महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न को नजरंदाज़ करने के लिए हिन्दास्तानी राज्य की निंदा करें

इंडियन वर्कर्स एसोसिएशन (ग्रेट-ब्रिटेन) का बयान, 15 मई, 2023

भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यू.एफ.आई.) के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह, जो कि उत्तर प्रदेश से भाजपा के सांसद भी हैं। महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने की उनके ख़िलाफ़ की गई शिकायतों को हिन्दोस्तानी राज्य नज़रंदाज़ कर रहा है। डब्ल्यू.एफ.आई. के अध्यक्ष को उनके पद से हटाने और उनके ख़िलाफ़ मुक़दमा चलाने की मांग को लेकर, ये पहलवान 23 अप्रैल से दिल्ली के जंतर-मंतर पर अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

इस साल जनवरी में पहलवानों द्वारा पुलिस के पास शिकायत किये जाने के बाद भी जब पुलिस ने बृजभूषण के ख़िलाफ़ एफ.आई.आर. दर्ज़ करने से इनकार कर दिया, तब पहलवानों को एफ.आई.आर. दर्ज़ कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाना पड़ा। इस मामले में भारतीय ओलंपिक संघ द्वारा की जा रही जांच की रिपोर्ट को सरकार ने अभी तक सार्वजनिक नहीं किया है। पहलवानों के मुताबिक, उन्होंने बृजभूषण के आचरण के बारे में प्रधानमंत्री और खेल मंत्री से शिकायत की थी। उनकी शिकायत पर कार्रवाई करने का वादा भी किया गया था, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गयी। पुलिस और सरकार की निष्क्रियता से तंग होकर, उन्हें अपना विरोध प्रदर्शन दोबारा से शुरू करना पड़ा है।

पहलवानों ने घोषणा की है कि वे अपना विरोध प्रदर्शन तब तक जारी रखेंगे जब तक कि बृजभूषण को उनके पद से हटा नहीं दिया जाता और उनके अपराध के लिए गिरफ़्तार नहीं किया जाता।

प्रदर्शन कर रहे पहलवानों के प्रति अधिकारियों का अभी तक क्या रवैया रहा है? एक तरफ़ सुप्रीम कोर्ट ने शिकायतकर्ताओं के नामों का खुलासा नहीं करने के निर्देश जारी किए थे। इन शिकायतकर्ताओं में से एक किशोर भी है। वहीं दूसरी तरफ पहलवानों के परिवारों को धमकी दी जा रही है और उनसे अपनी शिकायत को वापस लेने के लिए कहा जा रहा है। शिकायतकर्ताओं की पहचान का खुलासा किसने किया? प्रदर्शनकारी पहलवानों का समर्थन करने के लिए विश्वविद्यालय से आए हुए छात्रों को पांच मिनट के भीतर वहां से हटने के लिए कहा दिया गया। उनसे कहा गया कि वहां धारा 144 लागू है। भारी बारिश की वजह से धरना स्थल पर पानी भर जाने के कारण, प्रदर्शनकारी पहलवानों ने जब फोल्डिंग बेड लाने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें बेरहमी से पीटा।

पहलवानों को समाज के सभी तबकों से व्यापक समर्थन मिल रहा है। कई महिला संगठनों ने समर्थन का ऐलान किया है। किसानों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने पहलवानों के समर्थन में एक प्रस्ताव पारित किया और धरना स्थल पर गए। विदेशों में रहने वाले हिन्दोस्तानियों ने यौन उत्पीड़न के ख़िलाफ़ महिला पहलवानों द्वारा किये जा रहे विरोध प्रदर्शन के बारे में जनता को बताने के लिये वीडियो प्रसारित किए हैं।

नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली वर्तमान भाजपा सरकार, इजारेदार पूंजीपतियों के हित में काम कर रही है। यह सरकार ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ जैसे नारे जारी करते हुए, यौन उत्पीड़न की शिक़ायतों की हक़ीक़त में अनदेखी कर रही है।

इंडियन वर्कर्स एसोसिएशन (जी.बी.), सरकार और खेल मंत्री के इस कठोर रवैये का और अपनी ही पार्टी के सांसद के बचाव में उनके प्रयासों की कड़ी निंदा करती है। इस मामले तुरंत कार्यवाही करके ब्रज भूषण को उनके अपराध के लिए सज़ा दिलवाने की बजाय पुलिस की निष्क्रियता और हिचकिचाहट की हम सब कड़ी निंदा करते हैं। हम महिला खिलाड़ियों को इस तरह परेशान किए जाने के लिए ज़िम्मेदार व्यक्ति को सज़ा दिए जाने की और महिला खिलाड़ियों के लिए न्याय की मांग करते हैं। हम सभी इंसाफ़ पसंद लोगों से आह्वान करते हैं कि वे इस व्यवस्था के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाएं जो यौन उत्पीड़न को नज़रंदाज़ कर रही है।

हिन्दोस्तान की पुलिस को डब्ल्यू.एफ.आई. के प्रमुख के ख़िलाफ़ तुरन्त कार्रवाई की जानी चाहिए!

हिन्दोस्तान की सरकार को देश का नाम रोशन करने वाले पहलवानों की गरिमा की रक्षा करनी चाहिए!

महिला पहलवानों को न्याय दो!

इंडियन वर्कर्स एसोसिएषन (ग्रेट-ब्रिटेन)

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