हिन्दोस्तान-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते का दोनों देशों के किसानों ने विरोध किया

हिन्दोस्तान और यू.के. के बीच हस्ताक्षरित मुक्त व्यापार समझौते का उद्देश्य दोनों देशों के इजारेदार पूंजीपतियों के हितों को आगे बढ़ाना है, जिसमें कृषि उपज के व्यापार में शामिल लोग भी हैं। दोनों देशों के किसानों द्वारा एफटीए का विरोध किया जाना उचित है।

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नाज़ी जर्मनी के आत्मसमर्पण की 80वीं वर्षगांठ पर

9 मई, 2025 को नाज़ी जर्मनी के आत्मसमर्पण, जिसके साथ यूरोप में द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त हो गया था, की 80वीं वर्षगांठ मनाई गई।

यह एक ऐसा दिन है जिसे पूरी दुनिया के प्रगतिशील और शांतिपसंद लोग, नाज़ी फ़ासीवाद के कहर से दुनिया को आज़ाद कराने के लिए सभी देशों के लाखों-लाखों लोगों द्वारा की गयी अकल्पनीय कुरबानियों का सम्मान करने के लिए, मनाते हैं। यह बोल्शेविक पार्टी के नेतृत्व में, कॉमरेड स्तालिन की अगुआई में, समाजवादी सोवियत संघ के लोगों के वीरतापूर्ण कार्यों का सम्मान करने और उन्हें सलाम करने का दिन है, जिन्होंने नाज़ी जर्मनी को पराजित करने में अगुवा भूमिका निभाई थी। यह यूरोप और एशिया के कब्जे़ वाले देशों के अनगिनत देशभक्तों के कार्यों का सम्मान करने और उन्हें सलाम करने का दिन है, जिन्होंने कम्युनिस्टों के नेतृत्व में, अपने देशों को कब्ज़ाकारी ताक़तों की सेनाओं से आज़ाद कराने के संघर्ष में मौत को मात देने वाला साहस दिखाया था।

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तमिलनाडु में मई दिवस बड़े उत्साह के साथ मनाया गया

वर्कर्स यूनिटी मूवमेंट के संवाददाता की रिपोर्ट

तमिलनाडु में मज़दूरों ने अपने काम और ज़िन्दगी की अत्यंत शोषणकारी हालतों के प्रति, बहुत गुस्से के साथ तथा इस आदमखोर व्यवस्था को समाप्त करने के लिए, बड़े उत्साह और संकल्प के साथ इस साल का मई दिवस मनाया।

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किसानों ने अपनी मांगों के समर्थन में संघर्ष तेज़ किया

किसानों ने अपनी मांगों को उजागर करने के लिए 6 मई को शंभू सीमा तक मार्च की योजना बनाई थी। पंजाब सरकार और उसके पुलिस बलों ने किसानों के जुलूस को रोकने के लिए सबसे आपराधिक तरीक़ों का इस्तेमाल किया। कई किसान नेताओं को घर में नज़रबंद कर दिया गया, जबकि कई अन्य किसान कार्यकर्ताओं को नियोजित मार्च से एक दिन पहले पुलिस थानों में हिरासत में ले लिया गया। जैसे ही किसान जुलूस की तैयारी के लिए मोगा और जगरांव में इकट्ठा होने लगे, उन्हें रोक दिया गया। पुलिस ने बैरिकेड्स लगाए, शंभू बॉर्डर तक किसानों के जुलूस को रोकने के लिए रेत से लदे ट्रक और टिपर तैनात किए।

किसान निडर होकर अपनी मांगों के लिए संघर्ष को जारी रखने के लिए दृढ़-संकल्प हैं।

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अमरीकी साम्राज्यवाद के ख़िलाफ़ वियतनामी लोगों की एक महान प्रेरणादायी जीत को कभी नहीं भुलाया जा सकता!

पचास साल पहले, 30 अप्रैल, 1975 को वियतनाम के लोगों ने, हो ची मिन्ह के अगुवाई वाली अपनी कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व में, अपने देश को आज़ाद कराया था। 20 साल लंबे के एक बहादुर मुक्ति युद्ध के बाद, अदम्य वियतनामी लोगों ने साइगॉन (जिसे अब हो ची मिन्ह सिटी के रूप में जाना जाता है) में स्थित, अमरीकी साम्राज्यवाद और उसके कठपुतली शासन को एक करारी शिकस्त दी थी। अंत में जब वियतनामी मुक्ति सेनानियों के टैंक और सेना साइगॉन में घुसे, तो दुनिया की सबसे शक्तिशाली साम्राज्यवादी ताक़त के हाथों में मौजूद सभी बम, हथियार, विमान और घातक शस्त्रागार बेकार हो गए। अमरीकी राजदूत, अन्य पदाधिकारियों और उनके चमचों की शहर से भागने की हताश कोशिश में हेलीकॉप्टरों पर चढ़ने की तस्वीरें, कोई नहीं भूल सकता।

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कर्नाटक में आईटी मज़दूरों ने मई दिवस पर रैली आयोजित की

वर्कर्स यूनिटी मूवमेंट के संवाददाता की रिपोर्ट

मई दिवस के अवसर पर सैकड़ों आईटी मज़दूरों ने कर्नाटक स्टेट आईटी/आईटीईज़ एम्प्लॉइज़ यूनियन (केआईटीयू) के बैनर तले बेंगलुरु टाउन हॉल से फ्रीडम पार्क तक जोषपूर्ण जुलूस निकाला।

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हिन्दोस्तान और पाकिस्तान के बीच जंग हमारे दोनों देशों के लोगों के हितों के खिलाफ़ है!

हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की केंद्रीय समिति का बयान, 9 मई 2025
हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी हिन्दोस्तान के लोगों और जनता के अधिकारों की हिफ़ाज़त में संघर्ष करने वाली सभी राजनीतिक ताकतों से अपील करती है कि वे एकजुट रहें और हिन्दोस्तानी हुक्मरान वर्ग के अंधराष्ट्रवादी युद्ध उन्माद को खारिज़ करें। हमें सांप्रदायिक आधार पर बांटने की सभी कोशिशों को खारिज़ करें। हिन्दोस्तान और पाकिस्तान के बीच युद्ध का विरोध करें!

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आइए, 20 मई की सर्व हिन्द आम हड़ताल को सफल बनाएं!

मज़दूर एकता कमेटी का आह्वान, 9 मई 2025
इस हड़ताल के द्वारा हम मज़दूर केंद्र और राज्य सरकारों को बताना चाहते हैं कि वे “ईज़ ऑफ़ डूइंग बिज़नेस” के नाम पर हमारे अधिकारों पर जो हमले कर रहे हैं, हम उन्हें स्वीकार करने से इनकार करते हैं। हम यह स्वीकार करने से इनकार करते हैं कि पूंजीपतियों के लिए जो सबसे अच्छा है, वह देश के लिए भी सबसे अच्छा है। नहीं, पूंजीपतियों के लिए जो सबसे अच्छा है, वह मज़दूरों और किसानों के हितों के खिलाफ़ है। वह पूरे हिन्दोस्तानी समाज के हितों के खिलाफ़ है।

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महाराष्ट्र विशेष सार्वजनिक सुरक्षा विधेयक, 2024 का भारी विरोध

22 अप्रैल 2025 को कम्युनिस्ट पार्टियों, मानव अधिकार संगठनों, मज़दूरों, किसानों, महिलाओं और युवाओं के संगठनों के साथ-साथ नागरिक रक्षा संगठनों के हजारों कार्यकर्ताओं ने महाराष्ट्र विशेष सार्वजनिक सुरक्षा (एमएसपीएस) विधेयक, 2024 की निंदा करने के लिए पूरे महाराष्ट्र में विरोध प्रदर्शन किया। जिला कलेक्टरों और तहसीलदारों को एक संयुक्त ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें महाराष्ट्र राज्य सरकार से विधेयक वापस लेने की मांग की गई।

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