इस्राइल द्वारा गाज़ा पर कातिलाना बम बरसाने की कड़ी निंदा करें!

इस्राइली वायु सेना ने 27 दिसंबर, 2008 से गाज़ा क्षेत्र पर लगातार बम बरसाये हैं, जिसके सैकड़ों फिलिस्तीनी, महिला और बच्चे समेत, मारे गये हैं। इस अखबार के छपने के समय तक, यह खबर मिली है कि इस्राइल ने हमला करने की तैयारी बतौर, गाज़ा सीमा पर अपने टैंक तैनात कर दिये हैं। इस्राइली रक्षा मंत्री ने खुलेआम व बड़ी हेकड़बाजी के साथ यह ऐलान किया है कि गाज़ा के खिलाफ़ जंग का मकसद है हमास की निर्वाचित सरकार को ग

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मजदूरों को नौकरी से निकालने के अलावा क्या ”कोई और चारा नहीं” है?

पूंजीपति एक के बाद एक क्षेत्र से मजदूरों को नौकरियों से निकाल रहे हैं। हिन्दोस्तान में निर्यात प्रेरित उद्योगों में लाखों मजदूर अपनी नौकरियां खोये हैं, क्योंकि निर्यात तेजी से घट रहे हैं। मोटर गाड़ी, इस्पात, सीमेंट, टी.वी., फ्रिज, इत्यादि जैसी कई सामग्रियों की घरेलू मांग भी घट गयी है। फैक्टरियां उत्पादन में कटौती कर रही हैं। फैक्टरी मालिक काम की पालियों को घटा रहे हैं या लंबे समय के लिये, कभी

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इराक के लोगों का अमरीकी राष्ट्रपति को तोहफा!

15 दिसम्बर, 2008 को दुनियाभर के लोगों ने एक कभी न भुलाए जाने वाला नज़ारा देखा जब एक इराकी पत्रकार ने अमरीकी राष्ट्रपति जार्ज बुश पर जूते फेंके। कायरो स्थित सैटेलाइट टी.वी.

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फासीवादी यू.ए.पी.ए. कानून के विरोध में एकजुट हों! राष्ट्रीय जांच संस्था बनाने के कदम का विरोध करें!

17 दिसंबर को लोक सभा में दो बिल पास किये गये – अवैध गतिविधि (अवरोधक) अधिनियम (यू.ए.पी.ए.) संशोधन बिल 2008 और राष्ट्रीय जांच संस्था (नैशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी – एन.आई.ए.) बिल 2008। पूंजीपतियों के सबसे प्रतिक्रियावादी तबकों और उनकी मुख्य राजनीतिक पार्टियों,कांग्रेस पार्टी व भाजपा ने ''आंतकवादियों का मुकाबला करने के लिये ज्यादा कड़े कानून'' और आतंकवादी अपराधों की जांच के लिये एक

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महिला मजदूरों की समस्यायें

महिला मजदूर वर्तमान समाज में मजदूर बतौर शोषित तो है ही, साथ ही साथ उन्हें महिला होने के नाते, दोहरे शोषण का शिकार बनाया जाता है। इस समस्या पर पुरोगामी महिला संगठन के कार्यकर्ताओं ने 17 दिसंबर को न्यू ट्रेड यूनियन इनिशियेटिव (एन.टी.यू.आई.) द्वारा आयोजित एक कानफरेंस में भाग लिया, जिसकी रिपोर्ट मजदूर एकता लहर को मिली है। उस कानफरेंस में देश के कई इलाकों से आयी महिलाओं ने कुछ विशेष मुद्दे उठाये,

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बीमा और बैंक कर्मचारियों द्वारा सरकार के निजीकरण के कदमों का जबरदस्त विरोध

जीवन बीमा निगम और चार अन्य जनरल इंश्योरेंस की कंपनियों आल इंडिया इंश्योरेंस कंपनी, नेशनल इंश्योरेंस कंपनी, ओरियंटल इंश्योरेंस कंपनी और यूनाईटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के 1 लाख 75 हजार कर्मचारियों ने 23 दिसंबर, 2008 को एक दिवसीय देशव्यापी हड़ताल का आयोजन किया। सरकार द्वारा राज्य सभा में 22 दिसंबर को दो विधेयक, बीमा कानून (संशोधन) बिल 2008 और जीवन बीमा निगम (संशोधन) बिल रखे जाने के विरोध में य

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जंग के खिलाफ़ कोलकाता में रैली

बांग्लादेश-भारत-पाकिस्तान पीपल्स फोरम ने मुंबई तथा दूसरे स्थानों के लोगों पर आतंकवादी हमलों, जंग फरोशी और साम्राज्यवाद के दुष्ट इरादों के विरोध में, मेट्रो चैनल, धर्मतला, कोलकाता में 19 दिसम्बर को एक रैली आयोजित की।

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डाक कर्मचारियों की देशव्यापी हड़ताल!

17 दिसंबर, 2008 से अखिल भारतीय डाक सेवा, जिसे ग्रामीण डाक सेवा भी कहा जाता है, के 2.75 लाख पार्ट-टाईम कर्मचारी अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गये। सरकार द्वारा उनके कार्य के नियमों और उनको नियमित किये जाने संबंधी मसलों पर बनाई गई समिति की प्रतिगामी सिफारिशों को रद्द करने की वे मांग कर रहे हैं। ग्रामीण डाक सेवा के इन कर्मचारियों को हर रोज 4-5 घंटे के लिए खास तौर से ग्रामीण इलाकों में काम पर रखा

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एशिया में अमरीकी जंग को आगे बढ़ने से रोकना होगा

संपादक महोदय, मुम्बई पर हुये आतंकवादी हमलों की पार्श्वभूमि में जो भू-राजनीतिक घटनायें हुई हैं इस संर्दभ में केंद्रीय समिति के 12 दिसंबर, 2008 के बयान से उन लोगों की आंखें खुल जानी चाहिये जिन्हें अभी भी अमरीकी साम्राज्यवादियों और एशिया में उनको साथ देने वालों के मकसद के बारे में कोई भ्रम है।

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