मुंबई के बिजली क्षेत्र कर्मचारी बने “मेस्मा” के शिकार!

मुंबई इलेक्ट्रिक कर्मचारी यूनियन के मजदूरों पर महाराष्ट्र सरकार की सक्रिय मदद से मैनेजमेंट ने “मेस्मा” का उपयोग करके हमला किया। हमारे संवाददाता ने यूनियन नेता श्री. शंकर से वार्तालाप किया, उसके कुछ अंश …

म.ए.ल.: आप हमें अपनी यूनियन के बारे में कुछ बताइये।

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बैंकिंग सुधारों के खिलाफ़ बैंककर्मी व अधिकारी आगे आये

बैंकिंग क्षेत्र में पूंजीपतियों के हितों में किये जा रहे सुधारों, खंडेलवाल समिति की सिफारिशों के एकतरफा कार्यान्वयन करने, बैंक नौकरियों की आउटसोर्सिंग करने, मानव संसाधन के मुद्दों पर मनमाना दिशा-निर्देशों के लागू करने, ग्रामीण शाखाओं को  बंद करने, आदि के खिलाफ़ देशभर के बैंक कर्मचारी 22-23 अगस्त को हड़ताल पर उतरे। 27 सरकारी बैंकों की 87,000 शाखाओं, निजी क्षेत्र के 12 बैंकों तथा 8 विदेशी

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पूर्वोत्तर के लोगों की असुरक्षा के लिये केन्द्रीय सत्ताधारी जिम्मेदार

“मनुष्यों की जिन्दगी और अधिकारों की रक्षा करने की जगह आज केन्द्रीय सत्ताधारी पूर्वोत्तर के विभिन्न लोगों के बीच तंग व साम्प्रदायिक आधार पर एक आतंक और असुरक्षा का वातावरण बना रहे हैं, ” हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी के प्रवक्ता कामरेड प्रकाश राव ने 27 अगस्त के दिन दिल्ली में लोक राज संगठन द्वारा पूर्वोत्तर के लोगों की असुरक्षा के लिये कौन जिम्मेदार?

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सिर्फ मज़दूर वर्ग ही हिन्दोस्तान को बचा सकता है!

सिर्फ एकजुट मज़दूर वर्ग ही हिन्दोस्तान को बचा सकता है!

सिर्फ मज़दूर वर्ग ही हिन्दोस्तान को बचा सकता है! हिन्दोस्तान की ग़दर पार्टी की केंद्रीय समिति का बयान, ३० अगस्त २०१२

(PDF दस्तावेज को डाउनलोड करने के लिए कवर चित्र पर क्लिक करें)

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साम्राज्यवादियों द्वारा सीरिया की संप्रभुता के खुलेआम हनन का डटकर विरोध करें!

दूसरे देशों व लोगों की आज़ादी और संप्रभुता का आदर करने के असूल की पूरी तरह अवहेलना करते हुए, अमरीकी साम्राज्यवाद और उसके मित्रों ने सीरिया की सरकार का तख्ता पलट करने और उस देश पर अपना प्रभुत्व जमाने के इरादे से, अपना सैनिक और राजनीतिक अभियान तेज कर दिया है। अपने इस अभियान को सही ठहराने के लिए अमरीकी साम्राज्यवाद यह ऐलान कर रहा है कि ''जिसकी लाठी उसकी भैंस'', कि अपनी अधिक सैनिक

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हिन्द-ईरान संबंधों में साम्राज्यवादी दखलंदाजी का विरोध करें!

ईरान से हिन्दोस्तान के संबंध, जो प्राचीन काल से लेकर आधुनिक काल तक बहुत गहरे रहे हैं, अब अमरीकी साम्राज्यवाद के नेतृत्व में ईरान पर हमलावर कार्यवाइयों से दबाव में आ रहे हैं। यह तब देखा गया जब हिन्दोस्तान ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के विचार-विमर्श में, अमरीका तथा दूसरे साम्राज्यवादियों के समर्थन में और ईरान के खिलाफ़ मत दिया। ईरान से हिन्दोस्तान द्वारा कच

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सरकार के मजदूर वर्ग विरोधी कार्यक्रम के खिलाफ़ एकजुट संघर्ष तेज़ करें!

4 सितम्बर के मजदूर वर्ग अधिवेशन की सफलता सुनिश्चित करें!

11 जुलाई 2012 को ट्रेड यूनियन के नेताओं ने नयी दिल्ली में भामस कार्यालय पर हुई सभा में मेहनतकशों से आह्वान किया कि ''सरकार को अपनी नीतियां बदलने को मजबूर करने के लिए एकजुट संघर्ष को और तेज'' किया जाये। इस उद्देश्य से सभा में अपनाये गये प्रस्ताव में सभी ट्रेड यूनियनों से आग्रह किया गया कि वे स्थानीय और राजकी

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सिंडिकेट वाईपर के मज़दूरों और उनकी यूनियन के नेताओं पर हो रहे हमलों की कड़ी निंदा करो!

नयी मुंबई में स्थित एक कारखाने के मज़दूरों और उनकी यूनियन के नेताओं पर मालिक के भाड़े के गुंडों द्वारा हमले किये गये।

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आर्थिक सुधार कार्यक्रम पर मजदूर-मेहनतकशों के विचार

मजदूर वर्ग और मेहनतकशों की हिमायत करने वाले अखबार और संगठन बतौर, हम मेहनतकशों के नेताओं से यह सवाल कर रहे हैं कि 20 वर्ष पहले शुरू किये गये सुधारों के परिणामों के बारे में हिन्दोस्तान के मेहनतकशों का क्या विचार है। क्या उन सुधारों से मजदूर वर्ग और मेहनतकश जनसमुदाय को फायदा हुआ है या नुकसान?

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फासीवादी मेस्मा के विरोध में मज़दूर वर्ग और लोगों के संगठन एकजुट हुये

18 से अधिक मज़दूर संगठनों, महिला संगठनों तथा अन्य जन संगठन फासीवादी महाराष्ट्र इसेंशियल सर्विसेज मेंटनेंस एक्ट (एम.ई.एस.एम.ए. या मेस्मा) 2011 के लागू किये जाने के विरोध में एक साथ आये। उन्होंने एक आयोजन समिति में एक साथ आकर, 21 जुलाई के दिन मुंबई में एक आमसभा का आयोजन किया और मेस्मा को वापस लिये जाने तक लड़ने की शपथ ली।

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