गोरखपुर परमाणु परियोजना रद्द करो!

25 जुलाई, 2011 को हरियाणा के फतेहाबाद शहर और 80 गांवों के लोगों तथा विभिन्न जन संगठनों ने गोरखपुर परमाणु परियोजना को रद्द करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।

आस-पास की 31 गांवों की ग्रामसभाओं की पंचायतों ने गोरखपुर परमाणु परियोजना के खिलाफ़ प्रस्ताव पास किया है। इसको लेकर 346 दिन से किसान संघर्ष समिति के लोग फतेहाबाद मिनी सचिवालय पर धरना देकर बैठे हैं।

25 जुलाई, 2011 को हरियाणा के फतेहाबाद शहर और 80 गांवों के लोगों तथा विभिन्न जन संगठनों ने गोरखपुर परमाणु परियोजना को रद्द करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।

आस-पास की 31 गांवों की ग्रामसभाओं की पंचायतों ने गोरखपुर परमाणु परियोजना के खिलाफ़ प्रस्ताव पास किया है। इसको लेकर 346 दिन से किसान संघर्ष समिति के लोग फतेहाबाद मिनी सचिवालय पर धरना देकर बैठे हैं।

इस अवसर पर लोक राज संगठन के हरियाणा प्रभारी दुनी चंद ने जबरदस्ती भूमि अधिग्रहण पर रोक लगाकर स्थायी समाधान की मांग की। उन्होंने कहा कि आज किसानों को अपनी रोजी-रोटी के अहम अधिकार के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। वर्तमान राजनीतिक और आर्थिक व्यवस्था में किसानों की जमीन, जो रोजी-रोटी का मुख्य साधन है, पूंजीपतियों के मुनाफों की सुनिश्चिति के लिए जबरदस्ती हड़पा जा रहा है। यह ऐसे काले कानून के तहत किया जा रहा है जिसे अंग्रेजों ने 1894 में हमारे देश की भूमि को हड़पने के लिए बनाया था।

उन्होंने अंत में कहा कि वर्तमान राजनीतिक और आर्थिक व्यवस्था सिर्फ पूंजीपतियों के हितों के लिए काम करती है। इसमें कुछ मुट्ठीभर लोग राज करते हैं। हमें इस व्यवस्था के विकल्प के बतौर लोक राज स्थापित करने के लिए संघर्ष करना होगा।

ज्ञात रहे कि गांव गोरखपुर परमाणु परियोजना 2800 मैगावाट की है। पानी का मात्र एक साधन – भाखड़ा कैनाल फतेहाबाद ब्रांच है, जिसके पास यह परियोजना लगाने की योजना है। इस नहर पर लाखों किसानों का जीवन निर्भर है। यह नहर 1956 में किसानों के लिए बनाई गई थी।

इस देश की सबसे उपजाऊ खेती की जमीन फतेहाबाद जिले में है, जिस पर 3फसलें होती हैं। यहां एक एकड़ जमीन पर लगभग 400-500 काले हिरण और अनगिनत नील गाय हैं। पर्यावरण के हिसाब से यह इलाका हरियाणा का कश्मीर है। परमाणु परियोजना के लिए यह ठीक स्थान नहीं है। गांव गोरखपुर की 1313 एकड़ जमीन पर लगभग 10,000 लोगों को रोजगार मिलता है।

परमाणु परियोजना से होने वाले नुकसान के बारे में बात रखते हुए विभिन्न संगठनों के नेताओं ने बताया कि सरकार गोरखपुर परमाणु परियोजना को परमाणु ऊर्जा आयोग की शर्तों के खिलाफ़ स्थापित करने की कोशिश कर रही है। परमाणु संयंत्र के 1.6 कि.मी. (विशेष क्षेत्र) में कोई आबादी नहीं होनी चाहिये तथा इसके 5 कि.मी. के क्षेत्र में 20 हजार से कम आबादी होनी चाहिये तथा इस जोन में विकास की इस प्रकार की कोई योजना नहीं होनी चाहिये जिससे जनसंख्या में बढ़ोतरी हो।

उन्होंने बताया कि परमाणु संयंत्र स्थापित करने के लिए वह जगह होनी चाहिए जहां 10 हजार से ज्यादा आबादी वाला कोई गांव या कस्बा नहीं हो। इसके साथ 30 कि.मी. के क्षेत्र में एक लाख की आबादी वाला कोई शहर या कस्बा नहीं हो। लेकिन गोरखपुर के पास 5 कि.मी. में एक लाख की आबादी तथा 10 हजार से ज्यादा आबादी वाले कई गांव हैं। केवल गोरखपुर गांव की आबादी 30 हजार के लगभग है। इसके साथ-साथ 30 कि.मी. के क्षेत्र में 20-25 लाख की आबादी है। 1.5 लाख की आबादी वाला बड़ा शहर फतेहाबाद है।

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