हालांकि, अमरीका ने यूएनएससी का स्थायी सदस्य होने के नाते, अपनी वीटो शक्ति का प्रयोग करते हुए, प्रस्ताव को पारित होने से रोक दिया। यह बिना किसी संदेह के, इस हक़ीक़त को दर्शाता है कि इज़रायल, पूरी तरह से अमरीकी साम्राज्यवाद द्वारा प्रदान किए गए बिना शर्त समर्थन के बलबूते पर ही, फ़िलिस्तीनी लोगों के ख़िलाफ़ अपने क़त्लेआमकारी हमले को जारी रखने में सक्षम है।
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बाबरी मस्जिद के विध्वंस की 32वीं बरसी पर :
हुक्मरान वर्ग की सांप्रदायिक विभाजनकारी राजनीति के ख़िलाफ़ एकजुट हों!
हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की केंद्रीय समिति का आह्वान, 29 नवंबर, 2024
सैकड़ों साल पहले, कथित तौर पर मंदिरों को ध्वस्त करके बनाई गई मस्जिदों के विनाश के आह्वान का समर्थन करके हिन्दोस्तान के लोगों को कुछ भी नहीं हासिल होने वाला है, बल्कि खोने के लिए बहुत कुछ है। बदले की भावना से की गयी ऐसी कार्रवाइयां सिर्फ अलग-अलग धार्मिक आस्थाओं के लोगों के बीच नफरत और दुश्मनी फैलाने का काम करती हैं। वे सरमायदार वर्ग की शोषणकारी और दमनकारी हुकूमत के ख़िलाफ़ मज़दूरों और किसानों की एकता को नष्ट करने का काम करती हैं।
देशभर में मज़दूरों और किसानों का प्रदर्शन
मज़दूर एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट
26 नवम्बर, 2024 को देशभर में मज़दूरों-किसानों ने अपनी मांगों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा व संयुक्त केन्द्रीय ट्रेड यूनियन मंच की अगुवाई में जुलूस, विरोध प्रदर्शन और धरने व रैलियां आयोजित कीं। 2020 में हुये किसानों के ऐतिहासिक संसद मार्च और मज़दूरों की आम हड़ताल की चैथी वर्षगांठ के अवसर पर, यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था।
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किसानों ने अपने हक़ के लिए संघर्ष तेज़ किया
अपने अधिकारों के लिए किसान संगठनों का संघर्ष पूरी तरह से न्यायोचित संघर्ष है। इसे पूरे मज़दूर वर्ग और लोगों का समर्थन प्राप्त है।
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राजस्थान के बिजली-कर्मियों का निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन
मज़दूर एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट
राजस्थान में बिजली के निजीकरण पर रोक लगाने की मांग को लेकर बिजली-कर्मी सड़कों पर हैं। 25 नवंबर, 2024 को बिजली-कर्मियों ने राज्यभर में सहायक अभियंता कार्यालयों पर काम का बहिष्कार करके धरना दिया। बिजली-कर्मियों ने उपखंड अधिकारी व सहायक अभियंताओं को मांगों का ज्ञापन सौंपा।
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ओपीएस की मांग को लेकर दिल्ली में ज़ोरदार प्रदर्शन
मज़दूर एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट
पेंशन सामाजिक सुरक्षा का ही एक रूप है जो एक कर्मचारी को एक निश्चित उम्र में या विकलांगता या अन्य परिस्थितियों के कारण काम से सेवानिवृत्त होने के बाद मिलती है। यह एक सर्वव्यापी अधिकार होना चाहिए और सभी मेहनतकश लोगों पर लागू होना चाहिए।
संयुक्त अरब-इस्लामिक शिखर सम्मेलन ने फ़िलिस्तीनी लोगों के ख़िलाफ़ इज़रायल के क्रूर हमले को तत्काल समाप्त करने की मांग की
इस शिखर सम्मेलन में, सभी सहभागियों ने ”संयुक्त राष्ट्र महासभा और इससे संबद्ध सभी संस्थाओं में इज़रायल की भागीदारी को निलंबित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समर्थन जुटाने“ और ”सभी देशों से इज़रायल को हथियारों और गोला-बारूद के निर्यात या हस्तांतरण पर प्रतिबंध लगाने का आह्वान करने“ का संकल्प लिया।
आगे पढ़ेंझांसी के अस्पताल में अग्निकांड :
मौजूदा पूंजीवादी व्यवस्था का अमानवीय चेहरा
15 नवंबर, 2024 की रात को लगभग 10:30 बजे उत्तर प्रदेश के जिला झांसी में स्थित रानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु गहन चिकित्सा केंद्र (एसएनसीयू) में भीषण आग लग गई। इस अग्निकांड में 10 नवजात बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई। 16 बच्चे गंभीर रूप से झुलस गए हैं। उनमें एक नवजात बच्चे ने 18 नवम्बर
आगे पढ़ेंअमरीकी राष्ट्रपति चुनाव 2024 :
लोगों को धोखा देने के लिए बदलाव का भ्रम
अमरीका में राष्ट्रपति चुनाव मुख्य रूप से सिर्फ दो पार्टियों – रिपब्लिकन पार्टी और डेमोक्रेटिक पार्टी के बीच का मुकाबला होता है। देश के सबसे धनी पूंजीपति मिलकर इन दोनों पार्टियों के चुनाव अभियानों में अरबों डॉलर का योगदान देते हैं। जबकि इसके परिणाम को लोगों की इच्छा की अभिव्यक्ति के रूप में प्रचारित किया जाता है, सच्चाई तो यह है कि ये सबसे बड़े इजारेदार पूंजीपतियों के नेतृत्व में पूंजीपति वर्ग की इच्छा की अभिव्यक्ति है।
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रेल चालकों का अधिवेशन संपन्न
भारतीय रेल चालकों के संगठन आल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन (ए.आई.एल.आर.एस.ए.) की दिल्ली मंडल और गाज़ियाबाद इकाई का द्विवर्षीय अधिवेशन 14 नवंबर, 2024 को गाज़ियाबाद में संपन्न हुआ।
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