ह्यूगो शावेज़ के देहान्त पर हम शोक मानते हैं

ह्यूगो शावेज़, वेनेजुयेला के बोलिवारियन गणराज्य के राष्ट्रपति का, कैंसर के खिलाफ़ बहादुर और लंबे संघर्ष के बाद, 5 मार्च, 2013 को काराकास में देहान्त हो गया। उनका देहान्त वेनेज़ुयेला के लोगों और उत्तर, मध्य व दक्षिण अमरीका के सभी लोगों और दुनिया के लोगों के साम्राज्यवाद-विरोधी आन्दोलन के लिये एक भारी क्षति है।

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20-21 फरवरी की सर्व हिन्द हड़ताल:

सफल हड़ताल के लिए देश के मजदूर वर्ग को लाल सलाम!

देश के मजदूर वर्ग ने महंगाई पर रोक लगाने, न्यूनतम वेतन को बढ़ाने, ठेकेदारी प्रथा को खत्म किये जाने, सार्वजनिक संपत्ति को निजी पूंजीपतियों के हाथों में न दिया जाये आदि मांगों को लेकर, ट्रेड यूनियन संगठनों की अगुवाई में, 20-21 फरवरी को दो दिवसीय सर्व हिन्द हड़ताल को कामयाब किया।

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हैदराबाद में आतंकवादी बम विस्फोटों की निंदा करें!

हैदराबाद में दिलसुखनगर के भीड़-भाड़ वाले बाज़ार में 21 फरवरी, 2013 को हुये बम विस्फोटों में 16 लोग मरे और सौ से अधिक लोग घायल हुये। हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी इस कायरतापूर्ण हरकत की निंदा करती है और अपने प्रिय जनों को खोने वालों तथा घायलों व उनके परिवारों के दुख की घड़ी में हार्दिक संवेदना प्रकट करती है।

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फिरोज़शाह कोटला में 20 वर्ष पहले ली गई ऐतिहासिक पहल की याद में जन सभा:

लोगों को सत्ता में लाने के लिये समितियां बनाने का काम तेज़ करें!

लोगों को सत्ता में लाना आज मुख्य समस्या है और इस लक्ष्य के इर्द-गिर्द लोगों को एकजुट करना मुख्य काम है। इसके लिये हम कम्युनिस्टों को देश भर में मजदूरों, किसानों, महिलाओं और नौजवानों के बीच समितियां गठित व मजबूत करने का काम तेज़ करना होगा!

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मालदीव में हिन्दोस्तानी हस्तक्षेप का विरोध करें!

दक्षिण एशिया के अन्य देषों के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप करने का हिन्दोस्तानी राज्य का लम्बा इतिहास है। निकटवर्ती देशों के स्वायत्ता के अधिकारों को पूरी तरह से नज़रअंदाज़ करके वह ऐसा बर्ताव करता है मानो कि हिन्दोस्तान के विशाल आकार तथा शक्ति की वजह से उसे उन देशों में दख़लंदाज़ी करने का हक़ हो। इसकी वजह से यह स्वाभाविक है कि तकरीबन सब पड़ोसी देशों की सरकारों तथा लोगों में हिन्दोस्तान बहुत ही

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माली में साम्राज्यवादी दखलंदाज़ी मुर्दाबाद!

जनवरी 2013 के पहले दो हफ्तों में फ्रांसीसी सैन्य विमानों ने माली के शहरों व गांवों पर जमकर बम बरसाये, जिसकी वजह से बहुत लोग मारे गये या घायल हुये। अन्य ताकतों के अलावा, अमरीका और ब्रिटेन ने माली में इस सैनिक दखलंदाज़ी का समर्थन किया था। आतंकवाद और “जिहादियों” के खिलाफ़ जंग के नाम पर, 21वीं सदी में साम्राज्यवादी ताकतों द्वारा की गई सैनिक दखलंदाज़ी की लंबी सूची में यह सबसे हाल की दखलंदाज़ी की हरक

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“जिम्मेदार बजट” के नाम से इजारेदार पूंजीपतियों के हितों की सेवा

वित्त मंत्री चिदंबरम 2013-14 के लिये केन्द्रीय बजट 28 फरवरी को पेश करने जा रहे हैं। बीते कई हफ्तों से उन्होंने बार-बार यह वादा किया है कि वे “जिम्मेदार बजट” पेश करेंगे।

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20-21 फरवरी की सर्व हिन्द हड़ताल के अवसर पर मज़दूर एकता लहर के संवाददाताओं ने मुम्बई में अनेक मज़दूर नेताओं से बातचीत की उन्होंने हड़ताल के बारे में बड़े उत्साह के साथ अपने विचार दिये तथा अपने कार्य क्षेत्र के बारे में जानकारी दी

कॉ. मंगेश परब, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, नेशनल फेडरेशन ऑफ पोस्टल एम्पलॉइज़:

पूरे हिन्दोस्तान में हड़ताल 100 प्रतिशत कामयाब रही। सीएसटी, मुम्बई के जीपीओ का फोटो आपने देखा होगा। उसमें कोई भी नहीं था। पूरे हिन्दोस्तान में 5.5 लाख डाक मज़दूरों ने हिस्सा लिया। इनमें 3.25 लाख स्थायी मज़दूर तथा 2.25 लाख ग्रामीण डाक सेवकों का समावेष है। उनमें से 55 हज़ार महाराष्ट्र में हैं।

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फिरोज शाह कोटला रैली, २२ फरवरी १९९३, मजदूर एकता कमिटी

ऐतिहासिक फिरोज़शाह कोटला रैली की 20वीं सालगिरह:

राजनीतिक व्यवस्था में मूलभूत परिवर्तन लाने का आह्वान

22 फरवरी, 1993 को, 20 वर्ष पहले, संसद के बजट सत्र के प्रारंभिक दिन पर, मजदूरों, महिलाओं व मानव अधिकार कार्यकर्ताओं के संगठनों ने फिरोज़शाह कोटला पर, संयुक्त रूप से एक विरोध रैली आयोजित की थी, जिसमें प्रमुख संसदीय पार्टियों के अपराधी कार्यों की निंदा की गयी थी। रैली में भाग लेने वालों ने सभी ज़मीर वाले पुरुषों और स्त्रियों से अपील की कि

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मोहम्मद अफ़जल गुरु की फांसी की निंदा:

हिन्दोस्तानी लोकतंत्र” का असली चेहरा

9 फरवरी की सुबह को, अत्यंत गुप्त रूप से हिन्दोस्तानी राज्य ने मोहम्मद अफ़ज़ल गुरु को फांसी पर चढ़ाया और दिल्ली के तिहाड़ जेल में ही उसे दफना दिया। उसके परिवार और बाकी देशवासियों को फांसी हो जाने के बाद ही उसकी जानकारी मिली। अफ़ज़ल गुरु की फांसी एक बेशर्म और कायरतापूर्ण हरकत है जिसे कानून और न्

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