बिजली (संशोधन) विधेयक 2022 के विरोध में राष्ट्रव्यापी आन्दोलन का ऐलान

ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन ने केंद्रीय विद्युत मंत्री को पत्र लिखकर यह मांग की है कि केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में जारी किए गए बिजली (संशोधन) विधेयक 2022 के मसौदे पर, बिजली उपभोक्ताओं और बिजली कर्मियों से विस्तृत बात किए बिना, इस बिल को संसद के मानसून सत्र में पेश न किया जाये।

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बिजली क्षेत्र के मज़दूरों का संघर्ष बिल्कुल जायज़ है! बिजली का निजीकरण जन-विरोधी है!

बिजली मानव जीवन की मूलभूत ज़रूरतों में से एक है। इसलिए इस मूलभूत आवश्यकता के उत्पादन और वितरण का उद्देश्य निजी मुनाफ़ा कमाना नहीं हो सकता

हिन्दोस्तान में बिजली को लेकर वर्ग संघर्ष पर लेखों की श्रृंखला में यह पहला लेख है

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