चुनावी बांड का किस्सा :
पूंजीपति वर्ग कैसे अपनी हुक्मशाही चलाता है

चुनावी बांड पर प्रतिबंध लगाने का सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला, चुनाव अभियानों के लिए पूंजीपतियों द्वारा धन दिए जाने और सरकारों पर सरमायदारों के नियंत्रण के केवल एक तरीके़ को रोकने वाला है। हिन्दोस्तानी राज्य पर सरमायदारों का प्रभुत्व अन्य तरीक़ों से क़ायम रहेगा।

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लोकसभा चुनाव 2024: पेंशन हमारा अधिकार

मज़दूर एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट
लोकसभा चुनाव 2024 के लिए चल रहे प्रचार अभियान के संदर्भ में पेंशन का अधिकार एक ज्वलंत मुद्दा है। मज़दूर एकता कमेटी (एम.ई.सी.) इन आंदोलनों के हिस्से के रूप में पेंशन के अधिकार के लिए सक्रिय रूप से अभियान चला रही है। इस अभियान के तहत, एम.ई.सी. ने 12 मई, 2024 को “पेंशन हमारा अधिकार है” विषय पर एक मीटिंग आयोजित की।

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मणिपुर की अनंत त्रासदी

पिछले एक साल की घटनाओं ने वास्तव में इस बात की पुष्टि की है कि केंद्र और राज्य सरकारों ने एक-दूसरे के साथ मिलकर काम किया है। लेकिन उन्होंने अराजकता और हिंसा को ख़त्म करने के उद्देश्य से नहीं, बल्कि इसे और बढ़ावा देने के उद्देश्य से सहयोग किया है।

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कार्ल मार्क्स की 206वीं सालगिरह पर :
महान क्रांतिकारी और कम्युनिज़्म के योद्धा को लाल सलाम

कार्ल मार्क्स एक महानतम क्रांतिकारी विचारक व मज़दूर वर्ग के महान नेता थे।  उनका जन्म 5 मई, 1818 को हुआ था। उनके जीवन का लक्ष्य था पूंजीवाद को उखाड़ फेंकने और मज़दूर वर्ग तथा पूरे समाज को सभी प्रकार के शोषण से मुक्त कराने में अपना योगदान देना।

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एयर इंडिया के मज़दूरों ने काम शर्तों का विरोध किया

2022 में टाटा ग्रुप द्वारा एयर इंडिया और उसकी सहायक कंपनी एयर इंडिया एक्सप्रेस के अधिग्रहण के बाद, एयर इंडिया का विस्तारा एयरलाइंस के साथ और एयर इंडिया एक्सप्रेस का एयर एशिया इंडिया के साथ विलय हो गया।

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एयर इंडिया के सर्विस इंजीनियरों ने हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी

राज्य के स्वामित्व वाली एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेज लिमिटेड (ए.आई.ई.एस.एल.) के इंजीनियरों ने 6 मई को घोषणा की कि वे लंबे समय से लंबित संशोधित वेतन भुगतान के तत्काल कार्यान्वयन की मांग को लेकर 24 मई से हड़ताल पर जाएंगे।

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नए संशोधित पेटेंट नियमों से दवाओं की क़ीमतें बढ़ने का ख़तरा

केंद्र सरकार ने अपने पेटेंट नियमों में संशोधन किया है जिससे बहुराष्ट्रीय दवा कंपनियों के लिए कई दवाओं को बाज़ार में महंगे दामों पर बेचना आसान हो जाएगा।

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आमदनी और धन की बढ़ती असमानता का समाधान

हमारे देश में अति-अमीर पूंजीपतियों और मज़दूरों व किसानों की आमदनी और संपत्ति के बीच का अंतर अभूतपूर्व स्तर पर पहुंच गया है। हाल ही में प्रकाशित एक शोध पत्र में अनुमान लगाया गया है कि 2022-23 में, हिन्दोस्तानी आबादी के सबसे अमीर एक प्रतिशत ने राष्ट्रीय आमदनी का 23 प्रतिशत कमाया और देश की कुल संपत्ति के 40 प्रतिशत पर उनकी मालिकी है। अमीर और गरीब के बीच की खाई दुनिया के अधिकांश अन्य देशों की तुलना में ज्यादा है।

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1857 का महान ग़दर – सदैव प्रेरणा का स्रोत रहेगा

1857 का ग़दर हमारे इतिहास की धारा को तय करने वाला एक महत्वपूर्ण क्षण था। इस ग़दर ने एक नई राजनीतिक हस्ती के विचार और नज़रिए को जन्म दिया – यह नई राजनीतिक हस्ती एक ऐसा हिन्दोस्तान है, जहां इस देश के लोग उसके मालिक हैं।

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तमिलनाडु में मई दिवस मनाया गया

वर्कर्स यूनिटी मूवमेंट के संवाददाता की रिपोर्ट

मई दिवस 2024 पूरे तमिलनाडु में उत्साहपूर्वक मनाया गया। ट्रेड यूनियनों ने फैक्ट्री गेट पर लाल झंडा फहराया। मज़दूर यूनियनों ने भी अधिकांश शहरों और कस्बों में सार्वजनिक सभायें कीं और जुलूस आयोजित किये। इन सभाओं और जुलूसों में, मज़दूरों ने अपने वीरतापूर्वक बलिदानों को याद किया, जिनकी बदौलत उन्होंने कुछ अधिकार हासिल किये हैं।

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