मारूती-सुजुकी के मानेसर प्लांट में तीसरी हड़ताल के समाप्त होने के बाद प्रबंधन ने प्लांट के मजदूरों और संपूर्ण मजदूर वर्ग पर जलील हमला किया है। 2 निलंबित नेताओं को धमकी देकर अपनी नौकरियों से इस्तीफा देने को मजबूर करके, प्रबंधन ने इजारेदार पूंजीपतियों की मीडिया के जरिये, इन दोनों नेताओं को पैसे से ''खरीदने'' की अफवाहें फैलायी हैं।
आगे पढ़ेंCategory: Hindi
Hindi articles
सुजुकी पावर ट्रेन की यूनियन ने संघर्ष करने का रास्ता चुना
10 नवम्बर, 2011 को मानेसर स्थित सुजुकी पावर ट्रेन के तीन निलंबित नेताओं ने प्रबंधन पर आरोप लगाया कि उन पर प्रबंधन पूरा दबाव डाल रहा है कि वे नौकरी से इस्तीफा देकर चले जायें। इसके लिए प्रबंधन भारी रिश्वत देकर उन्हें संघर्ष से पीछे हटने को मजबूर कर रहा है।
आगे पढ़ेंका. तलेकर, महासचिव, सेंट्रल रेलवे मोटरमैन्स एसोसिएशन
नई आर्थिक नीतियों की वजह से निजीकरण बढ़ गया है। उदाहरण के तौर पर, रेलवे में टिकट सेवाओं का आउटसोर्सिंग करने की कोशिशेंहो रही हैं। 3 महीने पहले उन्होंने जनता टिकट तथा आरक्षण सेवाएं शुरू की, जिनको निजी सस्थाएं चलाएंगी। ये काम पहले रेलवे स्टाफ से किया जाता था। उनको चरणों-चरणों में निकाला जाएगा। टिकट चेकिंग स्टाफ को भी निकाला जाएगा और यह काम निजी संस्थाओं के हाथों में दिया जाएगा। वी.टी.
आगे पढ़ेंनवम्बर 1984 का कत्लेआम कभी भुलाया नहीं जा सकता!
हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की केन्द्रीय समिति का बयान, 22 अक्तूबर, 2011
27 साल पहले, 1-3 नवम्बर, 1984 को हिन्दोस्तान के शासकों ने इंदिरा गांधी की हत्या के बाद, दिल्ली, कानपुर और अन्य जगहों पर सिख धर्म को मानने वाले हजारों बेकसूर लोगों का कत्लेआम किया था। शासक कांग्रेस पार्टी के जाने-माने नेताओं ने पुलिस के समर्थन के साथ, तीन दिन तक लग
आगे पढ़ें
राजनीतिक व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रशांत भूषण पर हमले की निंदा की
14 अक्तूबर, 2011 को लोक राज संगठन ने वरिष्ठ सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता तथा कार्यकर्ता, श्री प्रशांत भूषण पर हमले की निंदा करने के लिये और ज़मीर के अधिकार की हिफ़ाज़त में, एक बहुत महत्वपूर्ण राजनीतिक सभा आयोजित की। अनेक राजनीतिक पार्टियों और संगठनों के प्रतिनिधियों तथा ज़मीर वाले स्त्रियों और पुरुषों ने, बहुत ही कम समय में आयोजित की गई इस सभा में भाग लिया। सभी ने इस हमले की निंदा की और कश्मीर के
आगे पढ़ेंअक्तूबर क्रांति – मानव समाज के इतिहास में एक नया पड़ाव
94 वर्ष पहले, 7 नवम्बर को, लेनिन की बोलशेविक पार्टी की अगुवाई में रूस के मजदूर वर्ग और मेहनतकश लोग पूंजीपतियों और सभी शोषक वर्गों की राज्य सत्ता का तख्तापलट करने के लिए क्रांति में उठ खड़े हुए थे। उन्होंने पूंजीपतियों की राज्य सत्ता की जगह पर एक संपूर्णतया नयी राज्य सत्ता स्थापित की, जो मेहनतकशों की आकांक्षाओं का साकार रूप था। उन्होंने इतिहास में पहली बार समाजवाद की स्थापना करने और इंसान द्व
आगे पढ़ें
आओ अधिकारों के लिए मिलकर संघर्ष करें!
16 अक्तूबर, 2011 को लोक राज समिति संजय कालोनी की अगुवाई में, पानी और शौच जैसे बुनियादी अधिकारों पर समिति द्वारा की गई कार्यवाहियों पर प्रकाश डालने के लिए, दक्षिणी दिल्ली के ओखला औद्योगिक क्षेत्र में स्थित संजय कालोनी में सार्वजनिक सभा आयोजित की
पाकिस्तान की संप्रभुता को अमरीकी साम्राज्यवादी धमकी की निंदा करें!
बर्तानवी-अमरीकी साम्राज्यवाद एशिया से बाहर निकलो!
अमरीकी साम्राज्यवाद ने अपने भूतपूर्व मित्र, पाकिस्तान पर निशाना साध रखा है, जबकि पहले वह पाकिस्तान को “आतंकवाद पर जंग” में अपना “रणनैतिक सांझेदार” मानता था। बीते वर्ष के दौरान अमरीकी राष्ट्रपति ओबामा, विदेश सचिव हिलेरी क्लिंटन और सर्वोच्च अमरीकी सैनिक कमांडर व सी.आई.ए.
आगे पढ़ेंसशस्त्र बल (विशेष अधिकार) अधिनियम को रद्द करो!
हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी यह मांग करती है कि फासीवादी सशस्त्र बल (विशेष अधिकार) अधिनियम (ए.एफ.एस.पी.ए.) को रद्द किया जाये।
ए.एफ.एस.पी.ए.
आगे पढ़ेंआर्थिक सुधार कार्यक्रम पर मजदूर वर्ग के विचार
मजदूर वर्ग और मेहनतकशों की हिमायत करने वाले अखबार और संगठन बतौर, हम मेहनतकशों के नेताओं से यह सवाल कर रहे हैं कि 20 वर्ष पहले शुरू किये गये सुधारों के परिणामों के बारे में मेहनतकश हिन्दोस्तान के क्या विचार हैं। क्या उन सुधारों से मजदूर वर्ग और मेहनतकश जनसमुदाय को फायदा हुआ है या नुकसान?
आगे पढ़ें