हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की केंद्रीय समिति का बयान, 5 अगस्त, 2023
हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी हरियाणा के मेवात क्षेत्र में हुई सांप्रदायिक हिंसा की कड़ी निंदा करती है और पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करती है।
31 जुलाई को नूंह जिले से शुरू हुई हिंसा अगले दो दिनों में गुरुग्राम और पलवल तक फैल गई। इस हिंसा में कम से कम 6 लोगों की जान चली गई है और कई लोग घायल हो गए हैं। सैकड़ों लोगों की गाड़ियों और दुकानों में आग लगा दी गई है। हजारों मेहनतकश लोग इन जिलों से पलायन करने को मजबूर हो गये हैं।
हरियाणा सरकार ने विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल द्वारा आयोजित एक ‘शोभा यात्रा’ को नूंह जिले से गुजरने की अनुमति दी थी। जबकि सोशल मीडिया पर बहुत ही भड़काऊ और नफ़रत-भरा अभियान चलाया जा रहा था, तो उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिस व्यक्ति पर इस साल फरवरी में नासिर और जुनैद नाम के दो निर्दोष व्यक्तियों की लिंचिंग करने का आरोप था, उसने अपने समर्थकों से यात्रा में शामिल होने का खुला आह्वान किया था। यह तब हुआ, जब पुलिस का कहना था कि वह कई महीनों से उस आरोपी व्यक्ति का पता ही नहीं लगा पा रही थी।
कई लोगों ने राज्य सरकार से एहतियाती क़दम उठाने की अपील की थी। लेकिन राज्य सरकार ने उन लोगों की अपीलों की उपेक्षा की और यात्रा को आगे बढ़ने की अनुमति दे दी।
हरियाणा के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री ने घोषणा की है कि नूंह में सांप्रदायिक हिंसा एक पूर्व नियोजित साज़िश थी। हरियाणा सरकार कुछ रहस्यमय साज़िशकर्ताओं की ओर इशारा करके, हिंसा को फैलाने में अपनी भूमिका को छिपाने की कोशिश कर रही है। बड़ी संख्या में बेक़सूर युवाओं और मेहनतकश लोगों को गिरफ़्तार किया गया है।
हरियाणा में सांप्रदायिक हिंसा की इस घटना में सांप्रदायिक नफ़रत फैलाये जाने के लिए और जान-माल के दुखद नुकसान के लिए राज्य प्रशासन के अधिकारियों – कमान संभालने वालों – को ज़िम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। इसके लिए राज्य और सत्ता में बैठे लोग दोषी हैं, न कि लोगों का यह या वह तबका।