कामरेड सुशीला चैन का देहान्त

एक अथक कम्युनिस्ट कार्यकर्ता और पंजाब में स्त्री आन्दोलन की एक वरिष्ट नेता, कामरेड सुशीला चैन 28 सितम्बर, 2011 को इस संसार को अलविदा कर गईं। वे 88 वर्ष की थीं। मजदूर एकता लहर उनके इस असामयिक देहांत पर शोक प्रकट करती है और हम उनके पति कामरेड चैन सिंह चैन व समस्त परिवार क

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कॉमरेड गुरशरन सिंह

कॉमरेड गुरशरन सिंह, जो एक जाने-माने सांस्कृतिक कार्यकर्ता, एक नाटककार और एक क्रांतिकारी बुद्धिजीवी थे, उनकी मृत्यु 82 वर्ष की उम्र में, 27 सितम्बर, 2011 को हुई। मज़दूर एकता लहर उनके शोकाकुल परिवार को, इस असामयिक मौत के लिये, हार्दिक शोक प्रकट करती है।

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नोहर में शहीद भगत सिंह के जन्म की सालगिरह मनाई गयी

मज़दूरों, किसानों, विद्यार्थियों और नौजवानों ने शहीद भगत सिंह के जन्म की सालगिरह के अवसर पर नोहर में एक जोशीली सभा आयोजित की।

सभा का आयोजन लोक राज संगठन की नोहर समिति ने किया था।

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अफ़गानिस्तान पर कब्ज़ा मुर्दाबाद! काबुल में विरोध प्रदर्शन

“हम तभी सुरक्षित महसूस करेंगे जब अमरीकी सेना यहां से जायेगी”, यह मनोभाव अफ़गानिस्तान के लोगों ने अमरीकी हमले की दसवीं बरसी पर, 7 अक्टूबर, 2011 को एकमत से व्यक्त किया। प्रदर्शनकारी स्पष्टता से मांग कर रहे थे कि अमरीकी व दूसरे विदेशी सैनिक उनके देश से वापस जायें। अफ़गानिस्तान के लोगों का संदेश था, “हम चाहते हैं कि अमरीकी सेना और उसके नाटो सहयोगी तुरंत हमारे देश से बाहर जायें।

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यूनान के मज़दूरों का शक्तिशाली संघर्ष

सितंबर 2011 के अंतिम सप्ताह में, यूनान के एथेंस और दूसरे शहरों में दसियों-हजारों लोग, अपने जीविका पर सरकार द्वारा हमले की एक नयी लहर के विरोध में सड़कों पर उतरे।

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मारूती सुजुकी के मजदूरों के समर्थन में जंतर-मंतर पर प्रदर्शन

१५ अक्तूबर २०११ को मारूती-सुजुकी के मजदूरों के संघर्ष के समर्थन में मजदूर एकता कमेटी, आल इंडिया फेडरेशन आफ ट्रेड यूनियन्स,  इंकलाबी मजदूर केंद्र, इंडियन फेडरेशन आफ ट्रेड युनियन, इंडियन काउंसिल आफ ट्रेड यूनियन्स, मजदूर एकता केंद्र, सहित कई अन्य संगठनों के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने संयुक्त रूप से दिल्ली स्थित जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया और मारूति-सुजुकी के प्रबंधन तथा हरियाणा सरकार का पुतला

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बड़े बैंकों के खिलाफ़ अमरीका में विरोध बढ़ा

अमरीका के बैंकों और दूसरे वित्तीय संस्थानों के बोर्डरूमों में बैठने वाले अरबपति अमीरों के न्यू यॉर्क स्थित घरों के सामने सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने 11 अक्तूबर, 2011 को जुलूस निकाला।

प्रदर्शनकारी नारे लगा रहे थे, “बैंकों को बचा लिया, हमें डुबा दिया” और “अरे तुम अरबपतियों, अपना उचित हिस्सा चुकाओ”। उनकी तख्तियों पर लिखा था “हम 99 प्रतिशत हैं।”

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कूड़ंगकुलम परमाणु परियोजना के खिलाफ़ विशाल जनप्रतिरोध

तमिलनाडु में कूड़ंगकुलम परमाणु परियोजना के खिलाफ़ जन प्रतिरोध उभर आया है। इसमें दसों-हजारों मजदूरों, किसानों, मछुआरों और बुद्धिजीवियों ने हिस्सा लिया है।

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मानेसर में हड़ताल : 7 अक्तूबर, 2011 से मानेसर औद्योगिक क्षेत्र में आम हड़ताल जारी

इसकी तत्कालिक वजह है कि मारूती-सुजुकी के प्रबंधन और हरियाणा सरकार मिलकर मजदूरों पर अत्याचार कर रहे हैं।

गुड़गांव के मानेसर स्थित मारूती-सुजुकी के 1600 कैजुअल कर्मचारियों को प्रबंधकों द्वारा काम पर न लिए जाने तथा गुंडों से उन मजदूरों पर हमला करवाने के खिलाफ़, मारूती-सुजुकी के मजदूर कंपनी के अंदर काम ठप्प करके धरने पर बैठ गये हैं।

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मानेसर में हड़ताल

आज मानेसर में जो संघर्ष चल रहा है, यह देश के मजदूर वर्ग और पूंजीपति वर्ग, दोनों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। संघर्ष एक निर्णायक मोड़ पर है। एक तरफ, क्षेत्र के लाखों मजदूर अपने अधिकार के लिए संघर्ष कर रहे हैं। दूसरी तरफ, केंद्र सरकार, राज्य सरकार और पूरा पूंजीपति वर्ग इस संघर्ष को कुचलने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

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