बैंकों का कर्ज़ा न चुकाने वाले पूंजीपतियों के गुनाहों की सज़ा लोगों को भुगतनी पड़ रही है

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को पूंजीवादी कंपनियों के निजी हितों में चलाया जा रहा है।

11 जुलाई को रिज़र्व बैंक के गवर्नर ने बैंकों के वरिष्ठ अधिकारियों के एक सम्मलेन में बताया कि कोरोना महामारी के आर्थिक प्रभाव की वजह से “गैर-निष्पादित संपत्ति (एन.पी.ए.) में भारी बढ़ोतरी और बैंकों की पूंजी में गिरावट हो सकती है। इसलिए सार्वजनिक क्षेत्र और निजी बैंकों का पुनः पूंजीकरण करना बेहद ज़रूरी हो गया है”।

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