तमिलनाडु में मई दिवस उत्साह से मनाया गया

हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की कन्याकुमारी जिला समिति ने पूतन सन्धाय मोड़ पर मई दिवस मनाने के लिये एक जन सभा आयोजित की।

वहां आये मज़दूरों को पार्टी और मज़दूर एकता आंदोलन के अनेक साथियों ने संबोधित किया। उन्होंने समझाया कि कैसे केन्द्र और प्रांत की सरकारें सबसे बड़े पूंजीपतियों की सेवा में काम करती हैं।

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मज़दूर एकता आंदोलन ने चेन्नई में मई दिवस का कार्यक्रम किया

मज़दूर एकता आंदोलन (वर्कर्स यूनिटी मूवमेंट) की पहल पर चेन्नई के बहुत से ट्रेड यूनियनों व संगठनों ने एक साथ मिलकर मई दिवस मनाया। इनमें शामिल थे वी.एच.एस.

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कामरेड एस.एन. शर्मा के देहान्त पर शोक

दिल्ली के वरिष्ठ ट्रेड यूनियन नेता, कामरेड एस.एन. शर्मा का 5 मई, 2013 की सुबह को देहांत हो गया। इस दुखद अवसर पर मजदूर एकता लहर उनके पूरे परिवार को अपना शोक प्रकट करती है।

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मुंबई में मई दिवस उत्साहपूर्वक मनाया गया

सैकड़ों मज़दूर मई दिवस की दोपहर को लाल झंडों व अपने यूनियनों के बैनरों के साथ आज़ाद मैदान में इकट्ठे हुये। इनमें इंजीनियरिंग मज़दूर, शिक्षक, बैंक व बीमा क्षेत्र के मज़दूर, नाविक, राज्य सरकार के कर्मचारी, असंगठित क्षेत्र के मज़दूर, इत्यादि शामिल थे।

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मई दिवस दुनियाभर में बड़े जोर-शोर से मनाया गया

मई दिवस 2013 के अवसर पर पूरी दुनिया में असंख्य सभाएं, जुलूस, प्रदर्शन तथा मेले आयोजित किये गए। जकार्ता से न्यूयॉर्क तक, काराकस से ढाका तक, करोड़ों की संख्या में श्रमिकों ने सड़कों पर उतरकर अपनी एकता का प्रदर्शन किया एवं इंसान द्वारा इंसान के शोषण को खत्म करने की कसम दोहराई।

इंडोनेशिया के जकार्ता शहर में 55 हजार से ज्यादा श्रमिकों ने प्रदर्शन मे

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इजारेदार पूंजीपतियों के समाज-विरोधी कार्यक्रम का विकल्प है!

मजदूर वर्ग को राजनीतिक सत्ता अपने हाथ में लेनी होगी ताकि सभी की जरूरतों को पूरा करने के लिए अर्थव्यवस्था को नयी दिशा दी जा सके!

मई दिवस 2013 पर कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की केन्द्रीय समिति का आह्वान

मजदूर साथियो!

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मजदूर कौन है?

सभी वैतनिक स्तरों पर, सभी मजदूर अति-शोषण का सामना करते हैं

इस विषय पर लेखों की श्रृंखला में यह द्वितीय भाग है। यह हाल में हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी के अंदर और मजदूर वर्ग आंदोलन में चर्चा का एक अहम विषय रहा है।

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कार्ल मार्क्स का जीवन और काम श्रमजीवी क्रांति की विजय के लिए संगठित होने का आह्वान है!

कार्ल मार्क्स का जन्म 195 वर्ष पहले हुआ था और उनका देहांत 120 वर्ष पहले हुआ, परंतु दुनिया को उन्होंने जो विज्ञान प्रदान किया था वह आज तक बहुत ही सजीव रूप में हमें प्रेरित करता है। मार्क्सवाद जिंदा है क्योंकि वह एक ऐसा विज्ञान है जो तत्कालीन घटनाओं के विश्लेषण के आधार प

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राजनीति में बढ़ता अपराधीकरण:

शासन व्यवस्था पर पार्टियों का प्रभुत्व ही इसका स्रोत!

तृणमूल कांग्रेस द्वारा पश्चिम बंगाल में आतंक की मुहिम फैलायी गयी है। कुछ इलाकों में माकपा के कार्यालयों को आग लगाई गई है, माकपा के कुछ नेताओं पर हमला किया गया है। पुलिस मूक दर्शक रही है या फिर कहीं-कहीं इन हमलों में सक्रियता से भाग लेती रही है। इस हिंसा का हालिया दौर तब शुरू हुआ जब कोलकाता में पुलिस हिरासत में एक एस.एफ.आई.

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