वर्ष 2024 में देश के कई हिस्सों में मज़दूरों, किसानों, महिलाओं और युवाओं ने अपने अधिकारों के लिए बड़े पैमाने पर संघर्ष किए।
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Hindi articles
हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की 44वीं सालगिरह पर समारोह
इस वर्ष 25 दिसंबर को हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की स्थापना की 44वीं सालगिरह है। इस अवसर को दिल्ली और कई अन्य स्थानों पर, हिन्दोस्तान व विदेशों में मनाया गया।
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हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की 44वीं सालगिरह के अवसर पर केन्द्रीय समिति की ओर से महासचिव कामरेड लाल सिंह का भाषण
मज़दूर और किसान एक ऐसी नई व्यवस्था के लिए तरस रहे हैं जो उनके हितों की रक्षा करेगी। इस लक्ष्य को हासिल करने में निर्णायक कारक मज़दूर वर्ग की हिरावल पार्टी का निर्माण और मजबूतीकरण है, एक ऐसी पार्टी जो मार्क्सवाद-लेनिनवाद की वैज्ञानिक शिक्षाओं का सख़्ती से पालन करती है।
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बिजली के निजीकरण के खि़लाफ़ देशभर में संघर्ष
मज़दूर एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट
देशभर में बिजली कर्मचारियों ने विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति की अगुवाई में बिजली के निजीकरण के विरोध में आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। इस संघर्ष ने उत्तर प्रदेश, राजस्थान व चंडीगढ़ में अब ज़ोर पकड़ लिया है।
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किसान आन्दोलन एमएसपी की मांग पर अडिग
पंजाब व हरियाणा के बीच खनौरी व शंभू बोर्डर पर 13 फरवरी, 2024 से धरने पर बैठे आंदोलित किसानों ने 30 दिसम्बर को पंजाब बंद का आह्वान किया। किसान मजदूर मोर्चा, किसान मजदूर संघर्ष कमेटी पंजाब, भारतीय किसान यूनियन एकता सिद्धुपुर, भारतीय किसान यूनियन (क्रान्तिकारी) तथा हरियाणा के किसान संगठन, भारती किसान यूनियन-शहीद भगत सिंह ने 30 दिसंबर के पंजाब बंद को क़ामयाब करने के लिये दम लगाकर काम किया। इस बंद की सफलता के लिए 27 दिसम्बर से पंजाब के प्रत्येक जिले में अभियान चलाये गए। अनेक मज़दूर, किसान व व्यापारी संगठन इस आन्दोलन का समर्थन कर रहे हैं।
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रेल चालकों का सर्व हिन्द अधिवेशन संपन्न
मज़दूर एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट
ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन (ए.आई.एल.आर.एस.ए.) का 24वां द्विवार्षिक अधिवेशन 17-18 दिसम्बर, 2024 को पटना के गांधी मैदान के क़रीब, श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में, बहुत ही जोशपूर्ण वातावरण में हुआ। इस अधिवेशन में पूरे देश से लगभग 3,000 रेल चालक परिवार सहित गर्मजोशी के साथ शामिल हुये। इसमें महिला लोको पायलटों ने बड़ी संख्या में अपनी उपस्थिति दर्ज़ की।
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महिलाओं के ख़िलाफ़ भेदभाव और हिंसा को ख़त्म करने के लिए पूंजीवाद को ख़त्म करना होगा
मौजूदा राज्य, पूंजीवादी व्यवस्था और पूंजीपति वर्ग के शासन की रक्षा करता है और उसे क़ायम रखता है। पूंजीपति वर्ग की राजनीतिक पार्टियां और राज्य की सभी संस्थाएं, जिनमें कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका शामिल हैं, महिलाओं के उत्पीड़न और भेदभाव को क़ायम रखती हैं।
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शंभू बार्डर पर हरियाणा पुलिस द्वारा किसानों पर किए गए हमले की निंदा करें
किसानों को दिल्ली आकर केंद्र सरकार के समक्ष अपनी मांग रखने का पूरा अधिकार है। सभी फ़सलों के लिए क़ानूनी तौर पर गारंटीकृत एमएसपी की मांग एक जायज़ मांग है जिसे हमारे देश के मज़दूर वर्ग और लोगों का समर्थन प्राप्त है। शंभू बॉर्डर पर किसानों पर हरियाणा पुलिस द्वारा किए गए हमले की कड़ी निंदा की जानी चाहिए।
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महिलाओं के उत्पीड़न के विरोध में प्रदर्शन
मज़दूर एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट
16 दिसंबर, 2024 को नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर तमाम महिला संगठनों ने मिलकर, महिलाओं पर बढ़ती हिंसा और उत्पीड़न के खि़लाफ़, – ‘निर्भया से अभया तक’ स्मृति व प्रतिरोध में – इस शीर्षक पर एक संयुक्त जनसभा आयोजित की। जिसमें मेहनतकश महिलाओं व पुरुषों के साथ-साथ, बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं व नौजवानों ने भाग लिया।
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बाबरी मस्जिद के विध्वंस की 32वीं बरसी पर जनसभा
विरोध प्रदर्शन का आयोजन लोक राज संगठन, सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया, वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया, हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी, जमात-ए-इस्लामी-हिंद, लोक पक्ष, सिटिज़न्स फॉर डेमोक्रेसी, स्टूडेंट्स इस्लामिक ऑर्गनाइजेशन, मज़दूर एकता कमेटी, पुरोगामी महिला संगठन, सिख फोरम, सीपीआई (एम-एल) – न्यू प्रोलेतेरियन, यूनाइटेड मुस्लिम फ्रंट ने संयुक्त रूप से किया। भाग लेने वाले संगठनों के प्रतिनिधियों ने राज्य द्वारा आयोजित सांप्रदायिक हिंसा और लोगों के सांप्रदायिक बंटवारे की राजनीति को ख़त्म करने और संघर्ष को आगे बढ़ाने पर अपने विचार रखे।
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