नाटो, अपनी स्थापना के समय से ही, अमरीकी साम्राज्यवाद के हाथों में एक ऐसा हथियार रहा है, जिसका उद्देश्य पूरी दुनिया पर अपना वर्चस्व स्थापित करना है। शीत-युद्ध की समाप्ति ने, अमरीकी साम्राज्यवाद और नाटो को, अपनी निरंकुश सत्ता को कायम रखने के लिए और अधिक लालची और अधिक आक्रमक बना दिया है। सभी देश और लोग जो शांति और सुरक्षा के पक्ष में खड़े हैं, जो हर देश को अपना रास्ता ख़ुद तय करने की आज़ादी का समर्थन करते हैं, उन्हें मानव-जाति के एक दुश्मन के रूप में, नाटो की, कड़ी निंदा करनी चाहिए।
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वाशिंगटन में नाटो शिखर सम्मेलन :
अमरीका और उसके सहयोगी यूरोप में चल रहे युद्ध को बढ़ावा दे रहे हैं
अमरीका और उसके नाटो सहयोगी लगातार यह प्रचार कर रहे हैं कि यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध के लिए रूस को ज़िम्मेदार ठहराया जाए। सच्चाई तो यह है कि यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध के लिए अमरीका और उसके नाटो सहयोगी ही ज़िम्मेदार हैं।
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इज़रायल और हमास के बीच जंग को फ़ौरन खत्म करने की ज़रूरत है
हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की केंद्रीय समिति का बयान, 10 अक्तूबर, 2023
संयुक्त राष्ट्र संघ को फ़िलिस्तीनी लोगों के अपनी मातृभूमि को स्थापित करने के जायज़ अधिकारों को सुनिश्चित करना होगा। उसे फ़िलिस्तीनी क्षेत्रों पर क़ब्जे का अंत सुनिश्चित करना होगा और ‘दो-राज्य समाधान’ के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव का कार्यान्वयन सुनिश्चित करना होगा। उसे 1967 से पूर्व की सीमाओं पर आधारित फ़िलिस्तीन राज्य की स्थापना सुनिश्चित करनी होगी, जिसकी राजधानी पूर्वी येरुशलम होगी। केवल यही रास्ता उस क्षेत्र में स्थायी शांति सुनिश्चित कर सकता है।
नाटो शिखर सम्मेलन के ख़िलाफ़ बड़े पैमाने पर विरोध
28-30 जून के बीच मैड्रिड, स्पेन में आयोजित नाटो शिखर सम्मेलन के ख़िलाफ़, विरोध प्रदर्शनों में हजारों लोगों ने भाग लिया। उन पर लगे प्रतिबंध की अवहेलना करते हुए ये विरोध प्रदर्शन आयोजित किये गये। युद्ध की तैयारियों के ख़िलाफ़, लोगों के कड़े विरोध और निंदा से, नाटो नेताओं को बचाने के लिए, 10,000 से अधिक पुलिसकर्मियों को लामबंद किया गया और मैड्रिड को एक सशस्त्र शिविर में बदल दिया गया।
आगे पढ़ेंटोक्यो में क्वाड शिखर सम्मेलन :
एशिया में अमरीकी साम्राज्यवाद के नेतृत्व वाले समूह का और सुदृढ़ीकरण
मई के अंत में क्वाड (चतुर्भुज सुरक्षा संवाद) के रूप में पहचाने जाने वाले देशों के समूह ने जापान के टोक्यो में अपना चौथा शिखर सम्मेलन आयोजित किया। क्वाड के चार सदस्य देश हैं – अमरीका, हिन्दोस्तान, जापान और ऑस्ट्रेलिया।
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अमरीकी साम्राज्यवाद अपनी रणनीति को बढ़ावा देने के लिए यूक्रेन के लोगों को प्यादे के रूप में इस्तेमाल कर रहा है
जब से शीत युद्ध और दुनिया का दो ध्रुवों में बंटवारा समाप्त हुआ है, उस समय से अमरीकी साम्राज्यवाद अपनी प्रधानता के तले, एक-ध्रुवीय दुनिया स्थापित करने की अपनी रणनीति को आगे बढ़ा रहा है। इस समय अमरीका अपनी इस रणनीति को बढ़ावा देने के लिए यूक्रेन के लोगों को प्यादे के रूप में इस्तेमाल कर रहा है।
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यूक्रेन में जंग और यूरोप में ख़तरनाक स्थिति के लिए अमरीका और नाटो ज़िम्मेदार हैं
जब से रूस ने यूक्रेन में अपनी सैनिक दखलंदाज़ी शुरू कर दी, उसी समय से अमरीका की अगुवाई में पश्चिमी मीडिया ने बड़े पैमाने पर झूठा प्रचार फैलाने का अभियान शुरू कर दिया है। इस झूठे प्रचार अभियान का मक़सद है रूस को यूरोप में जंग भड़काने वाला बताना और अमरीका तथा उसके नाटो मित्रों को तथाकथित शांति-रक्षक, यूक्रेन की राष्ट्रीय संप्रभुता के रक्षक और “क़ानूनों पर आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था” के रक्षक के रूप में पेश करना। इस दुष्प्रचार का इरादा है
आगे पढ़ेंअमरीका विश्व पर अपना प्रभुत्व जमाये रखने के अपने एजेंडे के इर्द-गिर्द अपने सहयोगियों को एकजुट करना चाहता है
अमरीकी राष्ट्रपति, जो बाइडन ने अपना पद संभालने के छह महीने बाद, अमरीका के मुख्य सहयोगियों के साथ बैठक करने के लिए पहली विदेश यात्रा की। 10 जून से 14 जून तक वे जी-7 समूह के देशों के नेताओं से मिलने के लिए इंग्लैंड और यूरोप गए।
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