6 जुलाई को, एस.एन.सी.एफ. (फ्रांस की राज्य के स्वामित्व वाली रेल कंपनी) के चार मज़दूर यूनियन – सी.जी.टी., यू.एन.एस.ए., एस.यू.डी.-रेल और सी.एफ.डी.टी. – हड़ताल पर चले गए। हड़ताल ने पूरे देश में रेल सेवाओं को ठप्प कर दिया।
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6 जुलाई को, एस.एन.सी.एफ. (फ्रांस की राज्य के स्वामित्व वाली रेल कंपनी) के चार मज़दूर यूनियन – सी.जी.टी., यू.एन.एस.ए., एस.यू.डी.-रेल और सी.एफ.डी.टी. – हड़ताल पर चले गए। हड़ताल ने पूरे देश में रेल सेवाओं को ठप्प कर दिया।
आगे पढ़ेंरेल, बैंक और सफाई कर्मचारियों ने अपनी परिस्थितियां बताईं
24 मार्च को जब देशभर में लॉक डाउन शुरू हुआ, उसके बाद से, अलग-अलग क्षेत्रों के मज़दूरों की हालतें लोगों को देखने में आ रही हैं। एक तरफ है उन मज़दूरों की कठिनाइयां जिनके पास कोई काम नहीं है। दूसरी तरफ है उन मज़दूरों की समस्याएं, जो आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं की सप्लाई को बनाये रखने के लिए काम कर रहे हैं। स्वास्थ्य सेवा कर्मियों और दवाइयों व रोज़मर्रे की चीजों की सप्लाई करने वालों के अलावा, रेलवे, बैंक, टेलिकॉम, बिजली, जल सप्लाई, साफ-सफाई, पुलिस व अन्य सेवाओं के कर्मी भी इनमें शामिल हैं।
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