17 फरवरी, 2010 को लोक राज संगठन की दिल्ली परिषद की अगुवाई में, गरीबी रेखा के नीचे रहने वालों के लिए बीपीएल राशन कार्ड बनाने की मांग को लेकर दिल्ली सार्वजनिक खाद्य वितरण विभाग के मुख्यालय के समक्ष एक दिवसीय धरना दिया गया।
आगे पढ़ेंमहिलाओं के उद्धार का संघर्ष हमेशा ही समाजवाद के लिये मजदूर वर्ग के संघर्ष के साथ जुड़ा रहा है
यह वर्ष एक महत्वपूर्ण घटना – अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की घोषणा – की शताब्दी है। 1910में, कोपेनहेगन, डेनमार्क में, समाजवादी महिलाओं की अंतर्राष्ट्रीय गोष्ठी में जर्मनी की समाजवादी नेता क्लारा जे़टकिन ने यह प्रस्ताव रखा था कि महिलाओं के अधिकारों और महिला उद्धार के संघर्ष को मान्यता देने के लिये, एक अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया जाये। गोष्ठी में इस प्रस्ताव को बडे़ जोश के साथ स्वीकार किया गया था।
आगे पढ़ेंमहंगाई के खिलाफ़ मशाल जुलूस
9 फरवरी, 2010 को महंगाई विरोधी संयुक्त संघर्ष समिति की अगुवाई में, दक्षिणी दिल्ली के तेहखंड गांव के चैक से कालकाजी बस डिपो तक, शाम 4 बजे से महंगाई के खिलाफ़ मशाल जुलूस निकाली गयी।
आगे पढ़ेंराजनीति के अपराधीकरण के खिलाफ़ और लोगों के हाथ में सत्ता के लिये रैली की सालगिरह
17 वर्ष पहले, 22 फरवरी 1993 में, हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी के कामरेडों ने दूसरे जन संगठनों के कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर, दिल्ली के फिरोज़शाह कोटला में शहीद भगत सिंह के स्मारक पर एक ऐतिहासिक रैली आयोजित की थी।
आगे पढ़ेंमाडर्न फूड्स के संघर्ष की 10वीं सालगिरह
निजीकरण के साथ कोई समझौता नहीं!
10 वर्ष पहले फरवरी, 2000 को माडर्न फूड्स इंडिया लिमिटेड (एम.एफ.आई.एल.) के मजदूरों ने संसद सत्र के पहले ही दिन एक बहादुर प्रदर्षन आयोजित किया था। एम.एफ.आई.एल. के मजदूर सरकार द्वारा इस सार्वजनिक कंपनी को हिन्दुस्तान लीवर लिमिटेड (एच.एल.एल.) नामक निजी बहुराष्ट्रीय कंपनी के हाथों बेचने का विरोध कर रहे थे। एम.एफ.आई.एल.
आगे पढ़ेंखाद्य पदार्थों की मुद्रा स्फीति: कीमतें इतनी ज्यादा क्यों हैं और इस समस्या का समाधान क्या है?
पिछले करीब एक वर्ष में चावल,गेहूं, दाल, चीनी, अंडे, दूध, प्याज व आलू जैसे जरूरी खाद्य पदार्थों की कीमतों में वृद्धि के कारण मज़दूर वर्ग व मेहनतकशों के परिवारों का जीवन असहनीय हो गया है। एक वर्ष पहले जो तेजी से महंगाई बढ़नी शुरू हुई, वह आज भी जारी है और मुद्रा स्फीति की दर 20प्रतिशत से भी अधिक हो गयी है। इसका मतलब है कि जो परिवार मासिक वेतन पाते हैं या सेवानिवृति पर निश्चित आय पाते हैं, उनकी
आगे पढ़ेंमहिलाओं के दमन का स्रोत शोषण पर आधारित समाज है
8 मार्च, 2010 अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की घोषणा की शताब्दी होगी। अपने अधिकारों और समाज में सम्मान पाने के लिये दुनिया की महिलाओं के संघर्ष के सौ साल से अधिक पूरे होने के इस अवसर पर मज़दूर एकता लहर समाज में महिलाओं के दमन के स्रोत को स्पष्ट करती है और इस तरह, इस दमन को खत्म करने की दिशा दिखाती है।
आगे पढ़ेंबांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की हिन्दोस्तान यात्रा
बांग्लादेश की प्रधान मंत्री शेख हसीना ने जनवरी में हिन्दोस्तान की चार दिन की सरकारी यात्रा की।
आगे पढ़ेंदुनिया की पृष्ठभूमि में हिन्दोस्तानी पूंजीपतियों के सैनिकीकरण की झलक
जब हम हिन्दोस्तानी सैनिकीकरण पर नज़र ड़ालते हैं तब हमें याद रखना होगा कि हर तौर पर अमरीका सबसे बड़ी सैनिक शक्ति है। अमरीका के सैनिक दुनियां के कोने-कोने में तैनात हैं। अमरीका न केवल पारंपरिक व नाभिकीय, दोनों तरह के हथियारों में सबसे आगे है, उसका वार्षिक सैनिक खर्चा (51500 करोड़ अमरीकी डॉलर) उससे निचले स्तर के देशों (फ्रांस, चीन, ब्रिटेन, जर्मनी, जापान, रूस, इटली) से 9 से 12 गुना ज्यादा है। य
आगे पढ़ेंलोक राज संगठन ने आगामी समय के लिये कार्य निर्धारित किये
चुनी गयी नई सर्व हिन्द परिषद की पहली सभा 17 जनवरी 2010 को दिल्ली में की गयी। यह एक अहम सभा थी क्योंकि कई महत्वपूर्ण विषयों पर यहां विचार विमर्श किया गया और अहम निर्णय लिये गये।
कड़ाके की ठंड के बावजूद अच्छी संख्या में सदस्य मौजूद थे और उन्होंने निम्नलिखित चर्चाओं में सक्रियता से भाग लिया:
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