पेट्रोलियम कंपनियों का निजीकरण और मज़दूरों का विरोध
भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड (बी.पी.सी.एल.) के 32,000 से अधिक मज़दूर उसके निजीकरण के विरोध में 7 और 8 सितम्बर को देशव्यापी हड़ताल पर जायेंगे। इसमें 12,000 नियमित मज़दूर और 20,000 ठेका मज़दूर शामिल हैं। आल इंडिया कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ बी.पी.सी.एल. वर्कर्स ने इस देशव्यापी हड़ताल का बुलावा दिया है, जिसमें बी.पी.सी.एल. की 22 से अधिक ...
पेट्रोलियम रिफाइनरी का निजीकरण जन-विरोधी और राष्ट्र-विरोधी है
पिछले तीन दशकों से कांग्रेस और भाजपा नीत सरकारें पेट्रोलियम रिफाइनरियों के निजीकरण के कार्यक्रम को लागू करती आई हैं। मौजूदा भाजपा सरकार ने भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड (बी.पी.सी.एल.) को बेचने के लिए देशी और विदेशी कंपनियों से उनकी रुचि जानने के लिये आवेदन मंगाये हैं। बी.पी.सी.एल. के मज़दूर अपनी कंपनी के निजीकरण के फैसले ...
कच्चा तेल और प्राकृतिक गैस समाज की संपत्ति है
उन्हें निजी लाभ का स्रोत नहीं बनाया जा सकता
कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस मूल्यवान गैर-नवीकरणीय प्राकृतिक संसाधन हैं। वे सभी पेट्रोलियम और पेट्रोकेमिकल पदार्थों के उत्पादन में उपयोग किए जाने वाले कच्चे माल हैं। समाज की सामाजिक और आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए उनकी बहुत सीमित उपलब्धता के कारण हमारे देश में उनका ...