नई आर्थिक नीति का लाभ पूंजीपतियों के साथ-साथ सरकार को भी हुआ है। इस नीति से सार्वजनिक तथा निजी उद्यमों में बड़े पैमाने पर उसने ठेका मज़दूरी लागू की है।
उदाहरण के तौर पर, रेलवे में साफ़-सफ़ाई ठेकेदार से करवाते हैं। तीसरी तथा चैथी श्रेणी के अनेक पदों को खत्म कर दिया गया है, लेकिन अफ़सरों के पद बढ़ाये गये हैं।
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