हिन्द नौजवान एकता सभा का अधिवेशन :

नौजवानों को समाज को बदलने के लिये संगठित होने का आह्वान

7 अप्रैल, 2013 को नई दिल्ली में हुये हिन्द नौजवान एकता सभा के अधिवेशन का मुख्य नारा था – ‘संगठित हो, हुक्मरान बनो और समाज को बदल डालो!’, इस नारे को संगठन ने अपनी स्थापना के समय अपनाया था और आज भी इसकी प्रासंगिकता बनी हुई है। जहां इस अधिवेशन का आयोजन किया गया था, उस स्थान को लाल-ला

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श्री लंका पर संयुक्त राष्ट्र संघ का प्रस्ताव:

बर्तानवी-अमरीकी साम्राज्यवादियों की साज़िश में लोगों को नहीं फंसना चाहिये

संयुक्त राष्ट्र संघ मानव अधिकार परिषद (यू.एन.एच.आर.सी.) ने 21 मार्च, 2013 को, जेनिवा में हुये अपने 22वें सत्र में श्री लंका के खिलाफ़ एक अमरीका-समर्थित प्रस्ताव पास किया। 47 सदस्यीय यू.एन.एच.आर.सी.

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उत्तरी कोरिया के खिलाफ़ अमरीकी साम्राज्यवादियों की जंगखोरी मुर्दाबाद!

25 मार्च, 2013 को अमरीकी सेना के बी-52 बमवर्षक युद्धनीतिक विमानों ने कोरियाई प्रायद्वीप के आकाश में उड़ानें भरीं और उत्तरी कोरिया के खिलाफ़ परमाणु प्रक्षेपास्त्रों के हमलों के दिखावटी अभ्यास किये।

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मजदूर कौन है?

“मध्यम वर्ग” के बारे में पूंजीवादी प्रचार मजदूर वर्ग की पहचान पर हमला है

हिदोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी के अंदर और मजदूर वर्ग आन्दोलन में, हाल के दिनों में, यह एक महत्वपूर्ण चर्चा का विषय रहा है। इस विषय पर कई लेखों की श्रृंखला में यह प्रथम लेख है।

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लेनिन के मूल सबक आज भी सही और बहुत ही महत्वपूर्ण हैं!

श्रमजीवी वर्ग के महान क्रांतिकारी नेता और शिक्षक, वी.आई. लेनिन के जन्म की 143वीं सालगिरह 22 अप्रैल को है। रूस के मजदूर वर्ग और मेहनतकश जनसमुदाय को संगठित करके पूंजीपतियों का तख्तापलट करने, और मानव इतिहास में पहली बार मजदूरों और किसानों की हुकूमत स्थापित व मजबूत करने में लेनिन ने बोल्शेविक पार्टी को अगुवाई दी।

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रेल चालकों और रेल गार्डों का संयुक्त सम्मेलन व रैली :

अधिकारों के लिये एकजुट संघर्ष का ऐलान!

आल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसियेशन तथा आल इंडिया गार्डस् काउंसिल, दोनों संगठनों के सदस्यों ने ज्वाइंट एक्षन कमेटी की अगुवाई में, अपनी लंबित मांगों को लेकर 7-8 अप्रैल, 2013 को संयुक्त सम्मेलन और रैली का आयोजन किया।

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पुरोगामी महिला संगठन का आह्वान:

महिलाओं को राजनीतिक सत्ता अपने हाथ में लेने के लिये संगठित होना होगा!

“शासन सत्ता अपने हाथ, जुल्म-अन्याय करें समाप्त!” यही भावना दिल्ली के भरे सभागृह में 17 मार्च की पूरे दिन की सभा में गूंजती रही। समाज को बदलने और महिलाओं के अधिकारों को पाने के लिये आगे

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नौजवानों को आह्वान:

संगठित हो, हुक्मरान बनो और समाज को बदल डालो!

23 मार्च शहीद भगत सिंह और उनके साथियों, राजगुरु और सुखदेव की शहीदी की 82वीं सालगिरह है। बर्तानवी उपनिवेशवादी राज की फांसी को चूमते हुये उनकी मौत को चुनौती – देने वाली हिम्मत, उनका अडिग विश्वास कि मुट्ठीभर शोषकों द्वारा जनसमुदाय के शोषण को खत्म करने का एकमात्र रास्ता इंकलाब है – ये हमारे देश की कई पीढ़ियों के नौजवानों को सभी प्रकार के अन्याय के

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ईरान पर साम्राज्यवादी ब्लैकमेल और दबाव मुर्दाबाद!

ईरान के लोगों के अपना परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम चलाने के संप्रभु अधिकार की हिफाज़त करें!

अमरीकी साम्राज्यवाद की अगुवाई में साम्राज्यवादी ताकतें दिन-ब-दिन ईरान के खिलाफ़ अपना हमला तेज़ कर रही हैं। हाल के वर्षों में अफगानिस्तान, इराक और लिबिया पर कब्जा़ करने के बाद, अब साम्राज्यवादियों का निशाना सिरिया और ईरान पर है। पश्चिम एशिया और मध्य व दक्षिण एशिया के ऊर्जा संपन्न और रणनैतिक स्थान पर स्थित

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इराक युद्ध के 10 वर्ष:

बर्तानवी-अमरीकी साम्राज्यवादियों को अपने भयानक अपराधों की कीमत चुकानी होगी!

इराक में जंग

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