किसान आन्दोलन: वर्तमान स्थिति और आगे की दिशा

मज़दूर एकता कमेटी द्वारा आयोजित आठवीं सभा

हरपाल सिंह संघा जी ने अपने इलाके में तथा पूरे पंजाब में किसानों को जागृत करने के अपने काम के बारे में सभा को बताया। दिल्ली की सरहदों पर किसानों ने आंदोलन को जारी रखने में जो बहादुरी दिखाई, उसका विवरण करके सभा में जोष भरते हुये, उन्होंने ऐलान किया कि “आंदोलन में एक नयी ऊर्जा है। आत्म विश्वास है कि हम एकजुट होकर लड़ सकते हैं और बड़े से बड़े दुश्मन को हरा सकते हैं।”

आगे पढ़ें


किसान आन्दोलन : वर्तमान स्थिति और आगे की दिशा

मज़दूर एकता कमेटी द्वारा आयोजित सातवीं सभा

“आने वाले समय में सबको मिलकर इस संघर्ष को आगे बढ़ाना है…”

इन उत्साहजनक शब्दों के साथ, भारती किसान यूनियन क्रान्तिकारी (पंजाब) के जाने-माने नेता, सुरजीत सिंह फूल ने सभासदों का हौसला बुलंद किया। वे ‘किसान आन्दोलन : वर्तमान स्थिति और आगे की दिशा’, इस विषय पर मज़दूर एकता कमेटी द्वारा 12 फरवरी, 2022 को आयोजित, इस श्रृंखला की सातवीं सभा के मुख्य वक्ता थे।

आगे पढ़ें


किसान आंदोलन – वर्तमान स्थिति और आगे की दिशा

मज़दूर एकता कमेटी द्वारा आयोजित पांचवीं सभा

11 जनवरी, 2022 को मज़दूर एकता कमेटी (एम.ई.सी.) ने ‘किसान आंदोलन – वर्तमान स्थिति और आगे की दिशा’ विषय पर पांचवीं सभा आयोजित की।

आगे पढ़ें

किसान आंदोलन – वर्तमान स्थिति और आगे का रास्ता

मज़दूर एकता कमेटी द्वारा आयोजित दूसरी बैठक

26 सितंबर को दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के लगातार विरोध प्रदर्शन को 10 महीने पूरे हुए। 28 सितंबर को मज़दूर एकता कमेटी (एमईसी) ने ‘‘किसान आंदोलनः वर्तमान स्थिति और आगे का रास्ता’’ विषय पर दूसरी ऑनलाइन बैठक आयोजित की।

आगे पढ़ें

यह धर्म-युद्ध है मज़दूरों और किसानों का, अधर्मी राज्य के ख़िलाफ़!

हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की केन्द्रीय समिति का बयान, 10 जनवरी, 2021

आज हमारे देश और पूरी दुनिया को हमारी सरकार और देश की बहुसंख्यक आबादी, किसानों और मजदूरों, के बीच में एक ऐसा विवाद नज़र आ रहा है, जिसका कोई हल नहीं दिखता है। 26 नवम्बर से दिल्ली की सीमाओं पर ऐसा विशाल जन-विरोध चल रहा है, जिसका इससे पहले किसी को अनुमान न था। जन-विरोध की फौरी मांगों में मुख्य मांग यह है कि उन तीनों कानूनों को रद्द किया जाये, जिन्हें संसद में पारित किया गया था और जिनके लागू होने पर इजारेदार पूंजीवादी कॉर्पोरेट घराने कृषि क्षेत्र पर पूरी तरह हावी हो जायेंगे।

आगे पढ़ें