मानेसर में हड़ताल

आज मानेसर में जो संघर्ष चल रहा है, यह देश के मजदूर वर्ग और पूंजीपति वर्ग, दोनों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। संघर्ष एक निर्णायक मोड़ पर है। एक तरफ, क्षेत्र के लाखों मजदूर अपने अधिकार के लिए संघर्ष कर रहे हैं। दूसरी तरफ, केंद्र सरकार, राज्य सरकार और पूरा पूंजीपति वर्ग इस संघर्ष को कुचलने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

07 अक्तूबर, 2011 को मानेसर औद्योगिक क्षेत्र में आम हड़ताल शुरू हुई।

इसकी तात्कालिक वजह है कि मारूती-सुजुकी के प्रबंधक और हरियाणा सरकार मिलकर मजदूरों पर अत्याचार कर रहे हैं।

गुड़गांव के मानेसर स्थित मारूती-सुजुकी के 1600 कैजुअल कर्मचारियों को प्रबंधको द्वारा काम पर न लिए जाने तथा गुंडों से उन मजदूरों पर हमला करवाने के खिलाफ़, मारूती-सुजुकी के मजदूर कंपनी के अंदर काम ठप्प करके धरना पर बैठ गये हैं।

सूत्रों के मुताबिक, हरियाणा सरकार और मारूती-सुजुकी के प्रबंधक की गुंडागर्दी की उपरोक्त सूचना जैसे ही मिली, मानेसर औद्योगिक क्षेत्र में कई कारखानों के मजदूरों ने मारुती-सुजुकी के मजदूरों के समर्थन में हड़ताल की। इनमें शामिल हैं मारूती-सुजुकी कास्टिंग प्लांट, सुजुकी पावर ट्रेन, सुजुकी स्कूटर एंड बाईक, ओमेक्स, सत्यम कंपोनेट, इंडोंरेंस, आई लैस, इत्यादि कंपनियों के मजदूर। ये मजदूर अपनी-अपनी कंपनियों के अन्दर ही हड़ताल पर बैठ गये हैं।

29 अगस्त, 2011 से मारूती-सुजुकी के मजदूर अघोषित तालाबंदी के खिलाफ़ संघर्ष कर रहे है। एक महीने के लंबे और कड़े संघर्ष के बाद, प्रबंधकों को समझौते के लिए राजी होना पड़ा। 30 अक्तूबर की रात को हुए समझौते के मुताबिक, अन्य शर्तों के अलावा, प्रबंधकों को सभी कैजुअल मजदूरों को काम पर वापस लेना था। प्रबंधकों ने उन्हें 7 अक्तूबर से काम पर वापस लेने की बात की।

आज सुबह जैसे ही कैजुअल मजदूर काम करने के लिए तैयार होकर कंपनी के गेट पर पहुंचे, उन्हें काम पर लेने से प्रबंधकों ने मना कर दिया। प्रबंधकों ने गुंडों की बड़ी संख्या गेट पर तैनात कर रखी थी। गुंडों ने मजदूरों को कंपनी गेट से दूर जाने व सड़क पर जमा न होने की चेतावनी दी। नेतृत्वकारी मजदूरों ने जब कैजुअल मजदूरों को काम पर वापस लिये जाने के संबंध में प्रबंधकों से बात करने की मांग की, तो गुंडों ने उनके साथ मारपीट की।

गुड़गांव तथा मानेसर के औद्योगिक क्षेत्रों के मजदूर मारूती-सुजुकी के प्रबंधन और उसके पीछे खड़ी हरियाणा की कांग्रेस सरकार के खिलाफ बहुत गुस्से में है।

आज मानेसर में जो संघर्ष चल रहा है, यह देश के मजदूर वर्ग और पूंजीपति वर्ग, दोनों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। संघर्ष एक निर्णायक मोड़ पर है। एक तरफ, क्षेत्र के लाखों मजदूर अपने अधिकार के लिए संघर्ष कर रहे हैं। दूसरी तरफ, केंद्र सरकार, राज्य सरकार और पूरा पूंजीपति वर्ग इस संघर्ष को कुचलने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

मारुती-सुजुकी के मजदूरों का संघर्ष पूरे देश के मजदूरों के अधिकार का संघर्ष है। यह वक्त की मांग है कि इस संघर्ष में पूंजीपतियों तथा उनकी सरकारों को हराया जाये।

हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी देश के तमाम मजदूरों और उनके संगठनों से आह्वान करती है कि वे मानेसर में चल रहे संघर्ष का महत्व समझकर अपने-अपने इलाकों में इन मजदूरों के समर्थन में कार्यक्रम आयोजित करें।

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