मजदूर वर्ग और मेहनतकशों की हिमायत करने वाले अखबार और संगठन बतौर, हम मेहनतकशों के नेताओं से यह सवाल कर रहे हैं कि 20 वर्ष पहले शुरू किये गये सुधारों के परिणामों के बारे में हिन्दोस्तान के मेहनतकशों का क्या विचार है। क्या उन सुधारों से मजदूर वर्ग और मेहनतकश जनसमुदाय को फायदा हुआ है या नुकसान?
आगे पढ़ेंफासीवादी मेस्मा के विरोध में मज़दूर वर्ग और लोगों के संगठन एकजुट हुये
18 से अधिक मज़दूर संगठनों, महिला संगठनों तथा अन्य जन संगठन फासीवादी महाराष्ट्र इसेंशियल सर्विसेज मेंटनेंस एक्ट (एम.ई.एस.एम.ए. या मेस्मा) 2011 के लागू किये जाने के विरोध में एक साथ आये। उन्होंने एक आयोजन समिति में एक साथ आकर, 21 जुलाई के दिन मुंबई में एक आमसभा का आयोजन किया और मेस्मा को वापस लिये जाने तक लड़ने की शपथ ली।
आगे पढ़ें
मारुति सुजुकी के मजदूरों पर पुलिस आतंक की कड़ी निंदा करें!
यूनियन बनाने और अति-शोषण का विरोध करने के मजदूरों के अधिकार की हिफ़ाज़त में एकजुट हों!
18 जुलाई, 2012 को मारुति सुजुकी के मानेसर स्थित प्लांट में हुई हिंसा के पश्चात, राज्य की पुलिस को आदेश दिया गया है कि गुड़गांव-मानेसर इलाके में मजदूरों के बीच आतंक फैलाया जाये। मारुति सुजुकी के सौ से अधिक मजदूरों को गिरफ्तार करके जेल में बंद कर दिया गया है। सैकड़ों मजदूर गिरफ्तार होने से बचने के ल
आगे पढ़ेंअसम में राज्य द्वारा आयोजित समुदायिक जनसंहार की निंदा करें!
असम के दक्षिणी भाग में, लाखों बेकसूर पुरुष, स्त्री व बच्चे भयानक समुदायिक जनसंहार के शिकार बने हैं। और अपने गांव, घर, खेत, मवेशी, सब कुछ छोड़ कर भागने को मजबूर हुये हैं। सैकड़ों गांव जला दिये गये हैं। हथियारबंद कातिलाना गुंडों ने अनगिनत लोगों का बेहरमी से कत्ल किया है। बड़े क्रोध के साथ, हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी उस इलाके में जानबूझकर समुदायिक जनसंहार आयोजित करने के लिये हिन्दोस्तानी
आगे पढ़ेंमनमोहन सिंह की सरकार ने जी.ए.ए.आर. के मसौदे को ठुकराया
जुलाई 2012 में वित्त मंत्रालय संभालने का काम शुरू करने के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा लिये गये प्राथमिक मुख्य फैसलों में से एक था जनरल एंटी-एवोयडेंस रूल्स (जी.ए.ए.आर.) के मसौदे को खारिज़ करना और सभी ''हिस्सेदारों'' से सलाह करके एक नये मसौदे का प्रस्ताव करने के लिए एक नयी कमेटी बिठाना। जी.ए.ए.आर.
आगे पढ़ें
कैप्टन लक्ष्मी सहगल के निधन पर शोक
मजदूर एकता लहर 22 जुलाई, 2012 को कैप्टन लक्ष्मी सहगल के निधन पर गहरा शोक प्रकट करती है। वे 97 वर्ष की उम्र की थीं।

मोटरगाड़ी उद्योग के मजदूर बढ़ते शोषण के शिकार
हिन्दोस्तान में मोटरगाड़ी उद्योग बड़ी तेजी से बढ़ने वाला क्षेत्र है जिसमें हमारे देश के बड़े पूंजीपति तथा विदेशी बहुराष्ट्रीय कंपनियां अधिक से अधिक हद तक शामिल हो रही हैं।
गोरखपुर : जबरदस्ती भूमि अधिग्रहण के खिलाफ़ किसानों का संघर्ष पूरी तरह जायज है!
18 जुलाई से, हरियाणा के गोरखपुर इलाके के सैकड़ों परिवारों ने अपने-अपने गांवों के तपते खेतों में तम्बू लगा लिये हैं। सरकार द्वारा वहां परमाणु ऊर्जा संयंत्र के लिये भूमि अधिग्रहण के खिलाफ़, महिलायें, पुरुष व बच्चे आंदोलन चला रहे हैं।
आगे पढ़ें
जबरन भूमि अधिग्रहण के विरोध में रेवाड़ी के किसानों के दमन की निंदा करें!
हरियाणा सरकार द्वारा किसानों की ज़मीन के जबरन अधिग्रहण के खिलाफ़ आंदोलन करते किसानों पर 22 जुलाई को रेवाड़ी की पुलिस ने गोली चलाई। रिपोर्टों के अनुसार इस गोलीबारी में 30 से भी अधिक किसान जख्मी हुये। हरियाणा सरकार ने किसानों पर झूठे मुकदमे चला कर एक डराने-धमकाने वाला अभियान चलाया है ताकि किसानों के बीच विभाजन करके उनके संघर्ष को कुचला जा सके। मज़दूर एकता लहर रेवाड़ी के किसानों पर राजकीय ह
आगे पढ़ेंमहिला स्वास्थ्य कर्मी अपने हकों की मांग कर रही हैं
महिला स्वास्थ्य कर्मी – आशा और स्कूलों में मध्याह्न भोजन योजना के कर्मियों ने 22 जून को रोहतक में एक विरोध प्रदर्शन किया। आशा यूनियन एवं मध्याह्न भोजन यूनियन के सदस्य न्यूनतम वेतन, नियुक्ति पत्र, पहचान पत्र, सामाजिक सुरक्षा, जैसे हकों की मांग कर रहे हैं। सार में उनकी मांग यह है कि सरकार उन्हें मजदूर का दर्जा देकर वे सारे हक सुरक्षित करे जो एक मजदूर को मिलने चाहिए। सरकार ने इन कर्मियों की जाय
आगे पढ़ें