महान अक्तूबर समाजवादी क्रांति की 104वीं वर्षगांठ पर :
पूंजीवादी-साम्राज्यवादी व्यवस्था का एकमात्र असली विकल्प समाजवाद है

मौजूदा पूंजीवादी-साम्राज्यवादी व्यवस्था का विकल्प क्या है और इसे हक़ीक़त में कैसे हासिल किया जा सकता है – 20वीं शताब्दी ने इस प्रश्न का एक स्पष्ट उत्तर प्रदान किया है। 1917 की रूसी क्रांति और सोवियत संघ में एक समाजवादी व्यवस्था के निर्माण ने सिद्धांत और व्यवहार में ऐसे विकल्प की स्थापना की और सबके सामने पेश किया।

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बैंकिंग व्यवस्था की समस्या का समाधान क्या है?

हमारे देश के बैंकों की समस्या बद से बदतर होती जा रही है और यह गहरी चिंता का विषय है। इस चिंता का स्रोत है पूंजीपतियों द्वारा बैंकों के कर्ज़ों को वापस न करने से पैदा हुआ संकट है, जिसका बोझ लोगों के कंधों पर डाला जा रहा है। पिछले 7 वर्षों में सार्वजनिक बैंकों ने कर्ज़दार पूंजीपतियों के कुल

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