No_Tech_for_Apartheid


इज़रायली सेना के साथ गूगल के सहयोग का मज़दूरों द्वारा विरोध

पूरे अमरीका के परिसरों में, साथ ही अमरीकी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के कार्यालयों में, लोग गाज़ा में इजराइल द्वारा किए गए नरसंहार को किसी भी प्रकार के समर्थन के ख़िलाफ़ उग्रवादी विरोध प्रदर्शन जारी रखे हुए हैं। अमरीका में गूगल के मज़दूरों ने कंपनी द्वारा इजरायली सेना को कंप्यूटिंग सेवाओं की आपूर्ति के ख़िलाफ़ अपना विरोध तेज कर दिया है। मज़दूरों

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इज़रायल  से “संयम” दिखाने का अमरीका का आह्वान एक दिखावा है

इज़रायल को ईरान और पश्चिम एशिया के अन्य देशों पर हमले करने से रोकना तो दूर, अमरीका पश्चिम एशिया में इज़रायल को अपनी गोली-भरी हुई पिस्तौल के रूप में इस्तेमाल कर रहा है, जिसका निशाना फ़िलिस्तीनी, ईरानी और मध्य-पूर्व इलाके के अन्य लोग हैं।

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संयुक्त राष्ट्र मानव अधिकार परिषद ने सभी देशों से इज़रायल को हथियारों की बिक्री रोकने का आह्वान किया

5 अप्रैल को संयुक्त राष्ट्र मानव अधिकार परिषद ने ”पूर्वी येरुशलम सहित कब्ज़ा किये गये फ़िलिस्तीनी क्षेत्र में मानव अधिकार की स्थिति और जवाबदेही और न्याय सुनिश्चित करने का दायित्व“ शीर्षक वाले एक प्रस्ताव पर मतदान किया।

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Iran_Israel


पश्चिम एशिया में जंग के बढ़ने के लिए ईरान नहीं, बल्कि इज़रायल ज़िम्मेदार है

1 अप्रैल को इज़रायल ने सीरिया के दमिश्क में ईरानी दूतावास पर मिसाइल से हमला किया। दूतावास पूरी तरह नष्ट हो गया। ईरानी सेना के जनरलों सहित कई अधिकारी मारे गए। अंतरराष्ट्रीय संबंधों का यह जाना-माना असूल है कि किसी देश के दूतावास पर हमला उस देश पर हमले से कम नहीं है।

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निजीकरण और उदारीकरण के कार्यक्रम के ख़िलाफ़ एकजुट हों!

मज़दूरों और किसानों की हुकूमत स्थापित करने के लिए संघर्ष करें!

मई दिवस 2024 पर हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की केंद्रीय समिति का आह्वान

मज़दूर साथियों !

मई दिवस ऐसे समय पर आ रहा है जब मज़दूर और किसान पूंजीपति वर्ग के निजीकरण और उदारीकरण कार्यक्रम के खिलाफ़ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। बेरोज़गारी अभूतपूर्व स्तर पर पहुंच गई है। जो नौकरियाँ मिल रही हैं, उनमें से अधिकतम बहुत ही घटिया स्तर की नौकरियां हैं। रोज़गार-शुदा मज़दूरों के वेतन खाद्य और ईंधन की तेजी से बढ़ती कीमतों से पीछे चल रहे हैं। किसानों को घटती आमदनी और असहनीय कर्ज-बोझ का सामना करना पड़ रहा है।

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हमारे पाठकों से
न्यूनतम समर्थन मूल्य देना संभव है

संपादक महोदय, मैंने मज़दूर एकता लहर में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर छपे पार्टी के लेख को पढ़ा। लेख बहुत ही अच्छा लगा। मैं इस पर कहना चाहता हूं कि पूंजीपतियों के शुभचिंतकों का कहना है कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं दिया जा सकता है। उनका मानना है कि अगर ऐसा किया गया तो सरकार को 10 लाख करोड़

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हमारे पाठकों से
फ़सलों के लिये एम.एस.पी. की मांग

संपादक महोदय, मज़दूर एकता लहर के अंक मार्च 16-31 में छपा लेख – कृषि उत्पादों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी आवश्यक है – को पढ़ने के बाद एक बात समझ में आयी कि दो साल पहले किसानों ने सरकार के ख़िलाफ़ आंदोलन क्यों चलाया था, जिसमें अपनी फ़सलों के लिये एम.एस.पी. की मांग की थी और तीन कृषि

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Pro-Palestinian_Demonstration


इज़रायल द्वारा किये जा रहे जनसंहारक युद्ध के ख़िलाफ़ ब्रिटेन में विशाल विरोध प्रदर्शन

13 अप्रैल को इज़रायली जाउनवादी सरकार द्वारा किए जा रहे जनसंहार के ख़िलाफ़ ब्रिटेन के लाखों लोगों ने लंदन में एक विशाल विरोध प्रदर्शन में भाग लिया। विरोध प्रदर्शन रसेल स्क्वायर से शुरू होकर ब्रिटिश संसद के सामने पार्लियामेंट स्क्वायर पर ख़त्म हुआ।

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Right_to_MSP_stage


महाराष्ट्र में एमएसपी अधिकार सम्मेलन का आयोजन


विदर्भ और मराठवाड़ा महाराष्ट्र के दो पिछड़े क्षेत्र हैं। यहां की मुख्य फ़सलें कपास, सोयाबीन और अरहर हैं। इन दोनों क्षेत्रों में क़र्ज़ के कारण राज्य में किसानों की आत्महत्याओं की सबसे बड़ी संख्या देखी गई है। किसान अपने क़र्ज़ के संकट से तभी बाहर निकल पायेंगे जब घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर उनकी फ़सलों की गारंटीकृत ख़रीद होगी।

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SRMU_Tiruchy-protest


दक्षिण रेलवे के लोको पायलटों के न्यायोचित संघर्ष का समर्थन करें!


ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन (एआईएलआरएसए) के बैनर तले दक्षिण रेलवे के विभिन्न मंडलों के लोको पायलटों ने 5 अप्रैल 2024 को दक्षिण रेलवे के सभी मंडल कार्यालयों के सामने प्रदर्शन किया।

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