अखबारों में छपी हाल की रिपोर्टों के अनुसार, किसी ठेकेदार ने 15 मजदूरों को ओडिसा से दक्षिण अफ्रीका भेजने का समझौता किया और अकुशल श्रमिकों को प्रति माह 15000 रुपये तथा अर्धकुशल श्रमिकों, जैसे बेलदार और प्लंबर, को प्रतिमाह 16000 रुपये देने का वादा किया। परंतु मजदूरों को युगांडा भेज दिया गया और वहां उन्हें अत्यधिक शोषण का सामना करना पड़ा।
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भारतीय रेल के इंजन चालकों की न्याय-संगत मांगों का समर्थन करें!
यह बयान संयुक्त रूप से भारतीय रेल के इंजन चालकों के समर्थन में हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी सहित लोक राज संगठन, ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन, ऑल इंडिया रेलवे एम्प्लॉइज फेडरेषन, वेस्टर्न रेलवे मोटरमैन्स एसोसिएशन, एयर इंडिया एयरक्राफ्ट इंजीनियर्स एसोसिएशन, एयर इंडिया एम्प्लॉइज यूनियन, एयरपोर्ट अथारिटी ऑल इंडिया एम्प्लॉइज यूनियन, ऑल इंडिया सर्विस इंजीनियर्स एसोसिएशन, ऑल इंडिया व
आगे पढ़ेंमारूती-सुजुकी के मजदूरों और प्रबंधकों के बीच समझौता
14 दिन के लंबे संघर्ष के उपरांत मारूती-सुजुकी इंप्लाइज यूनियन और उनके समर्थन में उतरी सुजुकी पावरट्रेन इंप्लाईज यूनियन तथा सुजुकी मोटरसाईकिल इंप्लाईज यूनियन के साथ, प्रबंधन को 20 अक्तूबर, 2011 को हरियाणा सरकार की मध्यस्थता में समझौता करना पड़ा।
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मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ़ गुड़गांव के मजदूरों का विशाल प्रदर्शन
17 अक्तूबर, 2011 को मारूती-सुजुकी के मजदूरों के समर्थन में गुड़गांव स्थित नेहरू पार्क में एक विशाल रैली आयोजित की गई। गुड़गांव तथा मानेसर स्थित औद्योगिक क्षेत्र की कई कंपनियों के मजदूरों ने इस रैली में शामिल होकर केन्द्र और राज्य सरकार क

मारूती-सुजुकी के मजदूरों के समर्थन में प्रदर्शन
15 अक्तूबर, 2011 को मारूती-सुजुकी के मजदूरों के संघर्ष के समर्थन में मजदूर एकता कमेटी, आल इंडिया फेडरेशन आफ ट्रेड यूनियंस, इंकलाबी मजदूर केंद्र, इंडियन फेडरेशन आफ ट्रेड यूनियन, इंडियन काउंसिल आफ टेªड यूनियंस, मजदूर एकता केन्द्र सहित कई अन्य संगठनों के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने संयुक्त रूप से दिल्ली स्थित जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया और मारूती-सुजुकी के प्रबंधन तथा हरियाणा सरकार का पुतला फूं
आगे पढ़ेंरेल कर्मचारी आंदोलन की राह पर
21 अक्तूबर, 2011 को रेल कर्मचारियों ने गैंगमैन की भर्ती की माँग के लिए आंदोलन छेड़ा।
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कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी के चौथे महाअधिवेशन के दस्तावेज
कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी का चौथा महाअधिवेशन अक्टूबर २०१० के अंतिम सप्ताह में आयोजित किया गया था.
कामरेड लाल सिंह ने तीसरे महाधिवेशन द्वारा चुनी गयी केंद्रीय समिति की ओर से चौथे महाअधिवेशन की रिपोर्ट पेश कि. इस रिपोर्ट पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गयी और इसे स्वीकार किया गया. चौथे महाअधिवेशन के फैसले के अनुसार इसे छापने के लिए सम्पादित किया गया है. इस दस्तावेज में चौथे महाअधिवेशन द्वारा पारित किये गए फैसले भी मौजूद है.
(PDF दस्तावेज को डाउनलोड करने के लिए कवर चित्र पर क्लिक करें)
आगे पढ़ेंउदारीकरण और निजीकरण कार्यक्रम के बीस साल पर मज़दूर वर्ग का दृष्टिकोण
24 जुलाई, 1991 के दिन को हमारे देश के इजारेदार पूंजीपति घरानों ने ऐतिहासिक दिन बताया। इस दिन मनमोहन सिंह, जो नरसिंह राव सरकार में वित्तमंत्री थे, उन्होंने अपने बजट भाषण में उदारीकरण और निजीकरण के जरिये हिन्दोस्तानी पूंजी के वैश्वीकरण के कार्यक्रम को पेश किया। इजारेदार पूंजीपति, मीडिया के जरिये प्रचार कर रहे हैं कि हिन्दोस्तान में स्वर्ण अवधि की शुरुआत करने के लिये मनमोहन सिंह की प्रशंसा की ज
आगे पढ़ेंप्रशान्त भूषण पर हमले की निंदा करें! ज़मीर के अधिकार की हिफ़ाज़त में एकजुट हों!
हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की केन्द्रीय समिति का बयान, 13 अक्तूबर, 2011
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अमरीकी साम्राज्यवाद द्वारा अफगानिस्तान पर हमले की दसवीं बरसी पर :
साम्राज्यवाद-विरोधी ताकतें साम्राज्यवादियों को एशिया से बाहर भगाने का वादा करती हैं
9 अक्तूबर, 2011 को नई दिल्ली में साम्राज्यवाद-विरोधी ताकतों ने एक सार्वजनिक सभा आयोजित की। लोक राज संगठन और जमात ए इस्लामी हिन्द ने म