इज़रायली जाउनवादियों द्वारा इस्माईल हनिया की आपराधिक हत्या की निंदा करें!

ईरानी राज्य और लोगों के सम्मानित अतिथि हनिया को, उनकी राजधानी में निशाना बनाकर, इज़रायल जानबूझकर ईरान और उसकी संप्रभुता और क्षेत्रीय-अखंडता पर हमला कर रहा है।

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ट्रेड यूनियनों का केन्द्रीय बजट 2024 के खिलाफ़ प्रदर्शन

मज़दूर एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट  

दिल्ली में 9 अगस्त, 2024 को उपराज्यपाल के कार्यालय पर दिल्ली के ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच ने एक विरोध प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन केन्द्र सरकार की पूंजीपतियों के हितों को बढ़ावा देने वाली, तथा मज़दूरों, किसानों, महिलाओं, नौजवानों व पूरी मेहनतकश जनता के हितों पर हमला करने वाली बजट के खिलाफ़ था।

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केरल, हिमाचल और उत्तराखंड में घोर आपदायें :
पूंजीवादी मुनाफ़ों के पीछे बेलगाम दौड़ का नतीजा

इस त्रासदी से जूझ रहे लोगों के लिये सिर्फ सहानुभूति काफी नहीं है; उन्हें न्याय मिलना चाहिये और साथ-साथ आश्वासन भी कि ऐसी त्रासदियों को भविष्य में न होने के लिए जरूरी क़दम लिये जाएंगे।

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हिन्दोस्तानी हथियारों का इज़रायल को निर्यात किये जाने की निंदा करें

इस समय, इज़रायल को, हिन्दोस्तानी हथियारों का निर्यात, नरसंहार के अपराध की रोकथाम और दंड पर संयुक्त राष्ट्र के कन्वेंशन का घोर उल्लंघन है। यह आईसीजे के फ़ैसलों का प्रत्यक्ष उल्लंघन है। आईसीजे के फ़ैसले यह मानते हैं कि “सभी राज्य, कब्ज़े-वाले फ़िलिस्तीनी क्षेत्रों में इज़रायल की अवैध उपस्थिति से उत्पन्न हालातों को बनाए रखने में किसी प्रकार की सहायता या सहयोग प्रदान न करने के लिए बाध्य हैं।”

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Spending-Pattern

केंद्रीय बजट 2024-25 :
पूंजीपतियों के हितों की हिफाज़त करते हुए लोगों की समस्याओं को दूर करने का दिखावा

हालांकि टैक्स में विभिन्न छोटे-मोटे बदलावों की घोषणा की गई है, लेकिन कर-संग्रह के लिए अनुमानित बजट लक्ष्य दर्शाते हैं कि सरकारी ख़र्च का बोझ, मुख्य रूप से मज़दूर वर्ग और अन्य कामकाजी लोगों पर ही पड़ेगा।

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11 रेलवे कर्मचारी संगठनों और केंद्रीय ट्रेड यूनियन ने 18 जुलाई 2024 को जारी किया संयुक्त बयान :
भारतीय रेलवे में बड़ी संख्या में रोकी जा सकने वाली दुर्घटनाओं के लिए मंत्रियों और अन्य उच्च अधिकारियों की जवाबदेही की मांग करें, जिसके परिणामस्वरूप मौतें, चोटें और सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान होता है!

भारतीय रेलवे में दुर्घटनाओं के लिए किसी भी रेलवे प्राधिकरण द्वारा सभी सुरक्षा मानदंडों और प्रक्रियाओं के उल्लंघन को रोकें!

भारतीय रेल में सुरक्षा श्रेणी के सभी रिक्त पद भरें!

भारत तेजी से दुनिया की रेल दुर्घटना राजधानी बनता जा रहा है। दुर्घटनाओं की बारंबारता यात्रियों और रेलकर्मियों दोनों को चिंतित कर रही है।

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Satnam-protest


विदेशों में हिन्दोस्तानी प्रवासी मज़दूरों की दुर्दशा

सवाल यह है कि हिन्दोस्तानी मज़दूर अपने घर छोड़ने और विदेशों में ऐसे शोषणकारी और दमनकारी कार्य स्थितियों को स्वीकार करने के लिए क्यों मजबूर हैं?

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मोदी की रूस यात्रा :
रूस के साथ हिन्दोस्तानी शासक वर्ग के मजबूत संबंधों की पुनःपुष्टि

यह यात्रा ऐसे समय में हुई जब अमरीका रूस को अलग-थलग करने के लिए विभिन्न देशों का एक गठबंधन बनाने की पूरी कोशिश कर रहा है। दरअसल, मोदी की रूस यात्रा के लगभग उसी समय नाटो की शिखर बैठक हो रही थी जिसमें रूस की निंदा की गई और यूक्रेन को समर्थन देने का संकल्प लिया गया। मोदी का इसी समय रूस की यात्रा और उसके तीसरे कार्यकाल की पहली राजकीय यात्रा करने का फ़ैसला यह दिखाता है कि हिन्दोस्तानी शासक वर्ग अपने लंबे समय के सहयोगी रूस के साथ अपने संबंधों को बनाए रखने और मजबूत करने को कितना महत्व देता है।

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वाशिंगटन में नाटो शिखर सम्मेलन :
नाटो – दुनियाभर में अमरीकी साम्राज्यवाद की आक्रमक जंगफरोश रणनीति का प्रमुख हथियार

नाटो, अपनी स्थापना के समय से ही, अमरीकी साम्राज्यवाद के हाथों में एक ऐसा हथियार रहा है, जिसका उद्देश्य पूरी दुनिया पर अपना वर्चस्व स्थापित करना है। शीत-युद्ध की समाप्ति ने, अमरीकी साम्राज्यवाद और नाटो को, अपनी निरंकुश सत्ता को कायम रखने के लिए और अधिक लालची और अधिक आक्रमक बना दिया है। सभी देश और लोग जो शांति और सुरक्षा के पक्ष में खड़े हैं, जो हर देश को अपना रास्ता ख़ुद तय करने की आज़ादी का समर्थन करते हैं, उन्हें मानव-जाति के एक दुश्मन के रूप में, नाटो की, कड़ी निंदा करनी चाहिए।

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अर्थव्यवस्था से संबंधित सूचना

सरकारी प्रवत्ता यह दावा करते रहते हैं कि हिन्दोस्तान की अर्थव्यवस्था दुनिया की पांच सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। यह कोई घमंड करने की बात नहीं है, क्योंकि हमारे देश की जनसंख्या 140 करोड़ है, जो दुनिया की सबसे बड़ी आबादी है।

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