मुंबई में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया

11 मार्च की शाम को वरली मुंबई में बड़े उत्साह से सैकड़ों महिला तथा पुरुषों ने, अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया। पुरोगामी महिला संगठन तथा लोक राज संगठन की वरली समिति ने इस सभा का आयोजन किया।

11 मार्च की शाम को वरली मुंबई में बड़े उत्साह से सैकड़ों महिला तथा पुरुषों ने, अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया। पुरोगामी महिला संगठन तथा लोक राज संगठन की वरली समिति ने इस सभा का आयोजन किया।

हाल ही में मुंबई महानगर पालिका के चुनावों की पृष्ठभूमि पर यह उत्सव मनाया गया। उन चुनावों के दौरान सत्ताधारी वर्ग की किसी भी बड़ी राजनीतिक पार्टी ने आम जनता से जुड़े किसी भी मसले को नहीं उठाया। उल्टे, उन्होंने जाति, धर्म, भाषा, प्रान्त, आदि के आधार पर प्रचार किया तथा धन एवं बाहुबल का इस्तेमाल वोट पाने के लिए किया। मगर वरली यह एक ऐसा निर्वाचन क्षेत्र था जहाँ लोगों ने चयन करके अपना खुद का उम्मीदवार निश्चित किया। इस प्रक्रिया का आयोजन लोक राज संगठन की वरली समिति ने किया। यह समिति गत कई वर्षों से अपने हकों के लिए वरली के श्रमिक स्त्री-पुरुषों को संगठित करने का अथक काम कर रही है। वरली के श्रमिकों ने अपने बीच से ही एक महिला कार्यकर्ता को अपना उम्मीदवार चुना। उस उम्मीदवार ने घोषणा की कि सभी को पर्याप्त मात्रा में पीने लायक पानी, उस इलाके के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवा तथा दो नए अस्पताल, सभी नागरिकों के लिए राशन दुकान में अच्छी गुणवत्ता तथा पर्याप्त मात्रा में सभी अनाज, ठेका मजदूरी के खिलाफ़, तथा वरली बी.डी.डी. का पुनर्विकास सरकार को स्वयं करना चाहिये और सभी निवासियों को अच्छा घर मिलना चाहिये, इन सभी माँगों के लिए वे संघर्ष करेगी। उन्होंने यह भी घोषणा की कि अगर लोगों को लगता है कि वह जनता के हित में काम नहीं कर रही हैं तो वे तुरंत इस्तीफा दे देंगी। उनका प्रचार अभियान सभी की एकता बढ़ाने वाला था और इसीलिए वरली के नागरिकों ने उस अभियान का समर्थन किया तथा अभियान के लिए पैसा भी जमा किया। लोक राज संगठन की समिति के कार्य की वजह से चुनावों के बाद वरली निवासियों की एकता और मजबूत हुई।

सभा में, वरली के बच्चों ने कई नृत्यों सहित सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किये। देश में संघर्ष करने वाली सभी महिलाओं का अभिवादन करने के लिए वरली समिति की महिला कार्यकर्ताओं ने कई जोशपूर्ण संघर्षशील गाने पेश किये। महाराष्ट्र के मशहूर शायर कॉमरेड संभाजी तथा उनके साथियों ने हिन्दोस्तान की श्रमिक महिलाओं का अभिवादन करते हुये शायरी पेश की।

वरली समिति की नेता ने सभा को संबोधित किया। देश की बहादुर श्रमिक महिलाओं को सलाम पेश करते हुए उन्होंने कहा कि अपने बुनियादी हकों के लिए वरली के स्त्री-पुरुषों का संघर्ष, उसी महान संघर्ष का हिस्सा है। उन्होंने समझाया कि जब तक हिन्दोस्तान की राजसत्ता लोगों के हाथों में नहीं आती तब तक लोक राज नहीं होगा। इसीलिए अपने रोजाना संघर्ष के साथ-साथ लोक राज के लिए संघर्ष करना भी अत्यावश्यक है।

पुरोगामी महिला संगठन की वक्ता ने इस सच्चाई का उल्लेख किया कि शोषण के खिलाफ़ महिलाओं के संघर्ष को ''पुरुषों के खिलाफ़ संघर्ष'' इस दृष्टी से नहीं देखा जा सकता, बल्कि शोषण के खिलाफ़ सभी श्रमिकों के संघर्ष का वह एक हिस्सा है, और उस संघर्ष को पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर लड़ना होगा। संसद में महिलाओं के लिए आरक्षण यह भी अपने शोषण के खिलाफ़ संघर्ष को गुमराह करने के लिए है, यह उन्होंने स्पष्ट किया। जो महिला साथी लोगों की उम्मीदवार बनकर चुनाव लड़ी थीं उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए बताया कि लोक राज संगठन से उन्होंने बहुत कुछ सीखा है। उन्होंने उपस्थित सभी लोगों से अनुरोध किया कि वे भी लोक राज संगठन की वरली समिति के साथ जुड़ जायें, जो चुनाव के दौरान वरली के निवासियों के उठाये मसलों पर संघर्ष जारी रखेगी।

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