केंद्र सरकार के खि़लाफ़ राज्यों का विरोध प्रदर्शन

कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, दिल्ली और पंजाब के वरिष्ठ मंत्रियों सहित कई राज्य सरकारों के प्रमुख प्रतिनिधियों ने 7 और 8 फरवरी को नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर आयोजित एक  विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया। वे केंद्र सरकार द्वारा की गई उन विभिन्न कार्रवाइयों का विरोध कर रहे थे, जिनकी वजह से राज्य सरकारों के अधिकारों में कटौती हुई है और उनकी वित्तीय समस्याएं और भी गंभीर हो गई हैं।

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फ़सल बीमा के ज़रिए किसानों की पूंजीवादी लूट

पिछले सात साल के दौरान, बीमा कंपनियों को प्रीमियम के तौर पर कुल मिलाकर 1,97,657 करोड़ रुपये मिले हैं। बीमा कंपनियों ने इस अवधि के दौरान, किसानों को दावों के रूप में लगभग 1,40,036 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। यह अंतर जिसकी राशि लगभग 57,000 करोड़ रुपये है, यह इन बीमा कंपनियों द्वारा बनाया गया मुनाफ़ा है।

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भारतीय रेल का निजीकरण – भाग 5 : हिन्दोस्तान के सभी लोगों को रेल निजीकरण के खि़लाफ़ संघर्ष का समर्थन करना चाहिए

भारतीय रेल का निजीकरण करने की शासक वर्ग की योजना जोरों से आगे बढ़ रही है। केंद्र सरकार ने इस कार्यक्रम को तेज़ी से लागू करने के लिए कोरोना महामारी का फ़ायदा उठाया है। सभी प्रधानमंत्रियों द्वारा बार-बार किए गए वादे, कि भारतीय रेल का निजीकरण कभी भी नहीं किया जाएगा, ये सरेआम बिलकुल झूठे साबित हुये हैं।

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