एक अथक कम्युनिस्ट कार्यकर्ता और पंजाब में स्त्री आन्दोलन की एक वरिष्ट नेता, कामरेड सुशीला चैन 28 सितम्बर, 2011 को इस संसार को अलविदा कर गईं। वे 88 वर्ष की थीं। मजदूर एकता लहर उनके इस असामयिक देहांत पर शोक प्रकट करती है और हम उनके पति कामरेड चैन सिंह चैन व समस्त परिवार क
एक अथक कम्युनिस्ट कार्यकर्ता और पंजाब में स्त्री आन्दोलन की एक वरिष्ट नेता, कामरेड सुशीला चैन 28 सितम्बर, 2011 को इस संसार को अलविदा कर गईं। वे 88 वर्ष की थीं। मजदूर एकता लहर उनके इस असामयिक देहांत पर शोक प्रकट करती है और हम उनके पति कामरेड चैन सिंह चैन व समस्त परिवार के इस दुख में शरीक हैं।
कामरेड सुशीला चैन पंजाब की उन गिनी-चुनी जुझारू और क्रान्ति को समर्पित महिलाओं में से एक थीं, जिनका उद्देश्य औरतों को अपने वजूद के संबंध में जागरुकता का एहसास दिला के, उनके इर्द-गिर्द फैली सरमायदारी गुलामी के बोझ को उखाड़ फेंकना है। बस्तीवाद-विरोधी संघर्ष में वे पूरी तरह से सक्रिय थीं और पूरे पंजाब में औरतों को समाजवाद और कम्युनिज़्म के पक्ष में लामबंध करने में उनका विशेष योगदान था। आप काफी समय तक पंजाब स्त्री सभा के सचिव पद पर रहीं।
3 अक्तूबर को, देशभगत यादगार हाल जलंधर में उनको श्रद्धांजली भेट करने के लिये एक समागम किया गया। इस समागम में पारिवारिक सदस्यों के अलावा मजदूर, किसान संगठनों तथा पंजाब स्त्री सभा के सक्रिय कार्यकर्ताओं ने उनको श्रद्धा के फूल भेंट किये।