१५ अक्तूबर २०११ को मारूती-सुजुकी के मजदूरों के संघर्ष के समर्थन में मजदूर एकता कमेटी, आल इंडिया फेडरेशन आफ ट्रेड यूनियन्स, इंकलाबी मजदूर केंद्र, इंडियन फेडरेशन आफ ट्रेड युनियन, इंडियन काउंसिल आफ ट्रेड यूनियन्स, मजदूर एकता केंद्र, सहित कई अन्य संगठनों के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने संयुक्त रूप से दिल्ली स्थित जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया और मारूति-सुजुकी के प्रबंधन तथा हरियाणा सरकार का पुतला
१५ अक्तूबर २०११ को मारूती-सुजुकी के मजदूरों के संघर्ष के समर्थन में मजदूर एकता कमेटी, आल इंडिया फेडरेशन आफ ट्रेड यूनियन्स, इंकलाबी मजदूर केंद्र, इंडियन फेडरेशन आफ ट्रेड युनियन, इंडियन काउंसिल आफ ट्रेड यूनियन्स, मजदूर एकता केंद्र, सहित कई अन्य संगठनों के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने संयुक्त रूप से दिल्ली स्थित जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया और मारूति-सुजुकी के प्रबंधन तथा हरियाणा सरकार का पुतला जलाया.
जंतर-मंतर पर प्रदर्शनकारियों ने “हुडा प्रबंधकों के साथ पक्षपात करना बंद करो!”, “गैर-कानूनी तालाबंदी खत्म करो!”, “एक पर हमला, सभी पर हमला!”, “हरियाणा की कांग्रेस सरकार की मजदूर-विरोधी नीति मुर्दाबाद!”, “केन्द्र और राज्य सरकार मारूती-सुजुकी के मजदूरों के संघर्ष को कुचलना बंद करो!”, नारे लगाये तथा हरियाणा सरकार को चेतावनी दी।
सभा को संबोधित करते हुये मजदूर एकता कमेटी के वक्ता ने कहा कि हम मारूती-सुजुकी के मजदूरों की जायज़ हड़ताल का समर्थन करते हैं। यह मांग करते हैं कि उनकी युनियन बनाने को अधिकार को बहाल किया जाये। निलंबित किये गये मजदूरों को वापस लिया जाये। उन्होंने लोगों से कहा कि मजदूर वर्ग को राजनीतिक सत्ता को पाने के संघर्ष को तेज़ करना होगा।
प्रदर्शन को संबोधित करने वाले सभी वक्ताओं ने मारूती-सुजुकी के मजदूरों के जायज संघर्ष का पुरजोर समर्थन किया और आन्दोलन को तेज करने की अपील की। प्रदर्शनकारियो की ओर से हरियाणा के मुख्यमंत्री और श्रम मंत्री को ज्ञापन सौंपकर तुरंत मजदूरों की मांगों को मानने की मांग की गई।