विमान चालकों के प्रति एयर इंडिया के अधिकारियों के फासीवादी रवैया की निंदा करें!

2 महीने पहले, उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार एयर इंडिया के विमान चालकों का हड़ताल वापस लिया गया। यह हड़ताल इंडियन पायलट्स गिल्ड के तत्वाधान में किया गया था। उस समय नागरिक उड्डयन मंत्रालय तथा एयर इंडिया के अधिकारियों ने न्यायालय को आश्वासन दिया कि वे विमान चालकों की मांगों के प्रति संवेदनशील रवैया अपनायेंगे।

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महाराष्ट्र सरकार द्वारा ऑटो मज़दूरों पर हमला मुर्दाबाद!

परिवहन आयुक्त द्वारा दिये गये आश्वासन के आधार पर मुंबई के करीब 3 लाख ऑटोरिक्शा चालकों ने, 13 सितंबर को होने वाली अपनी प्रस्तावित हड़ताल वापस ली। जीवनयापन के बढ़ते खर्चे के कारण, ऑटोरिक्शा चालकों ने सरकार से ऑटोरिक्शा के भाड़े में बढ़ोतरी की मांग रखी है। वे हकीम समिति की सिफारिशों को लागू करने की भी मांग कर रहे हैं। महाराष्ट्र सरकार द्वारा इस समिति का गठन ऑटोरिक्शा चालकों के पिछले आंदोलन के प

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वोल्टास मज़दूरों ने सामान्य वार्षिक सभा में अपनी आवाज उठाई

टाटा समूह की एक कंपनी, वोल्टास लिमिटेड की सामान्य वार्षिक सभा में 23 अगस्त को मुंबई में एक अद्भुत दृश्य देखने को मिला। कंपनी के 100 से भी अधिक शेयरधारक मज़दूर इस सभा में उपस्थित थे। वोल्टास एम्प्लोईज यूनियन तथा ऑल इंडिया वोल्टास एम्प्लोईज फैडरेशन ने फैसला किया था कि वे इस मौके पर सभी शेयरधारकों को अपनी मांगों से अवगत करायेंगे।

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सिर्फ एकजुट मजदूर वर्ग ही हिन्दोस्तान को बचा सकता है!

हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की केन्द्रीय समिति का बयान, 30 अगस्त, 2012

देश भर से मजदूर वर्ग के प्रतिनिधि 4 सितम्बर को नई दिल्ली में एकत्रित हो रहे हैं, ऐसे समय पर जब हमारे देश में घमासान संघर्ष चल रहा है। यह अधिकतम मेहनतकश और शोषित लोगों तथा मुट्ठीभर शोषकों के बीच संघर्ष है। यह दौलत का विस्तार करने के लिये श्रम करने वालों तथा निजी जायदाद और सत्ता के आधार पर इस दौलत का फल हड़पन

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तेहरान में गुट निरपेक्ष सम्मेलन : साम्राज्यवादी ताकतों द्वारा जंगफरोश और दखलंदाज़ी का सख्त विरोध करना ज़रूरी

गुट निरपेक्ष आन्दोलन की 16वीं शिखर बैठक ईरान की राजधानी तेहरान में 26 अगस्त, 2012 को शुरू हुई है। रिपोर्टों के अनुसार, हिन्दोस्तान समेत 120 देशों के नेता बैठक में भाग ले रहे हैं। रूस, चीन तथा कुछ और देश बैठक में पर्यवेक्षक बतौर भाग ले रहे हैं।

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मेस्मा के पीछे सरकार की चाल

प्रिय संपादक महोदय,

आपके अखबार में मैंने “मेस्मा” कानून के बारे में पढ़ा। तब मुझे लगा कि शायद आप सरकार पर बेबुनियादी इल्जाम लगा रहे हैं कि सरकार इस कानून का गलत इस्तेमाल कर्मचारियों के खिलाफ़ करेगी। मगर मुंबई के डॉक्टरों के साथ हाल ही में जो किया गया उससे मेरा संदेह दूर हो गया।

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पूर्वोत्तर राज्यों के लोगों की असुरक्षा के लिये केन्द्रीय राज्य और उसकी आतंकवादी नीति दोषी है!

बीते कुछ दिनों में, पूर्वोत्तर राज्यों के लोगों के खिलाफ़ नस्लवादी हमलों और प्रचार फैलाये जाने के बाद, असम, नगालैंड, मणिपुर और दूसरे पूर्वोत्तर राज्यों के हजारों मजदूर और छात्र टेªनों पर चढ़कर अपने चिंतित परिवारों के पास, वापस घर भाग रहे हैं। इन लोगों की सुरक्षा और सम्मान को सुनिश्चित करने के लिये तुरंत ठोस कदम लेने की बजाय, केन्द्रीय अधिकारी बैंगलोर, पुणे, चेन्नई, हैदराबाद तथा अन्य शहर

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गुड़गांव के मजदूरों की विशाल रैली :

मजदूरों और उनके अधिकारों पर हरियाणा सरकार के हमलों की निंदा करें!

19 अगस्त, 2012 को गुड़गांव औद्योगिक क्षेत्र के हजारों मजदूरों ने शहर की सड़कों पर जुझारू विरोध प्रदर्शन किया। दोपहर 3बजे जब शिफ्ट खत्म हुई तब मजदूर अपनी

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किसानों ने संघर्ष का बिगुल बजाया!

राष्ट्रीय ग्रमीण सम्मेलन 28 अगस्त, 2012 को, स्पीकर हाल कान्स्टीयूशन क्लब, नई दिल्ली में अखिल भारतीय किसान सभा और भारतीय खेत मजदूर यूनियन के तत्वाधान में संपन्न हुआ। इस अधिवेशन में मजदूर एकता लहर के संवाददाता ने शिरकत की। अधिवेशन में 16 राज्यों से आये सैकड़ों किसान नेताओं ने हिस्सा लिया।

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पेंशन फंड का चोरी-छिपे निजीकरण का विरोध करो!

पेंशन फंड रेग्यूलेटरी एण्ड डेवलपमेंट अथारिटी (पी.एफ.आर.डी.ए.) विधेयक के ज़रिये पेंशन “सुधार“ हिन्दोस्तानी बड़े पूंजीपतियों के तात्कालिक वैधानिक एजेंडा के लिये एक अहम विषय है।

पी.एफ.आर.डी.ए. विधेयक के मूल लक्षण इस प्रकार हैं:

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