मज़दूर एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट
3 अक्तूबर, 2023 को देशभर में मज़दूरों और किसानों के संगठनों ने संयुक्त रूप से सभाएं आयोजित कीं। इन सभाओं में मजदूर और किसान संगठनों ने अपने संयुक्त मांगों को प्राप्त करने के लिए संघर्ष को तेज करने का बुलावा दिया।
विदित रहे कि 24 अगस्त, 2023 को तालकटोरा स्टेडियम में अखिल भारतीय मजदूरों एवं किसानों की संयुक्त सम्मेलन आयोजित किया गया था। उस सम्मेलन में मजदूरों और किसानों की संयुक्त मांगों को लेकर देशभर में आंदोलन को चरणबद्ध तरीके से तेज करने का फैसला लिया था। इस आंदोलन की अगली कड़ी में, 3 अक्तूबर को देशभर में विरोध दिवस के रूप में मनाना तय किया गया था। याद रखें कि 2 साल पहले किसान आंदोलन के दौरान, 3 अक्तूबर को लखीमपुर खीरी में 4 किसानों व एक पत्रकार को मार डाला गया था।
इस अवसर पर दिल्ली में मज़दूर और किसान संगठनों ने मिलकर संसद मार्ग पर प्रदर्शन आयोजित किया। इस प्रदर्शन में मजदूरों के साथ-साथ किसानों ने भी बड़ी संख्या में भागीदारी की।
इस प्रदर्शन का आयोजन संयुक्त रूप से एटक, सीटू, मज़दूर एकता कमेटी, ए.आई.यू.टी.यू.सी., एच.एम.एस., ए.आई.सी.सी.टी.यू., आई.सी.टी.यू. और संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा किया गया था।
सभी वाक्ताओं ने एक आवाज़ में यह मांग की कि लखीमपुर खीरी के मुख्य आरोपी के पिता केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी अपने पद से तुरंत इस्तीफा दे।
वक्ताओं ने मांग की कि सभी मज़दूरों को 26,000 रुपए न्यूनतम वेतन मिले, 10,000 रुपए मासिक पेंशन लागू हो, सार्वजनिक संस्थानों के निजीकरण पर रोक लगाई जाये, सरकारी क्षेत्रों में नेशनल मोनिटाइजेशन पाइपलाइन को रद्द किया जाये, सभी के लिये सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध करवाई जाये। किसानों को अपनी फ़सल की लागत का डेढ़ गुना दाम मिले, सभी फ़सलों के लिये एम.एस.पी. की गारंटी लागू हो, किसानों पर लगाये गये मुकदमे वापस लिये जायें, आदि।
मंच से आह्वान किया गया कि मजदूरों और किसानों की मांगों को लेकर हर राज्य की राजधानी में 26 से 28 नवम्बर, तीन दिन, का महापड़ाव आयोजित किया जाएगा।
इस प्रदर्शन को संबोधित करने वालों में थे – एटक से विद्या सागर गिरी, आल इंडिया किसान सभा से हन्नन मौल्लाह, सीटू से अनुराग सक्सेना, मज़दूर एकता कमेटी से संतोष कुमार, एच.एम.एस. से नारायण सिंह, ए.आई.यू.टी.यू.सी. से भास्कर, ए.आई.सी.सी.टी.यू. से संतोष राय, आल इंडिया किसान सभा-ग्रेटर नोएडा से रूपेश वर्मा, यू.टी.यू.सी. से मानवेन्द्र सिंह, आई.सी.टी.यू. से श्रीनाथ, ओल्ड पेंशन स्कीम आंदोलन से डा. कमल, आदि।