. प्रसाद का 11 फरवरी, 2024 को 81 वर्ष की आयु में निधन हो गया। कॉमरेड एम.एन. प्रसाद ने लोको पायलटों, रेलवे मज़दूरों तथा संपूर्ण मज़दूर वर्ग और सभी मेहनतकश व उत्पीड़ित लोगों के हित में अपनी आखिरी सांस तक संघर्ष किया।
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देशभर में अनौपचारिक क्षेत्र के मज़दूर अपने अधिकारों की मांग कर रहे हैं
मज़दूर एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट
निर्माण, कृषि, घरेलू काम, मछली पालन, आदि सहित अनौपचारिक क्षेत्र के हज़ारों मज़दूरों के साथ-साथ गिग मज़दूर, 7 फरवरी को संसद के बाहर जंतर-मंतर पर एक विशाल रैली में एक साथ आए। उन्होंने बतौर मज़दूर अपने अधिकारों के लिए व्यापक क़ानूनी सुरक्षा की मांग की।
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किसानों ने अपनी मांगों के समर्थन में पूरे हिन्दोस्तान में ट्रैक्टर रैलियां आयोजित की
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के आह्वान पर, 26 जनवरी, 2024 को पूरे देश में किसान यूनियनों द्वारा ट्रैक्टर रैलियां आयोजित की गईं। प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार, ऐसी रैलियां 27 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 484 जिलों में आयोजित की गईं।
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शिक्षकों और छात्रों ने एन.ई.पी. 2020 को वापस लेने की मांग उठाई
मज़दूर एकता लहर संवाददाता की रिपोर्ट
ऑल-इंडिया फोरम फॉर राइट टू एजुकेशन (ए.आई.एफ.आर.टी.ई.) ने 3 फरवरी, 2024 को नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर एक विरोध प्रदर्शन आयोजित किया।
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भूमि अधिग्रहण का विरोध करने वाले ग्रामीणों के निरंतर उत्पीड़न के ख़िलाफ़ संघर्ष
ओडिशा के जगतसिंहपुर जिले के ढिंकिया गांव के निवासियों ने सशस्त्र पुलिस द्वारा उन पर किए गए क्रूर हमले की दूसरी बरसी पर 14 जनवरी, 2024 को भुवनेश्वर के पी.एम.जी. स्क्वायर पर ‘काला दिवस’ मनाया।
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छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य के निवासियों का कॉर्पोरेटों द्वारा उनकी भूमि हड़पने का विरोध
दिसंबर 2023 की शुरुआत में, भारी पुलिस सुरक्षा के साथ छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य में पेड़ों की कटाई फिर से शुरू हुई। यह प्रक्रिया राज्य विधानसभा के जुलाई 2022 में सर्वसम्मति से एक निजी सदस्य के उस प्रस्ताव के पारित होने के केवल 18 महीने बाद, जिसमें केंद्र सरकार से इन्हीं जंगलों में सभी खनन परियोजनाओं को रद्द करने के लिए कहा गया था।
आगे पढ़ेंयह गणतंत्र बुर्जुआ शासन का एक उपकरण है
प्रिय संपादक, मुझे इस वर्ष 23 जनवरी को सीजीपीआई द्वारा जारी किया गया बयान बहुत पसंद आया, जिसका शीर्षक था, ”यह गणतंत्र बुर्जुआ शासन का एक साधन है।“ इसमें बहुत तीखेपन से बताया गया है कि ”पिछले 74 वर्षों के जीवन के अनुभव से पता चलता है कि भारतीय गणराज्य सभी पहलुओं में संविधान की घोषणाओं के बिल्कुल विपरीत है“।
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