हमारी पार्टी के चौथे महाअधिवेशन के सफलतापूर्वक सम्पन्न होने के बाद, महाअधिवेशन के फैसलों के अनुसार काम की दिशा तय करने के लिये, अलग-अलग इलाकों में इलाका गोष्ठियां आयोजित की जा रही हैं। इसी उद्देश्य के साथ, हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की दिल्ली इलाका समिति ने जनवरी 2011 में एक महत्वपूर्ण इलाका गोष्ठी आयोजित की। इलाके में काम को कैसे आगे बढ़ाया जाये, इस पर ग
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दिल्ली में पार्टी की महत्वपूर्ण इलाका गोष्ठी : पार्टी के चौथे महाअधिवेशन के आह्वान को पूरे जोश के साथ मेहनतकश जन समुदाय के बीच ले जायें!
23 फरवरी की रैली के लिए दिल्ली के मजदूरों की जोशभरी तैयारी
10 फरवरी, 2011 को दिल्ली के विभिन्न ट्रेड यूनियनों और मजदूर संगठनों के कार्यकर्ताओं ने 23 फरवरी, 2011 को संसद पर होने वाले देशभर के मजदूरों की रैली की तैयारी बतौर, एक जुझारू विचार गोष्ठी आयोजित की।
नयी दिल्ली में नॉर्दन रेलवे मैन्स यूनियन के सभागृह में यह विचार गोष्ठी हुई। अलग-अलग मजदूर संगठनों – इंटक, एटक, एच.एम.एस., सीटू,
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पूंजीपति वर्ग का भ्रष्ट और परजीवी शासन मुर्दाबाद! देश की दौलत पैदा करने वालों को देश का मालिक बनना होगा!
हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की केन्द्रीय समिति का आह्वान, 10 फरवरी, 2011
मजदूर साथियों!
हमने अपने मूल अधिकारों की मांग को लेकर, देश के कोने-कोने से 23 फरवरी को दिल्ली में एकत्रित होने का फैसला किया है। सुरक्षित रोज़गार और सामाजिक सुरक्षा सिर
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श्रीकृष्ण कमेटी
संपादक महोदय, मजदूर एकता लहर के 16-31 जनवरी, 2011 के अंक में ‘श्रीकृष्ण कमेटी ने तेलंगाना पर रिपोर्ट पेश की : लोगों को जान बूझकर भड़काने की कोशिश की निंदा करें!’ इस लेख को छापने के लिए मैं आपका आभार व्यक्त करता हूँ। इस लेख को इसकी सरल और वैज्ञानिक भाषा, इतिहास की सटीक जानकारी और
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मुंबई के मिल मज़दूरों का संघर्ष
17 जनवरी, 2011 को मुंबई के 25,000 मिल मज़दूरों ने 2.5 लाख मिल मज़दूरों के लिये आवास की मांग लेकर मंत्रालय तक जुलूस निकाला। गिरणी कामगार संघर्ष समिति द्वारा आयोजित रैली के लिये अलग-अलग इलाकों के मज़दूर आजाद मैदान में जमा हुये। याद रहे कि मज़दूरों के लम्बे संघर्ष के बाद ही महाराष्ट्र सरकार ने इस बात को माना था कि जब मिल
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आन्ध्र प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों की मांगें पूरी हुईं
सरकार द्वारा मज़दूरों की अधिकतर मांगों को मानने के बाद, 23 जनवरी, 2011 को आन्ध्र प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों ने अपना अनिश्चितकालीन आंदोलन समाप्त कर दिया है। 19 जनवरी को शुरू की गयी अनिश्चितकालीन हड़ताल में दस लाख से भी ज्यादा कर्मचारियों ने भाग लिया। इसे पैन डाउन, टूल डाउन, चॉक
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सीमेंट कारखानों के मज़दूरों की इंसाफ की लड़ाई
आन्ध्र प्रदेश के कुर्नूल जिले में स्थित जिन्दल सीमेंट कारखाने के मज़दूर, 22 जनवरी, 2011 से पुलिस के हमलों और गोलीबारी को झेलते हुये बहादुरी से आंदोलन करते आये हैं। उनके आंदोलन का तात्कालिक कारण उस दिन काम करने के असुरक्षित हालत के कारण एक मज़दूर की मौत थी। मज़दूर अपने मृत साथी के
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स्टेनलैस स्टील इकाई में संघर्ष
तमिलनाडु के तिरपुर में स्थित स्टेनलैस स्टील के बर्तन बनाने के कारखानों में काम करने वाले मज़दूर वेतन वृध्दि की मांग को लेकर 19 दिसम्बर से हड़ताल पर हैं। इस हड़ताल में 2500 मज़दूर और उनके परिवार शामिल हैं।
ओडिसा के तेल रिफाइनरी मज़दूरों की जन रैली
मां बैदेही ऑयल रिफाइनरी वर्कर्स यूनियन के झंडे के तले, हजारों तेल रिफाइनरी मज़दूरों ने पारादीप, ओडिसा में 14 जनवरी, 2011 को अपनी मांगों के समर्थन में एक जन रैली कामयाब की।
यूनियन
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सूरत के विद्युत करघा मज़दूरों का संघर्ष
सूरत के विद्युत करघा (पावर लूम) मज़दूरों ने 17 जनवरी, 2011 से वेतन वृध्दि की मांग को लेकर अपनी हड़ताल शुरू की है। उन्हें पुलिस के साथ बहादुरी से लड़ना पड़ा है जिसमें 15 मज़दूर जख्मी होने की रिपोर्ट मिली है।