फिरोज शाह कोटला रैली, २२ फरवरी १९९३, मजदूर एकता कमिटी

ऐतिहासिक फिरोज़शाह कोटला रैली की 20वीं सालगिरह:

राजनीतिक व्यवस्था में मूलभूत परिवर्तन लाने का आह्वान

22 फरवरी, 1993 को, 20 वर्ष पहले, संसद के बजट सत्र के प्रारंभिक दिन पर, मजदूरों, महिलाओं व मानव अधिकार कार्यकर्ताओं के संगठनों ने फिरोज़शाह कोटला पर, संयुक्त रूप से एक विरोध रैली आयोजित की थी, जिसमें प्रमुख संसदीय पार्टियों के अपराधी कार्यों की निंदा की गयी थी। रैली में भाग लेने वालों ने सभी ज़मीर वाले पुरुषों और स्त्रियों से अपील की कि

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मोहम्मद अफ़जल गुरु की फांसी की निंदा:

हिन्दोस्तानी लोकतंत्र” का असली चेहरा

9 फरवरी की सुबह को, अत्यंत गुप्त रूप से हिन्दोस्तानी राज्य ने मोहम्मद अफ़ज़ल गुरु को फांसी पर चढ़ाया और दिल्ली के तिहाड़ जेल में ही उसे दफना दिया। उसके परिवार और बाकी देशवासियों को फांसी हो जाने के बाद ही उसकी जानकारी मिली। अफ़ज़ल गुरु की फांसी एक बेशर्म और कायरतापूर्ण हरकत है जिसे कानून और न्

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लोगों को सत्ता में लाने के लिए काम को आगे बढ़ायें!

27 जनवरी, 2013 को “लोगों की समितियों के हाथ में राजनीतिक ताकत लाना समय की मांग है” विषय पर एक सार्वजनिक गोष्ठी नई दिल्ली में आयोजित की गई। इस गोष्ठी के आयोजक थे – लोक राज संगठन, पुरोगामी महिला संगठन, सिख फोरम, सुभाष युवा मोर्चा तथा पोपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया।

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मॉडर्न फूड्स इंडस्ट्रीज़ के निजीकरण की 13वीं सालगिरह:

किसी भी नाम या रूप में निजीकरण मंजूर नहीं!

13 साल पहले, फरवरी, 2000 में मज़दूर एकता कमेटी के नेतृत्व में, मॉडर्न फूड्स इंडस्ट्रीज़ (इंडिया) लिमिटेड (एम.एफ.आई.एल.) के मज़दूरों ने नयी दिल्ली में संसद सत्र के पहले दिन एक जोशीला प्रदर्शन किया। वे सरकार की मालिकी की एम.एफ.आई.एल.

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पुलिस द्वारा वहशियाना दमन कैमरे में कैद!

महाराष्ट्र के धुले शहर में 6 जनवरी को हुई राजकीय आतंक की घटना में 6 मुस्लिम समुदाय के लोग मारे गए थे। उस हिंसा से पीड़ित नागरिक शिकायत कर रहे हैं कि उस अत्याचार के चार हफ्ते बाद भी राज्य सरकार ने मारे गये या जख्मी हुए व्यक्तियों के परिवारों को कोई मुआवज़ा नहीं दिया है। उल्टा उन्हें बताया जा रहा है कि उस घटना की जाँच खत्म होने के पश्चात उन्हें मुआवज़ा दिया जायेगा। उस हिंसा में घायल एक व्यक्ति ने बत

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अमरीका साइबर जंग की तैयारी कर रहा है

ओबामा सरकार ने यह निर्णय लिया है कि अमरीकी राष्ट्रपति दूसरे देशों पर साइबर हमलों का आदेश दे सकता है। यह दिखाता है कि अमरीकी साम्राज्यवाद अपनी हमलावर युद्ध तैयारियों को और तेज़ कर रहा है। इस गुप्त निर्णय की खबर 4 फरवरी, 2013 के न्यूयार्क टाइम्स अखबार में छपी थी।

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संगम विहार में जन सभा

संगम विहार, दक्षिणी दिल्ली स्थित एशिया की सबसे बड़ी कच्ची कालोनी है। इसमें अधिकांश मजदूर वर्ग के सदस्य रहते हैं। यहां समस्याएं विकराल हैं। पीने का पानी व सीवर (शौच व पानी निकासी) की सुविधा, जो कि मूलभूत अधिकार हैं, यहां के निवासियों को प्राप्त नहीं हैं। बिजली निजीकरण के बाद ही मिली। सड़कें और गलियां स्थानीय निवासियों के संयुक्त प्रयास के बल पर न के बराबर ठीक हैं, लेकिन सरकारी स्तर पर नहीं।

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विमानन उद्योग के मज़दूरों की जबरदस्त असुरक्षा

पिछले पांच वर्षों में विमानन उद्योग के संकट का अनिवार्य नतीजा निकला है। इस क्षेत्र के मज़दूरों को जबरदस्त असुरक्षा का सामना करना पड़ रहा है। विमान चालकों व प्रशिक्षणार्थी विमान चालकों, कैबिन क्रू व प्रशिक्षणार्थी कैबिन क्रू तथा भूमि के तकनीकी मज़दूर व भूमि पर काम करने वाले दूसरे मज़दूर, सभी मज़दूरों के रोजगार पर जोरदार हमला है।

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कामगार एकता कमेटी की सभा मुम्बई में सफलता से संपन्न हुई

जनवरी 31 को कामगार एकता कमेटी ने मुम्बई में एक बहुत महत्वपूर्ण सभा का आयोजन किया। सभा का विषय था, “निजीकरण तथा उदारीकरण के द्वारा वैश्वीरकण के पूंजीपति वर्ग के कार्यक्रम के जवाब में मज़दूर वर्ग को क्या करना चाहिए?”  फरवरी 20-21 की सर्व-हिन्द हड़ताल के लिए कामगार एकता कमेटी के सब घटक सक्रियता से काम कर रहे हैं। इस पश्रभूमि पर इस सम्मेलन का आयोजन किया गया था।

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