हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी मांग करती है कि पीड़ितों और लोगों की एकता की रक्षा के लिए लड़ने वाले कार्यकर्ताओं के खि़लाफ़ झूठे आपराधिक मामले तुरंत वापस लिए जाने चाहिए। जेल में बंद लोगों को तुरंत रिहा किया जाना चाहिए। यह बेहद अन्याय है कि अपराध के वास्तविक आयोजक खुले घूम रहे हैं, जबकि पीड़ितों पर आरोप लगाए जा रहे हैं, उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है और जेल में बन्द रखा जा रहा है।
आगे पढ़ेंपूर्वाेत्तर दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा के चार साल बाद :
पैरिस कम्यून की सालगिरह :
श्रमजीवी लोकतंत्र ही असली लोकतंत्र है
इस महीने में एक ऐसी घटना की 153वीं सालगिरह है, जिसमें मज़दूर वर्ग ने पहली बार शोषक वर्गों की हुकूमत के ख़िलाफ़ उठ खड़ा होकर, अपनी खुद की, पूरी तरह से नई, राज्य सत्ता स्थापित की थी। पैरिस कम्यून के नाम से मशहूर, 1871 में फ्रांस में मज़दूर वर्ग की इस उपलब्धि की दुनियाभर में सराहना की जाती है, क्योंकि इसने मानव जाति के इतिहास में एक नए युग की शुरुआत की थी।
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केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ राज्यों का विरोध प्रदर्शन
कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, दिल्ली और पंजाब के वरिष्ठ मंत्रियों सहित कई राज्य सरकारों के प्रमुख प्रतिनिधियों ने नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर 7 और 8 फरवरी को आयोजित एक विरोध प्रदर्शन में भाग लिया। वे केंद्र सरकार की विभिन्न कार्रवाइयों का विरोध कर रहे थे, जिनकी वजह से राज्य सरकारों के अधिकारों में कटौती हुई है और उनकी वित्तीय समस्याएं और भी गंभीर बन गई हैं।
आगे पढ़ेंपूरे हिन्दोस्तान में मज़दूरों के घरों का विध्वंस :
मेहनतकश जनता पर क्रूर हमला
कुख्यात “बुलडोज़र राज” के तहत पूरे देश में मज़दूरों के घरों को ध्वस्त किया जा रहा है और मेहनतकश लोगों को बेरहमी से अपने घरों से बेदखल किया जा रहा है।
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फ़िलिस्तीनी लोगों का क़त्लेआम तुरंत रुकना चाहिए!
फ़िलिस्तीनी लोगों के ख़िलाफ़ इज़रायल के जनसंहारक युद्ध को तत्काल रोकने के आह्वान में हिन्दोस्तानी लोग दुनिया के लोगों के साथ शामिल हैं।
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सभी कृषि उत्पादों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी आवश्यक भी है और संभव भी
एम.एस.पी. पर गारंटीकृत ख़रीद की किसानों की मांग, कृषि को पूंजीवादी लालच की पूर्ति की ओर उन्मुख करने के ख़िलाफ़ किये जा रह हमारे संघर्ष का ही एक हिस्सा है। यह किसानों के लिए सुरक्षित आजीविका सुनिश्चित करने और सभी आम लोगों के लिए किफ़ायती क़ीमतों पर भोजन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के हमारे सघर्ष का एक हिस्सा है। यह मज़दूर वर्ग और लोगों से बिना शर्त पूर्ण समर्थन पाने का हक़दार है क्योंकि यह हमारे अपने मूलभूत अधिकारों को हासिल करने का संघर्ष है।
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दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के विरोध प्रदर्शन पर बेरहम हमले की निंदा करें !
6 मार्च को, दिल्ली में कई महिला संगठनों ने अपनी मांगों को लेकर एक विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया।
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दिल्ली में रेल चालकों का अधिवेशन
मज़दूर एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट
28 फरवरी, 2024 को ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसियेशन (ए.आई.एल.आर.एस.ए.) का अधिवेशन दिल्ली में संपन्न हुआ। देश के कोने-कोने से आये ए.आई.एल.आर.एस.ए. के सैकड़ों प्रतिनिधि सह-परिवार अधिवेशन में शामिल हुये।
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मज़दूर प्रतिरोध दिवस
मज़दूर एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट
8 फरवरी, 2024 को दिल्ली के जंतर-मंतर पर मज़दूर प्रतिरोध दिवस, मज़दूर अधिकार संघर्ष अभियान (मासा) द्वारा मनाया गया। प्रतिरोध दिवस में मज़दूर, किसान, महिला, नौजवान, छात्र, छात्राओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
आगे पढ़ेंप्रसारण सेवाएं (विनियमन) विधेयक 2023 :
अभिव्यक्ति की आज़ादी के लोकतांत्रिक अधिकार पर प्रतिबन्ध
प्रसारण सेवाएं (विनियमन) विधेयक 2023, इंटरनेट-आधारित मंचों, समाचार वेबसाइटों, यू-ट्यूब और अन्य सोशल मीडिया चैनलों, ओटीटी मंचों आदि द्वारा प्रसारित सभी प्रकार की विषय वस्तु को नियंत्रित करने के लिए राज्य की ताक़तों को बहुत बढ़ाएगा। सभी समाचार, ऐसे विचार और जानकारी, जो राज्य और तत्कालीन सरकार की आलोचना करती हैं, उन्हें हटा दिया जा सकता है
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