हमारे देश की आबादी का एक बहुत बड़ा तबका अपनी रोजी-रोटी कमाने में असमर्थ है। लाखों परिवार दो वक़्त की रोटी के लिए भी मोहताज हैं। अपनी आमदनी में होने वाली कमी की वजह से, उन्हें जिससे भी उधार मिल सकता है उससे लेकर वे जीने के लिये लाचार हैं।
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