खुदरा व्यापार में पूंजीपति इज़ारेदार कंपनियों के आने से खाद्य पदार्थों की कीमतों पर नियंत्रण लाने में मदद होगी, ऐसा दावा करके हिन्दोस्तानी सरकार अपने देश के बहुसंख्यक मेहनतकशों को बुध्दू बनाने की कोशिशकर रही है। इज़ारेदार कंपनियों का असली मकसद आवश्यक चीज़ों को मुनासिब दामों में प्रदान करना नहीं, बल्कि उत्पादकों के खून-पसीने को चूस कर अधिकतम मुनाफ़ा बनाना ही है। सरकार का असली मकसद है इसी के लिए अ
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ब्रिटेन का मज़दूर वर्ग और प्रगतिशील ताकतें नौजवानों पर हमलों के लिये राज्य को दोषी ठहराते हैं!
अगस्त 2011 की शुरुआत में ब्रिटेन के कई शहरों और नगरों में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन हुये और वहां की सड़कों पर दंगे-फसाद हुये। केमरॉन सरकार ने झट से नौजवानों को ''कानून और व्यवस्था की समस्या'' पैदा करने के लिये जिम्मेदार ठहराया, खास तौर पर अश्वेत नौजवानों को। कम्युनिस्टों, विभिन्न मज़दूर वर्ग के संगठनों और प्रगतिशीलराजनीतिक ताकतों ने इस सरकारी दावे का खंडन किया है। उन्होंने कहा है
आगे पढ़ेंसाम्राज्यवादियों, सिरिया से दूर हो जाओ!
जैसे-जैसे लिबिया की सरकार को गिराने के लिये उनका भयंकर सैनिक अभियान एक निर्णायक मोड़ पर पहुंच रहा है, वैसे-वैसे मुख्य पश्चिमी साम्राज्यवादी ताकतें – अमरीका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी – सिरिया में उसी अभियान को दोहराने के लिये हालतें तैयार कर रही हैं। ठीक जैसा लिबिया में किया गया था, वैसे ही ये ताकतें दुनिया की मीडिया के जरिये एक धुन में, हर घंटे यह प्रचार कर रही हैं कि सिरिया की सरकार कैसे &#
आगे पढ़ेंएयर इंडिया पर सी.ए.जी. की रिपोर्ट : एयर इंडिया प्रबंधन और सरकार के अपराध साबित हुये
नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सी.ए.जी.) ने एयर इंडिया पर 2005-10 की अवधि के लिये अपनी रिपोर्ट पेशकी है। इसमें प्रबंधन और सरकार को 50 बोइंग विमान की खरीदारी के लिये स्पष्ट रूप से दोषी ठहराया गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि एयर इंडिया की कार्यवाहियों के स्तर के अनुसार इन विमानों की खरीदारी को जायज़ नहीं ठहराया जा सकता है। यह जानी-मानी बात है कि बोइंग को संकट से बचाने के लिये किये गये इस सौदे
आगे पढ़ेंमुम्बई के रेल चालकों ने अपने ऊपर हमलों का विरोध किया
19 अगस्त, 2011 को मुम्बई में पश्चिम रेलवे की सबर्बन सेवाओं के चालकों ने शाम के 4:30 से 5:30 तक आकस्मिक हड़ताल की। वे अपने सहकर्मी की बर्खास्तगी के खिलाफ़ प्रतिरोध कर रहे थे। इस हड़ताल की वजह से पश्चिम रेलवे की सेवायें पूरी तरह ठप्प हो गयीं। रेल चालकों के इस एकजुट प्रतिरोध को देखकर, अधिकारियों को बर्खास्त मजदूर को वापस लेना पड़ा।
आगे पढ़ेंवोलटास के मजदूरों का संघर्ष जारी
वोलटास लिमिटेड (एक टाटा समूह कंपनी) के मजदूर, अपने यूनियन, वोलटास एम्पलाइज़ यूनियन की अगुवाई में, अपनी शिकायतोंको लेकर मुम्बई में कंपनी के मुख्यालय पर कई महीनों से श्रृंखलाबध्द भूख हड़ताल कर रहे हैं।
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मारूती-सुजुकी इम्प्लाईज यूनियन ने रैली निकली
12 सितम्बर, 2011 को मारूती-सुजुकी इम्प्लाईज यूनियन ने गुड कंडक्ट बांड की शर्त को हटाने, यूनियन के पदाधिकारियों सहित अन्य सभी मजदूरों को काम पर वापस लेने, यूनियन को मान्यता देने की मांग को लेकर गुड़गांव के कमला नेहरू पार्क से लेकर सचिवालय तक एक विशाल रैली निकाली। इस रैली में गुड़गांव और मानेसर स्थित अलग-अलग कंपनियों की यूनियनों और उनके कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।

मारूती सुजकी एम्पलाइज यूनियन की महा रैली
मारूती सुजकी एम्पलाइज यूनियन ने अपनी मांगों को लेकर 5 सितम्बर,2011 को आई.एम.टी.
भ्रष्ट हिन्दोस्तानी लोकतंत्र के खिलाफ़ जन आंदोलन :
लोगों को सत्ता में लाने के लक्ष्य के इर्द-गिर्द बढ़ती राजनीतिक एकता
वर्तमान भ्रष्ट राजनीतिक और आर्थिक व्यवस्था के खिलाफ़ अपना गुस्सा जाहिर करने के लिये, देश के कोने-कोने में, समाज के सभी तबकों से करोड़ों लोग सड़कों पर उतर आये। वे अन्ना हजारे और उनके सत्याग्रह का समर्थन करने को प्रेरित हुये। कई दूसरे जन संगठनों के साथ मिलकर उन्होंने ऐलान किया कि ''हम हिन्दोस्
आगे पढ़ेंजनता का मत सर्वोच्च है, संसद का मत नहीं!
हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की केन्द्रीय समिति का बयान, 28 अगस्त, 2011
जन आंदोलन से जनता में यह जागरुकता बढ़ गयी है कि वर्तमान लोकतंत्र की व्यवस्था में मूल समस्या यह है कि इसमें बड़े-बड़े व्यावसायिक हित और उनकी भ्रष्ट पार्टियां लोक सभा पर नियंत्रण करती हैं। इस बात का भी और ज्यादा पर्दाफाश हुआ है कि बहुपार्टीवादी प्रतिनिधित्ववादी लोकतंत्र एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें बड़े-बड़े शोषकों, भ्रष्ट मंत्रियों और अफसरों को हमारी भूमि और श्रम को लूटने की खुली छूट मिलती है।
हाल की गतिविधियों से मुख्य सवाल यह उठकर आया है कि सर्वोच्च ताकत कहां है और उसे कहां होना चाहिये। कौन संप्रभु है? क्या जनता का मत सर्वोच्च है या संसद का मत और मंत्रीमंडल का मत?
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