वोल्टास के मज़दूरों के क्रमिक भूख हड़ताल के 22 जुलाई, 2011 को 100 दिन पूरे हुये। इस अवसर पर, मुंबई स्थित इस टाटा कंपनी के मुख्यालय पर एक गेट सभा की गयी, जिसमें सैकड़ों मज़दूरों ने हिस्सा लिया।
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मारूती-सुजुकी मजदूरों ने यूनियन के चुनाव का बहिष्कार किया
मानेसर स्थित मारूती-सुजुकी प्लांट के मजदूरों की इच्छा के खिलाफ़, प्रबंधक ने 16 जुलाई, 2011 को कंपनी द्वारा मान्यता प्राप्त यूनियन के पदाधिकारियों का चुनाव आयोजित किया।
आगे पढ़ेंदिल्ली मेट्रो ठेका मजदूरों ने अपना अधिकार मांगा
16 जुलाई, 2011 को दिल्ली मेट्रो में काम करने वाले ठेका मजदूरों ने जन्तर-मन्तर पर विरोध प्रदर्शन किया। ये मजदूर दिल्ली मेट्रो कामगार यूनियन (डी.एम.के.यू.) के अगुवाई में श्रम कानूनों के उल्लंघन के खिलाफ़ एकत्रित हुये। इस यूनियन में टिकट विक्रेता, सफाई कर्मचारी और सिक्योरिटी गार्ड शामिल थे।
आगे पढ़ेंगोवा बंदरगाह मजदूरों की हड़ताल
15 जुलाई, 2011 को मोर्मुगोवा पोर्ट ट्रस्ट (एम.पी.टी.) में काम करने वाले मजदूरों ने हड़ताल किया। इस हड़ताल का ऐलान एम.पी.टी. के 6मजदूर संगठनों ने किया। यह हड़ताल मैकेनिकल और हैन्डलिंग प्लांट (एम.ओ.एच.पी.) बर्थ नम्बर 11, तथा “मूरिंग डॉलफिन्स” के निजीकरण के प्रस्ताव के खिलाफ़ की गयी। एम.पी.टी. का मैनेजमेंट यह कह कर निजीकरण को सही ठहरा रहा है कि एम.ओ.एच.पी. में घाटा हो रहा है।
आगे पढ़ेंमजदूर वर्ग की पहचान की हिफ़ाज़त में
1 पूंजीवादी अर्थशास्त्री और पत्रकार प्रतिदिन मजदूर वर्ग के बारे में – उसकी संख्या, गठन और क्रांतिकारी गुणों के बारे में – झूठा प्रचार करते रहते हैं। इसमें सबसे मुख्य प्रचार यह है कि मजदूर वर्ग अल्पसंख्या में है जबकि समाज में “मध्यम वर्ग” बहुसंख्या में है।
आगे पढ़ेंमुंबई में 13 जुलाई के आतंकवादी हमलों की निन्दा करें!
हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी मुंबई में 13 जुलाई, 2011 को तीन जगहों पर हुये आतंकवादी हमलों की निन्दा करती है।
इस अखबार के प्रकाशन के समय, सरकारी आंकड़ों के अनुसार 27लोगों की मौत हुई है और समाचार सूत्रों के अनुसार, लगभग सैकड़ों लोग बुरी तरह घायल हुये हैं। बहुत से लोगों की भारी आर्थिक क्षति भी हुई है। मृत लोगों के परिवारों, जीवन-मौत के बीच जूझ रहे लोगों, बुरी तरह घायल लोगों और आर्थिक क्षति के शिकार बने लोगों को हमारी पार्टी दिल से हमदर्दी प्रकट करती है। जैसा कि पहले भी हुआ है, इस बार भी मुंबई के लोगों ने धर्म और इलाके के भेदभाव की परवाह किये बिना, आगे आकर पीडि़तों की मदद की।
आगे पढ़ेंपाकिस्तान पर अमरीकी साम्राज्यवादी हमले मुर्दाबाद!
पाकिस्तान की सरकार और लोगों को अपनी संप्रभुता की हिफाज़त करने का पूरा अधिकार है!
अमरीकी साम्राज्यवादी “आतंकवाद पर जंग” के नाम पर, पाकिस्तान पर अपना दबाव बढ़ा रहे हैं। 22 जून, 2011 को अमरीकी राष्ट्रपति ओबामा ने अपने भाषण में पाकिस्तान को साफ-साफ धमकी दी कि उसे अमरीका के “आतंकवाद पर जंग” का पूरा-पूरा समर्थन करना चाहिये और अमरीका पाकिस्तान म
आगे पढ़ेंब्रिटेन में पेंशन कटौतियों के खिलाफ़ शिक्षकों और सार्वजनिक क्षेत्र के मज़दूरों के विरोध प्रदर्शन
गुरुवार, 30 जून 2011, ब्रिटेन की गठबंधन सरकार की पेंशन सुविधाओं में कटौतियों की नीति के खिलाफ़, देश भर में संचालित हड़ताल कार्यवाईयों का पहला दिन था।
आगे पढ़ेंवित्त पूंजी की तानाशाही के विरुद्ध यूनान में बग़ावत
28 और 29 जून, 2011 को जब यूनान की संसद “कठोरता” कानून को पास करने के लिये जमा हुई, तब यूनान में दसियों हजारों लोग इसके विरोध में सड़कों पर उतरे। कानून का सार है यूरोपीय और वैश्विक बैंकों के अपार लालच के लिये मेहनतकश लोगों की जबरदस्त लूट (बॉक्स देखिये)
आगे पढ़ेंसार्वजनिक वितरण व्यवस्था के बजाय पैसे देने के प्रस्ताव की कड़ी निंदा करें!
हिन्दोस्तान में सार्वजनिक वितरण व्यवस्था को खत्म करने की सरकार की विभिन्न कोशिशों में सबसे हाल की कोशिश ‘पैसे देने’ का तथाकथित प्रस्ताव है। इस योजना के अनुसार, गरीबी रेखा से नीचे आने वाले परिवारों को सार्वजनिक वितरण व्यवस्था के तहत भोजन आदि दिलाने के बजाय, अब कुछ पैसा दिया जायेगा।
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