Tag: राजकीय आतंकवाद
मुंबई में 26 नवंबर के आतंकी हमले की 14वीं बरसी पर :
मई दिवस 2022 :
मज़दूरों और किसानों के शोषण को ख़त्म करने के लिए संघर्ष को आगे बढाएं!
हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की केन्द्रीय समिति का बयान, मई दिवस, 2022
कामरेड लाल सिंह का संदेश :
हम जस्टिस अजीत सिंह बैंस के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हैं
मानवाधिकारों और लोकतांत्रिक अधिकारों के जुझारू सेनानी जस्टिस अजीत सिंह बैंस का 11 फरवरी, 2022 को 99 वर्ष की आयु में चंडीगढ़ में अपने घर में निधन हो गया। सभी प्रकार के शोषण, दमन और अन्याय से समाज की मुक्ति के लिये संघर्ष को, उनके निधन से, बड़ा नुक़सान हुआ है। हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी, इस साहसी और प्रगतिशील शख़्सियत की याद में, अपना झंडा झुकाती है।
आगे पढ़ेंआपरेशन ब्लू स्टार की 36 वीं वर्षगाँठ :
स्वर्ण मंदिर पर सैनिक हमले से सबक
वह सिख धर्म के लोगों को बेइज़्ज़त करने के लिए राज्य द्वारा एक आतंकवादी हमला था
सरकारी प्रचार में उसे एक आतंकवाद-विरोधी अभियान बताया गया है
राजकीय आतंकवाद और धर्म के आधार पर उत्पीड़न आज भी हमारे सामने बहुत बड़ी समस्याएं हैं
पीड़ितों को ही दोषी ठहराया जाता है – सच को झूठ और झूठ को सच बताया जाता है
आगे पढ़ेंगुनहगारों को सज़ा देने के बहाने, बेकसूरों का उत्पीड़न:
‘न्याय दिलाने’ के नाम पर राजकीय आतंकवाद
12 मार्च को, जब संसद में फरवरी 2020 के अंतिम हफ्ते में दिल्ली में हुई वहशी हिंसा पर चर्चा चल रही थी, तो केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने ऐलान किया कि दिल्ली में जो कुछ हुआ था, वह एक “सुनियोजित साज़िश” थी, जिसकी तहक़ीक़ात की जा रही है।
आगे पढ़ेंभाजपा और कांग्रेस पार्टी, दोनों को हराना होगा! मज़दूर-किसान संयुक्त मोर्चा ही एकमात्र आगे का रास्ता!
छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, मिज़ोरम, राजस्थान और तेलंगाना की राज्य विधान सभाओं के चुनाव 12 नवम्बर और 7 दिसंबर, 2018 के बीच होने जा रहे हैं। ये चुनाव ऐसे समय पर हो रहे हैं जब सत्ता पर बैठी ताक़तों के बड़े-बड़े वादों और जनसमुदाय के जीवन की असली हालातों के बीच की खाई दिन-ब-दिन और चौड़ी होती जा रही है। मज़दूर
आगे पढ़ेंजम्मू-कश्मीर में निगम व पंचायत चुनाव : अनवरत राजकीय आतंकवाद के बीच में “लोकतंत्र” का ढोंग
कश्मीर में हिन्दोस्तानी राज्य के बर्बर आतंक का राज अनवरत जारी है। एक तरफ, पुलिस, सेना व अर्धसैनिक बल बेकसूर लोगों, महिलाओं व बच्चों पर गोली चलाते जा रहे हैं, बेधड़क बलात्कार और लूट-पाट करते जा रहे हैं। बेकसूर लोगों को “भयानक आतंकवादी” करार दिया जाता है, फ़र्ज़ी मुठभेड़ों में मार डाला जाता है, “तलाशी” लेने के बहाने घरों को
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