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मारुति-सुज़ुकी के मज़दूरों के साथ हुई नाइंसाफी के खि़लाफ़ धरना

मज़दूर एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट

30 सितम्बर, 2024 को हरियाणा के आईएमटी मानेसर की तहसील पर, मारुति सुज़ुकी वर्कर्स यूनियन के तहत, मारुति सुज़ुकी स्ट्रगल कमेटी की अगुवाई में, बर्खास्त मज़दूरों को काम पर वापस लिए जाने की मांग को लेकर धरना आयोजित किया गया।

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पार्टी की मुंबई इलाका कमेटी द्वारा आयोजित चर्चा :
महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा के कारण

9 अगस्त, 2024 को कोलकता में हुई वीभत्स घटना ने, जिसमें एक युवा महिला डॉक्टर के साथ क्रूरतापूर्वक बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई। इसने एक बार फिर हमारे देश में महिलाओं के साथ होने वाली हिंसा की समस्या को उजागर कर दिया है।

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किसान आंदोलन और एम.एस.पी. की मांग पर सभा

मज़दूर एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट

22 सितम्बर, 2024 को मज़दूर एकता कमेटी ने एम.एस.पी. की मांग पर एक सभा का आयोजन किया। इस सभा में पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, दिल्ली, पूर्वोत्तर राज्यों, सहित कई अन्य देशों —  इंग्लैंड, कनाडा, आस्ट्रेलिया आदि से लोग शामिल हुए। इस सभा में मुख्य वक्ता थे – मज़दूर  एकता कमेटी से श्री संतोष कुमार; भारतीय किसान यूनियन एकता डकौंदा से श्री अंग्रेज सिंह भादोर तथा श्री मंजीत सिंह धनेर; तथा किसान मज़दूर  संघर्ष कमेटी (पंजाब) के श्री सुखविन्दर सिंह सभरा।

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किसान आंदोलन और एम.एस.पी. की मांग पर 22 सितम्बर को सभा :
मज़दूर एकता कमेटी की तरफ से कामरेड संतोष कुमार की प्रस्तुति

मज़दूर एकता कमेटी ने आज की इस सभा को यह समझने के लिए आयोजित किया है कि सरकार के किसानों की एम एस पी की मांग को न मानने का असली कारण क्या है।

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एमएसपी की मांग को लेकर धरना जारी

मज़दूर एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट

26 सितम्बर, 2024 को हजारों की संख्या में किसानों ने खरीफ फसल की एमएसपी की मांग को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा की अगुवाई में हनुमानगढ़ कलेक्ट्रेट का घेराव किया।

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संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इज़रायल से फ़िलिस्तीनी भूमि पर क़ब्ज़ा समाप्त करने का निर्देश दिया

18 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक आपातकालीन विशेष सत्र में, एक वर्ष के भीतर फ़िलिस्तीनी क्षेत्रों पर इज़रायल के क़ब्ज़े को समाप्त करने का निर्देश देते हुए एक प्रस्ताव को भारी बहुमत से पारित किया।

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लेबनान पर इज़रायल के आतंकवादी हमले की निंदा करें

17 सितंबर, 2024 को लेबनान में सैकड़ों हैंडहेल्ड पेजर एक साथ फट गए। इसमें दो बच्चों सहित कम से कम 12 लोग मारे गए। तीन हज़ार से ज्यादा पुरुष, महिलाएं और बच्चे घायल हुए, जिनमें से कई की हालत गंभीर है। इस हमले में लेबनान में ईरानी राजदूत घायल हो गए।

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श्रम शक्ति में महिलाओं की भागीदारी

जब महिलाएं तमाम बाधाओं के बावजूद नौकरी करती हैं, तो साथ ही उन्हें नई पीढ़ी के पालन-पोषण की बड़ी ज़िम्मेदारी लेनी पड़ती है और घर के अधिकांश काम भी निपटाने पड़ते हैं।

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मणिपुर में जारी हिंसा के लिए शासक वर्ग ज़िम्मेदार

पूर्वोत्तर क्षेत्र के लोगों का हिन्दोस्तानी-केंद्रीय राज्य के ख़िलाफ़ एकजुट संघर्ष का एक लंबा इतिहास रहा है। उन्होंने बार-बार राजकीय-आतंकवाद और सैन्य शासन के ख़िलाफ़, आफ्सपा के ख़िलाफ़ और अपने मानवाधिकारों और लोकतांत्रिक अधिकारों की सुरक्षा के लिए लंबी लड़ाई लड़ी है। जनजातीय और नस्ली पहचान के आधार पर लोगों के विभिन्न तबकों को एक-दूसरे के खि़लाफ़ भड़काना, हिन्दोस्तानी शासक वर्ग द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला पसंदीदा तरीक़ा रहा है। इसके ज़रिये राजकीय आतंकवाद को जारी रखा जाता है और लोगों के अधिकारों के उल्लंघन को जायज़ ठहराया जाता है। इसका इस्तेमाल अतीत में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकारों ने भी किया है। इस समय भाजपा सरकारों द्वारा इसी तरीके का इस्तेमाल किया जा रहा है।

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सैमसंग के मज़दूर ने अपने अधिकारों के लिए हड़ताल शुरू की

मज़दूर एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट

तमिलनाडु के सृपेरूबदूर के पास सुंगुवरचत्रम में सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स फैक्ट्री के मज़दूरों ने 9 सितंबर, 2024 से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। वे अपनी यूनियन को मान्यता देने, वेतन संशोधन और काम की बेहतर परिस्थितियों की मांग कर रहे हैं।

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