जूनियर डॉक्टरों का जारी आंदोलन, सुरक्षा की कमी, आराम करने की जगह की कमी और लंबे समय तक काम करने की भयानक स्थिति को दर्शाता है, जिसका डॉक्टरों को सामना करना पड़ता है। यह भी दर्शाता है कि सरकारी स्वास्थ्य प्रणाली में इन जरूरी समस्याओं को दूर करने के लिए सरकार गंभीर नहीं है, जिसे डॉक्टरों ने उजागर किया है।
आगे पढ़ेंAuthor: hindi_cgpiadmin
एम.एस.पी. पर ख़रीद के लिये जिला कलेक्ट्रेट का घेराव किया
मज़दूर एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट
राजस्थान के जिला हनुमानगढ़ के किसानों और मज़दूरों ने 8 अक्तूबर, 2024 को भारत माता चौक को जाम किया। यह चक्का जाम, ख़रीफ़ की फ़सलों – मूंग, धान, बाजरा, मंूगफली – की एम.एस.पी. पर ख़रीद की मांग को लेकर किया गया। किसानों ने उक्त धरने की योजना 4 अक्तूबर को धरना स्थल पर की थी। यह पूरा कार्यक्रम संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले आयोजित किया जा रहा है।
आगे पढ़ेंबिहार में बाढ़ से लाखों लोग बेघर :
बार-बार होने वाली तबाही का हल निकालना ज़रूरी है
समस्या के समाधान में बाधा यह है कि हिन्दोस्तानी राज्य ने लोगों की भलाई सुनिश्चित करने की ज़रूरत को कभी अपनी प्राथमिकता नहीं बनाया है। पूंजीपतियों के लिए अधिकतम मुनाफ़ा सुनिश्चित करना ही राज्य की प्राथमिकता है।
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काम की दमनकारी परिस्थितियों के खि़लाफ़ लोको रनिंग स्टाफ का संघर्ष सभी मेहनतकश लोगों के समर्थन का हक़दार है!
कामगार एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट
3 अक्तूबर, 2024 को गांधीधाम पश्चिम रेलवे के 410 लोको पायलट (एलपी) और सहायक लोको पायलट (एएलपी) ने 82 घंटे के बाद अपनी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल समाप्त कर दी। उन्होंने ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन (एआईएलआरएसए) के नेतृत्व में अपना आंदोलन शुरू किया था। उनके संघर्ष ने कांडला और मुंदरा बंदरगाहों के महत्वपूर्ण क्षेत्र में माल यातायात को ठप्प कर दिया था। संघर्ष को तोड़ने के सभी प्रयास विफल होने के बाद, रेलवे अधिकारियों को मज़दूरों की मुख्य मांगों को स्वीकार करना पड़ा।
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लद्दाख से दिल्ली आये आंदोलनकारियों पर केंद्र सरकार के दमन की निंदा करें!
लद्दाख के लोगों का आंदोलन देश में एक मूलभूत परिवर्तन लाने के लिये आंदोलन का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य लोगों की ज़िन्दगी से जुड़े सभी फै़सलों में लोगों की भागीदारी को बढ़ाना है। उनका संघर्ष सभी मेहनतकश लोगों के समर्थन का पात्र है।
आगे पढ़ेंगाज़ा में जनसंहार का एक वर्ष :
इज़रायल को फ़िलिस्तीनी लोगों के खि़लाफ़ अपना युद्ध तुरंत बंद करना चाहिए!
हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की केंद्रीय समिति का बयान, 9 अक्टूबर 2024
सभी प्रगतिशील लोगों को फ़िलिस्तीनी लोगों के अपने राष्ट्रीय अधिकारों के लिए संघर्ष का पूरा-पूरा समर्थन करना चाहिए।
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इज़रायल द्वारा गाज़ा में नरसंहार और लेबनान में हमलों का विश्वव्यापी विरोध
इन हमलों के शुरू होने के बाद से एक भी सप्ताह ऐसा नहीं बीता जब दुनिया के किसी न किसी देश में लोग नरसंहार का विरोध करने के लिए सड़कों पर न उतरे हों। मज़दूर, विश्वविद्यालय के छात्र व शिक्षक, और मेहनतकश लोगों ने बड़ी संख्या में फ़िलिस्तीनियों के खिलाफ़ इस बर्बर अमानवीय हिंसा की निंदा कर रहे हैं।
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प्रधानमंत्री मोदी की अमरीका यात्रा
हिन्दोस्तानी राज्य, अमरीका के जितना क़रीब आएगा, उस पर वैश्विक मामलों में, अमरीकी साम्राज्यवाद के नेतृत्व का अनुसरण करने का उतना ही अधिक दबाव होगा। सैन्य और खुफ़िया सहित कई क्षेत्रों में, हिन्दोस्तानी राज्य की अमरीका के साथ बढ़ती निकटता, हिन्दोस्तानी लोगों, हमारी स्वतंत्रता और सुरक्षा और अन्य देशों के लोगों के साथ हमारे संबंधों के लिए, एक बहुत बड़ा ख़तरा बन रहा है।
आगे पढ़ेंसुप्रीम कोर्ट ने दोषियों को बरी किया :
नागालैंड में राजकीय आतंक के शिकार लोगों के साथ नाइंसाफ़ी
सशस्त्र बल लोगों के ख़िलाफ़ अपराध करते हैं, क्योंकि उन्हें इन अपराधों के लिए किसी भी सज़ा से छूट दी गई है। इन राज्यों के लोग लंबे समय से अपने राज्यों से आफ्स्पा को हटाने की मांग कर रहे हैं। यह एक उचित मांग है जिसका हिन्दोस्तान के सभी न्यायप्रिय लोगों का समर्थन प्राप्त है।
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मारुति-सुज़ुकी के मज़दूरों के साथ हुई नाइंसाफी के खि़लाफ़ धरना
मज़दूर एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट
30 सितम्बर, 2024 को हरियाणा के आईएमटी मानेसर की तहसील पर, मारुति सुज़ुकी वर्कर्स यूनियन के तहत, मारुति सुज़ुकी स्ट्रगल कमेटी की अगुवाई में, बर्खास्त मज़दूरों को काम पर वापस लिए जाने की मांग को लेकर धरना आयोजित किया गया।
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