जनता के विरोध-प्रदर्शन पर गोलियां बरसाने वाली सरकार मुर्दाबाद!

हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की महाराष्ट्र इलाका समिति का बयान, अगस्त 2011

9 अगस्त के दिन, तलेगांव (पुणे) के नज़दीक मावल में, प्रदर्शन करने वाले किसानों पर अंधाधुंध गोलियां बरसा कर, राज्य ने अपना असली फासीवादी चेहरा फिर दिखा दिया। उस गोलीबारी में दर्जनों घायल हुए तथा 3 किसानों की मृत्यु हुई। उस गोलीबारी की छवियां जो अख़बारों में छपी हैं, उनसे साफ होता है कि पूरी सोच समझ से तथा जान-बूझकर गोलियां चलाई गयी थीं, और वह भी जान लेने के इरादे से!

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हिरोशिमा की 66वीं सालगिरह पर साम्राज्यवाद तथा युद्ध का अंत करने का आह्वान

6 अगस्त, 2011, यह उस भयानक अपराध की सालगिरह है, जो अमरीकी साम्राज्यवादियों ने जापानी लोगों के खिलाफ़ – बच्चों,महिलाओं तथा पुरुषों सहित नागरिकों के खिलाफ़ – किया था। 66 साल पहले, अमरीका ने जापान के दो शहरों पर अणु बम गिराये थे। 6 अगस्त, 1945 को हिरोशिमा के ऊपर तथा 9अगस्त, 1945 को नागासाकी के ऊपर अणु बमों के धमाके किये थे। उसकी वजह से दो महीनों के अंदर-अंदर ही करीब 3लाख महिलाओं, पुरुषों तथा बच

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हिन्दोस्तानी राज्य अफगानिस्तान में बड़ी सत्ता का खेल खेल रहा है

करीब दस साल पहले, 7 अक्तूबर, 2001 के दिन अमरीकी साम्राज्यवादियों ने, अफगानिस्तान पर हमला किया। वे आज तक वहां पर जमे हुए हैं। “आतंकवाद के खिलाफ़ जंग” के बहाने उन्होंने उस देश में घुसपैठ की है, खुद के पसंद के लोगों को राज पर बिठाया है, पहाडि़यों पर तथा देहातों पर भारी बमबारी की है तथा दसियों-हजारों लोगों को घायल किया है व हत्या की है। प्राचीन इतिहास तथा व्यापार के कई मार्गों के संग

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“भ्रष्टाचार की जड़ें” पर पैनल परिसंवाद

8 अगस्त, 2011 को दिल्ली में लोक राज संगठन ने “भ्रष्टाचार की जड़ें” विषय पर एक पैनल परिसंवाद का आयोजन किया। जिसे खुल्लम-खुल्ला तौर पर मंत्री, पूंजीपति, दलाल, अफसरशाह, न्यायाधीश, संसद और विधानसभाओं के सदस्य राजकोष को लूट रहे हैं, उसके प्रति मेहनतकश लोगों और बुद्धिजीवियों के जबरदस्त गुस्से और चिंता के परिप्रेक्ष्य में, इस विचार विमर्श गोष्ठी का बहुत महत्व है।

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गंभीर विश्लेषण और दूरदर्शिता की आवश्यकता है

हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी के महासचिव, लाल सिंह, 16 जुलाई 2011

यह ध्यान देने योग्य बात है कि हिन्दोस्तान और पाकिस्तान, दोनों शंघाई सहयोग संधी की सदस्यता पाने के इच्छुक हैं जो एक महत्वपूर्ण गुट है जिसमें चीन, रूस और चार मध्य एशियाई देश शामिल हैं। इस वक्त यह अमरीका के रणनैतिक हित में है कि एशियाई देशों के बीच एक राजनीतिक गठबंधन को न उभरने दिया जाये। मुंबई में एक और श्रृंखलाबद्ध बम विस्फोटों के जरिये हिन्द-पाक दुश्मनी की आग में हवा फूंकना, इस रणनीति से बहुत मेल खाता है। अतः राजनीतिक दृष्टिकोण से यह अवधारणा सबसे ज्यादा संभव लगती है।

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लिबिया की संप्रभुता की हिफ़ाज़त करें! साम्राज्यवादी हमला मुर्दाबाद!

लिबिया पर अमानवीय और नाजायज़ साम्राज्यवादी हमला जारी है। नाटो ताकतों की विनाशकारी युद्ध ताकत के साथ-साथ, नये आर्थिक और राजनीतिक दबाव डाले जा रहे हैं। इस जंग का मकसद है “सत्ता परिवर्तन”, यानि गद्दाफी को राजनीतिक और हो सके तो शारीरिक रूप से नष्ट करना और अमरीका, फ्रांस व ब्रिटेन के नियंत्रण में एक कठपुतली सत्ता को वहां स्थापित करना।

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बैंकों के निजीकरण का विरोध करें! जनता की बचत के पैसे की रक्षा करें!

5 अगस्त को राजकीय बैंकों के 10 लाख से अधिक बैंक कर्मियों की हड़ताल का समर्थन करें!

युनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स, जिसमें सभी राजकीय बैंकों के कर्मचारियों और अफसरों के 9 यूनियन शामिल हैं, ने 5अगस्त को एक दिवसीय हड़ताल का आह्वान किया है। मजदूरों के यूनियन अपने बढ़ते शोषण तथा अपने अधिकारों और काम की हालतों पर हमलों के खिलाफ़ संघर्ष कर रहे हैं। वे वैश्विक स्पर्धा के नाम पर अधिकतम म

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बैंक मज़दूरों की आगामी हड़ताल के बारे में कामरेड रामानंद से मुलाकात

युनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियन्स (जिसमें कर्मचारियों के 5 और अफ़सरों के 4 यूनियन शामिल हैं) ने 5 अगस्त को सर्व हिन्द हड़ताल की घोषणा की, मज़दूर एकता लहर के संवाददाताओं ने 13 जुलाई को दिल्ली में बैंक मज़दूरों के वरिष्ठ नेताओं में से एक से उसके बाद मुलाकात की। कामरेड रामानंद दिल्ली राज्य स्टेट बैंक एम्प्लाइज़ फेडरेशन के महासचिव तथा आल इंडिया बैंक एम्प्लाइज़ असोसिएशन के अग्रणीय नेताओं में से एक हैं।

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किन हिस्सों का निजीकरण हो चुका है, और किन हिस्सों का निजीकरण होने जा रहा है?

  • 5 हवाई अड्डों का निजीकरण हो चुका है। ये हैं दिल्ली, मुंबई, बंगलूरु, हैदराबाद और कोची। देश के अंदर तथा अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों के संदर्भ में ये 5 हिन्दोस्तान के सबसे मुनाफेदार हवाई अड्डे हैं। उनके निजीकरण से एयरपोर्ट अथॉरिटी आफ़ इंडिया की आमदनी पर बहुत असर पड़ा है।
  • मुंबई हवाई अड्डे के निजीकरण के दौरान, सरकार और एयर इंडिया के सी.एम.डी.जाधव ने एयर इंडिया की महंगी जमीन निज

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