वोल्टास के मज़दूरों का संघर्ष तेज़ हुआ

वोल्टास के मज़दूरों के क्रमिक भूख हड़ताल के 22 जुलाई, 2011 को 100 दिन पूरे हुये। इस अवसर पर, मुंबई स्थित इस टाटा कंपनी के मुख्यालय पर एक गेट सभा की गयी, जिसमें सैकड़ों मज़दूरों ने हिस्सा लिया।

वोल्टास के मज़दूरों के क्रमिक भूख हड़ताल के 22 जुलाई, 2011 को 100 दिन पूरे हुये। इस अवसर पर, मुंबई स्थित इस टाटा कंपनी के मुख्यालय पर एक गेट सभा की गयी, जिसमें सैकड़ों मज़दूरों ने हिस्सा लिया।

वोल्टास के मज़दूर अपनी रोजी-रोटी और यूनियन पर हो रहे हमलों का विरोध कर रहे हैं। बाहरी स्रोतों को काम का ठेका देकर वोल्टास ने हिन्दोस्तान भर के मज़दूरों की संख्या घटा कर सिर्फ 11,500 कर दी है। इनमें से 7,700 ठेका मज़दूर हैं। शेष 3760 मज़दूरों में से काफी मज़दूरों को, बाकी मज़दूरों से अलग कर देने के लिये, “प्रबंधन” की श्रेणी में रख दिया गया है। (अधिक जानकारी के लिये मज़दूर एकता लहर का 16-31 जुलाई 2011 का अंक देखिये।) नतीजन, इस कंपनी में सिर्फ 600 नियमित मज़दूर ही बचे हैं।

ठेका, नियमित और प्रबंधन, इन तीनों श्रेणियों के मज़दूरों के वेतन में बहुत विषमता है। सभी ठेका मज़दूरों को नियमित करने के लिये और मालिकों की श्रम-विरोधी नीतियों के खिलाफ़ यूनियन संघर्ष करती आयी है। वे यूनियन के कार्यकर्ताओं को बर्खास्त किये जाने के खिलाफ़ भी संघर्ष कर रही है।

गेट सभा की शुरुआत कॉमरेड सेलियन ने की, जो वोल्टास के सेवानिवृत्त मज़दूर हैं और यूनियन के नेता रह चुके हैं। वक्ताओं में वोल्टास यूनियन के पूर्व अध्यक्ष कामरेड डी.बी. नाल्गे, ब्लू स्टार एम्प्लोईज यूनियन के कॉमरेड वासूदेवन, हिन्दुस्तान लीवर्स एम्प्लोईज यूनियन के कॉमरेड फ्रेंकलिन, ए.आई.एल.आर.एस.ए. के सर्व हिन्द उपाध्यक्ष कॉमरेड भारद्वाज, सर्व श्रमिक संघ के कॉमरेड मिलिंद रानाडे, व अन्य शामिल थे।

सभी वक्ताओं ने वोल्टास के संघर्षरत मज़दूरों के साथ हमदर्दी जाहिर की। इसके साथ ही विभिन्न वक्ताओं ने रिलायंस (मुकेश अंबानी) गुट की मुंबई सबर्बन इलेक्ट्रिक सप्लाई, बंगाल के टाटा टेटली चाय बाग़ान, भारतीय रेलवे के रेलचालक, हरियाणा की मारुती-सुजुकी कंपनी और मुंबई महानगरपालिका के मज़दूरों की परिस्थिति का जिक्र किया और उनके संघर्षों के बारे में बताया। सब जगह मज़दूर बढ़ते शोषण और श्रम के ठेकेदारीकरण के खिलाफ लड़ रहे हैं। सभी वक्ताओं ने ध्यान दिलाया कि पूंजी के हमले का मुकाबला करने के लिये मज़दूर महसूस कर रहे हैं कि हर इलाके और दुनिया भर में, सभी उद्योगों के मज़दूरों की एकता बनाना निहायत जरूरी है। देश के विभिन्न इलाकों में मज़दूर इस दिशा में कदम भी उठा रहे हैं।

वोल्टास मज़दूरों के नेताओं ने मज़दूरों को बुलावा दिया कि वे मज़दूर एकता लहर अखबार को अपने प्रकाशन के जैसे समझें और इसका व्यापक वितरण करें।

 

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