हमारे पाठकों से : घरों से दूर फंसे हुये मज़दूरों के दर्दनाक अनुभव

प्रिय संपादक,

मैं मज़दूर एकता लहर नियमित रूप से पढ़ता हूँ। कोरोना महामारी में फंसे बहुत से मज़दूरों की दास्तान आपके अख़बार की वेब साईट पर मैंने पढ़ी। मैं स्ट्रेंडड वर्कर्स एक्शन नेटवर्क (स्वान) का हिस्सा हूं। यह संगठन युवाओं की पहल है। देश के विविध राज्यों में फंसे हुए मज़दूरों से फोन पर बात कर हम उन्हें पैसे या राशन मुहैया कराने में सहायता करने का काम करते हैं। इस संबंध में जिन 25-30 परिवारों से मैंने बातचीत की है, उनके दर्दनाक अनुभव इस व्यवस्था के क्रूर चरित्र को दर्शाते हैं।

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