चुनाव, चाहे केंद्रीय संसद के लिए हों या राज्य विधानसभाओं के लिए, ये तब तक पूंजीपति वर्ग के शासन को वैधता दिलाने का एक उपकरण बने रहेंगे, जब तक बड़े धनबल द्वारा समर्थित पार्टियों का वर्चस्व समाप्त नहीं किया जाता और फ़ैसले लेने की शक्ति लोगों के हाथों में लाने के लिए राजनीतिक प्रक्रिया को बदल नहीं दिया जाता है। इन तब्दीलियों को अंजाम देकर ही, आर्थिक व्यवस्था को पूंजीवादी लालच को पूरा करने के बजाय लोगों की ज़रूरतों को पूरा करने की दिशा में संचालित किया जा सकता है।
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राज्यों के चुनाव :
मज़दूरों और किसानों के लिए आगे का रास्ता
हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की केन्द्रीय समिति का आह्वान, 12 नवंबर, 2023
मज़दूरों और किसानों को देश का हुक्मरान बनना होगा और अर्थव्यवस्था को एक नयी दिशा दिलानी होगी ताकि सबके लिए सुरक्षित रोज़गार और खुशहाली सुनिश्चित की जा सके। हमें यह सुनिश्चित करने की ज़रूरत है कि, बिना किसी अपवाद के, समाज के सभी सदस्यों के लोकतांत्रिक अधिकारों और मानव अधिकारों की सुरक्षा की जाये।
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