वोल्टास लिमिटेड (टाटा ग्रुप) के खिलाफ़ धरना

29 सितंबर, 2012 को आल इंडिया वोल्टास इंप्लाईज फेडरेशन ने वोल्टास लिमिटेड (टाटा ग्रुप) की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ़ जंतर-मंतर पर धरना दिया।


वोल्टास लिमिटेड, टाटा की एक कंपनी है जो एयरकन्डीशनर और बड़े कारखानों के लिये वातानुकूलन संयन्त्र बनाती है। वोल्टास लिमिटेड ने कामगार यूनियन के साथ बहुत से समझौते किये हैं लेकिन अब वोल्टास प्रबंधन कहता है कि वो किसी भी द्विपक्षीय समझौते को नहीं म

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संप्रग सरकार की जन-विरोधी, राष्ट्र-विरोधी नीतियों की निंदा करें!

14 सितंबर, 2012 को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने घोषित किया कि उनके मंत्रीमंडल ने निम्नलिखित नीति परिवर्तनों को फौरन लागू करने के लिये पास कर दिया है:

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प्रधानमंत्री जी, डर और झूठ कौन फैला रहा है?

21 सितंबर को राष्ट्र को संबोधित करते हुये, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने जनता को चेतावनी दी कि “जो लोग डर और झूठ फैलाकर आपको दुविधा में डालना चाहते हैं, उनसे गुमराह न हों”।

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”हिन्दोस्तान किस दिशा में?“ – इस विषय पर तमिल नाडू में सफल सभा

”गद्दार बड़े पूंजीपतियों के वर्ग ने, अर्थात उपनिवेषवादी शासकों के साथ सहयोग करके अमीर बननेवाले बड़े पूंजीपतियों तथा बड़े ज़मीनदारों ने, 1947 के सांप्रदायिक विभाजन के साथ समझौता और सहयोग किया था। अपने खुद के हाथों में सत्ता लेने के संकुचित उद्देष्य के लिए बड़े पूंजीपतियों के वर्ग ने ऐसा किया था। उस सत्ता के ज़रिये वह बहुत ही बड़ा बन चुका है। आज अपने संकुचित ध्येयों के लिए वह देष को फासीवाद

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दक्षिण अफ्रीका के प्लैटिनम खदान मज़दूरों की हत्या की कड़ी निंदा करें!

16 अगस्त, 2012 को, दक्षिण अफ्रीकी पुलिस बल द्वारा 34 खदान मज़दूरों की हत्या, तथा 78 मज़दूरों को घायल करने की, हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी घोर निंदा करती है। इस नरसंहार के लिए जो जि़म्मेदार हैं, उन्हें सजा देने के लिए तथा अपनी उचित मांगों की पूर्ति के लिए संघर्ष में, हिन्दोस्तान के मज़दूर, दक्षिण अफ्रीका के मज़दूरों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।

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“यात्रियों की सुरक्षा के लिए, मोटरमैनों की मांगों का समर्थन करें!”

“यात्री-मोटरमैन एकता जि़ंदाबाद!”

“एक पर हमला सब पर हमला!”

10 सितंबर की शाम को जब उपरोक्त नारे मुंबई के चर्चगेट स्टेषन में गूंजने लगे, तब कई यात्री आष्चर्यचकित हो गये कि यह क्या हो रहा है?

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ठाणे में हजारों मजदूरों ने सरकार की दमन की नीति की निंदा की!

7 सितंबर के दिन ठाणे की मुख्य सड़कें “एक पर हमला सब पर हमला!”, “दमनकारी सरकार मुर्दाबाद!”, “मजदूर एकता जिंदाबाद!” आदि नारों से गूंज उठी। इस विरोध प्रदर्शन में हजारों मजदूर तथा जनतांत्रिक लोग शामिल हुए। धर्मराज्य कामगार-कर्मचारी महासंघ के हजारों सदस्यों के साथ सर्व श्रमिक संघ, कामगार एकता चलवल, सीटू, आदि संगठन भी शामिल हुए।

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गुड़गांव के मजदूरों ने अधिकारों के लिए महारैली की

21 सितम्बर, 2012 को संयुक्त ट्रेड यूनियन कमेटी की अगुवाई में, ईस्टर्न मेडिकेट कंपनी का ताला खुलवाने तथा मारुति-सुजुकी (मानेसर) के मजदूरों को काम पर वापस लेने की मांग को लेकर, पांच हजार से ज्यादा मजदूरों ने गुड़गांव स्थित लघु सचिवालय पर महारैली की।

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