2-Novmber-Program


नवंबर 1984 में सिखों के जनसंहार की 40वीं बरसी पर रैली

अपनी एकता को मजबूत करने और राज्य द्वारा आयोजित सांप्रदायिक हिंसा और राजकीय आतंक के ख़िलाफ़ संघर्ष को आगे बढ़ाने के संकल्प के साथ रैली संपन्न हुई। हमें मांग करनी चाहिए कि हमारे लोगों के ख़िलाफ़ ऐसे जघन्य अपराधों के ज़िम्मेदार सभी गुनहगारों पर मुक़दमा चलाया जाए और उन्हें सज़ा दी जाए, चाहे वे राज्य तंत्र में किसी भी पद पर हों।

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1984 के जनसंहार की 40वीं बरसी :
सांप्रदायिक हिंसा और सभी प्रकार के राजकीय आतंकवाद को ख़त्म करने के संघर्ष को आगे बढ़ाएं !
एक पर हमला, सब पर हमला!

हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की केंद्रीय समिति का बयान, 25 अक्तूबर 2024

हुक्मरान पूंजीपति वर्ग के खि़लाफ़ मज़दूरों, किसानों और सभी उत्पीड़ित लोगों की एकता पर भरोसा करके, सांप्रदायिक हिंसा और सभी प्रकार के राजकीय आतंकवाद के खि़लाफ़ संघर्ष को आगे बढ़ाना होगा। हमें किसी भी ख़ास धर्म के लोगों पर होने वाले हर हमले को सभी लोगों और हमारी एकता पर हमला मानकर, उसका विरोध करना चाहिए।

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फ़िलिस्तीन एकजुटता दिवस :
फ़िलिस्तीनी लोगों के समर्थन में दिल्ली में विशाल जनसभा

7 अक्तूबर, 2024 को इज़रायल द्वारा गाज़ा और वेस्ट बैंक के क़ब्ज़े वाले क्षेत्रों में फ़िलिस्तीनी लोगों के खि़लाफ़, तथा हाल ही में लेबनान और अन्य क्षेत्रों में फैलाये जा रहे जनसंहारक युद्ध का एक साल पूरा हो गया।
इस अवसर पर, सैकड़ों लोग – महिलाएं, छात्र और युवा, मज़दूर और विभिन्न क्षेत्रों के लोग – नई दिल्ली में संसद के पास जंतर-मंतर पर एक विशाल विरोध प्रदर्शन में एकत्रित हुए थे।

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लेबनान पर इज़रायल के आतंकवादी हमले की निंदा करें

17 सितंबर, 2024 को लेबनान में सैकड़ों हैंडहेल्ड पेजर एक साथ फट गए। इसमें दो बच्चों सहित कम से कम 12 लोग मारे गए। तीन हज़ार से ज्यादा पुरुष, महिलाएं और बच्चे घायल हुए, जिनमें से कई की हालत गंभीर है। इस हमले में लेबनान में ईरानी राजदूत घायल हो गए।

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साम्राज्यवादियों द्वारा इज़रायली राज्य को सैनिक समर्थन का दुनिया भर में बढ़ता विरोध

अमरीका में नेशनल डेमोक्रेटिक कन्वेंशन के बाहर लोगों का प्रदर्शन

ऑस्ट्रेलियाई हथियार मेले में गाज़ा युद्ध के प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ झड़प

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कामरेड लाल सिंह का संदेश :
हम जस्टिस अजीत सिंह बैंस के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हैं

मानवाधिकारों और लोकतांत्रिक अधिकारों के जुझारू सेनानी जस्टिस अजीत सिंह बैंस का 11 फरवरी, 2022 को 99 वर्ष की आयु में चंडीगढ़ में अपने घर में निधन हो गया। सभी प्रकार के शोषण, दमन और अन्याय से समाज की मुक्ति के लिये संघर्ष को, उनके निधन से, बड़ा नुक़सान हुआ है। हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी, इस साहसी और प्रगतिशील शख़्सियत की याद में, अपना झंडा झुकाती है।

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